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दिल में खौफ़े खुदा भी लाया जाए

दिल में खौफ़े खुदा भी लाया जाए

अच्छे बुरे का फर्क जाना जाए

कब्ल इसके उंगली उठाओ सब पर

अपने दिल को भी तो खंगाला जाए

यूँ तो उनकी की है फजीहत सबने

प्यार उनसे कभी जताया जाए

निकले बाहर गरीबों की आवाज़ें

उनको भी तो कभी सुन लिया जाए

पहले इसके बिगड़ जायें हालात

जुल्मों को वक़्त रहते रोका जाए 

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Comment

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Comment by नादिर ख़ान on December 3, 2012 at 10:19am

बहुत शुक्रिया सीमा जी , शलिनी जी एवं अदरणीय वीनस जी रचना(गज़ल की कोशिश) पसंद करने के लिए  आभार ...

Comment by वीनस केसरी on December 3, 2012 at 12:13am

सुन्दर भावाभिव्यक्ति

Comment by shalini kaushik on December 1, 2012 at 3:20pm
पहले इसके बिगड़ जायें हालात

जुल्मों को वक़्त रहते रोका जाए
ekdam sahi kaha nadir ji aapne.sundar bhavabhivyakti.badhai .
Comment by seema agrawal on December 1, 2012 at 12:22pm

दिल में खौफ़े खुदा भी लाया जाए

अच्छे बुरे का फर्क जाना जाए

कब्ल इसके उंगली उठाओ सब पर

अपने दिल को भी तो खंगाला जाए.......

बहुत बढ़िया ग़ज़ल नादिर खान जी ...इन दो अश'आर पर विशेष बधाई 

कृपया ध्यान दे...

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