For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

मन निर्मल निर्झर, शीतल जलधर, लहर लहर बन, झूमे रे..

मन बनकर रसधर, पंख  प्रखर  धर, विस्तृत अम्बर, चूमे रे..

ये मन सतरंगी, रंग बिरंगी, तितली जैसे, इठलाये..

जब प्रियतम आकर, हृदय द्वार पर, दस्तक देता, मुस्काये.. 

डॉ. प्राची.

मौलिक , अप्रकाशित.

Views: 949

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on February 4, 2013 at 8:50pm

रचना को पसंद कर अनुमोदित के लिए आभार आदरणीया मीना पाठक जी 


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on February 4, 2013 at 8:45pm

आदरणीय सौरभ जी, सादर प्रणाम !

त्रिभंगी छंद पर रचना लिखना सच में मुश्किल है, चार दिन से कोशिश में थी,  बार बार लिख रही थी काट रही थी, शिल्प भाव कथ्य सब एक साथ त्रिभंगी छंद में सिमट ही नहीं रहे थे, आखिरकार इस रचना के कथ्य व भाव संतृप्ति पर आपका अनुमोदन मिलना बहुत संतुष्टि प्रदान कर रहा है, जिस हेतु आपकी ह्रदय से आभारी हूँ. सादर.

क्या वाष्प की जगह प्रखर शब्द प्रयुक्त करना उचित होगा..? राय दें ! सादर.


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on February 4, 2013 at 7:51pm

छंद का बहुत ही अच्छा प्रयास हुआ है, डॉ.प्राची. बहुत-बहुत बधाई. कथ्य की दृष्टि से भी रचना गहरी है. आपका हार्दिक धन्यवाद कि आपने इतनी सुन्दर रचना से भाव-तृप्त किया.

वाष्प पंख  को देख लें, आदरणीया. उच्चारण-भंग का दोष बन रहा है.

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on February 4, 2013 at 5:18pm

आपने अपने निर्मल निर्झर मन की स्वच्छंद सुखद अनुभूतियों को बहुत मधुर स्वर में अभिव्यक्त किया है, डॉ प्राची बहनजी। मन को छूती इस मधुर स्वर अभिव्यक्ति के लिए हार्दिक बधाई 

 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on February 4, 2013 at 5:05pm

मन बनकर रसधर, वाष्प पंख धर, विस्तृत अम्बर, चूमे रे..वाह वाह वाह इस पंक्ति हेतु प्रिय प्राची मन झूम उठा बहुत बहुत बधाई इस छंद पर  

Comment by Meena Pathak on February 4, 2013 at 1:23pm

बहुत सुन्दर .. बधाई 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186

ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 186 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का मिसरा आज के दौर के…See More
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"  क्या खोया क्या पाया हमने बीता  वर्ष  सहेजा  हमने ! बस इक चहरा खोया हमने चहरा…"
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"सप्रेम वंदेमातरम, आदरणीय  !"
Sunday
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

Re'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
Saturday
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"स्वागतम"
Dec 13

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आदरणीय रवि भाईजी, आपके सचेत करने से एक बात् आवश्य हुई, मैं ’किंकर्तव्यविमूढ़’ शब्द के…"
Dec 12
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Dec 10
anwar suhail updated their profile
Dec 6
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

न पावन हुए जब मनों के लिए -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

१२२/१२२/१२२/१२****सदा बँट के जग में जमातों में हम रहे खून  लिखते  किताबों में हम।१। * हमें मौत …See More
Dec 5
ajay sharma shared a profile on Facebook
Dec 4
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"शुक्रिया आदरणीय।"
Dec 1
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, पोस्ट पर आने एवं अपने विचारों से मार्ग दर्शन के लिए हार्दिक आभार।"
Nov 30

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service