For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

गाँव की विधवाओं को सरकार की ओर से सहायता राशि वितरित की जा रही थी. तभी एक नौजवान विधवा अपने हिस्से की धनराशि लेने मंच की ओर बढ़ी, जिसे देख नेता जी ने सरपंच के कान में धीरे कहा,
"ये लड़की कौन है ?"
"
ये नंदू लुहार की बहू है नेता जी."
"अरे भई इसको तो बाकियों से ज्यादा पैसा मिलना चाहिए था."
"वो क्यों नेता जी ?"
"अरे
मुखिया जी, ज़रा बॉडी तो देखिए ससुरी की."  

 

Views: 936

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


प्रधान संपादक
Comment by योगराज प्रभाकर on November 7, 2012 at 2:24pm

आपके उत्साह वर्धन का दिल से आभारी हूँ आद राजेश कुमारी जी।


प्रधान संपादक
Comment by योगराज प्रभाकर on November 7, 2012 at 2:23pm

सादर धन्यवाद आद मार्कंड दवे जी।


प्रधान संपादक
Comment by योगराज प्रभाकर on November 7, 2012 at 2:23pm

सादर धन्यवाद सीमा अग्रवाल जी।


प्रधान संपादक
Comment by योगराज प्रभाकर on November 7, 2012 at 2:22pm

ह्रदय से धन्यवाद रेखा जोशी जी।  


प्रधान संपादक
Comment by योगराज प्रभाकर on November 7, 2012 at 2:22pm

आदरणीय सौरभ भाई जी, आपने रचना के मर्म को समझा और मेरा हौसला बढाया। आपको दिल से धन्यवाद कहता हूँ 


प्रधान संपादक
Comment by योगराज प्रभाकर on November 7, 2012 at 2:21pm

भाई पियूष जी, दिल से आभार।


प्रधान संपादक
Comment by योगराज प्रभाकर on November 7, 2012 at 2:20pm

अग्रज लक्ष्मण प्रसाद लडीवाला जी, सादर धन्यवाद 


प्रधान संपादक
Comment by योगराज प्रभाकर on November 7, 2012 at 2:19pm

आदरणीय अशोक कुमार रक्ताले जी, रचना पसंद करने हेतु दिल से आभार।


प्रधान संपादक
Comment by योगराज प्रभाकर on November 7, 2012 at 2:18pm

दिल से धन्याद भाई गणेश बागी जी।


प्रधान संपादक
Comment by योगराज प्रभाकर on November 7, 2012 at 2:18pm

आदरणीय प्रदीप सिंह कुशवाहा जी लघु कथा पसंद करने के लिए दिल से आभार।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post सुखों को तराजू में मत तोल सिक्के-लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आदरणीय लक्ष्मण भाई अच्छी ग़ज़ल हुई है , बधाई स्वीकार करें "
40 minutes ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post पूनम की रात (दोहा गज़ल )
"आदरणीय सुरेश भाई , बढ़िया दोहा ग़ज़ल कही , बहुत बधाई आपको "
42 minutes ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी
"आदरणीया प्राची जी , ग़ज़ल पर उपस्थित हो उत्साह वर्धन करने के लिए आपका हार्दिक आभार "
44 minutes ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Dr.Prachi Singh commented on गिरिराज भंडारी's blog post तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी
"सभी अशआर बहुत अच्छे हुए हैं बहुत सुंदर ग़ज़ल "
yesterday
सुरेश कुमार 'कल्याण' posted a blog post

पूनम की रात (दोहा गज़ल )

धरा चाँद गल मिल रहे, करते मन की बात।जगमग है कण-कण यहाँ, शुभ पूनम की रात।जर्रा - जर्रा नींद में ,…See More
Monday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी posted a blog post

तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी

वहाँ  मैं भी  पहुंचा  मगर  धीरे धीरे १२२    १२२     १२२     १२२    बढी भी तो थी ये उमर धीरे…See More
Monday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल -मुझे दूसरी का पता नहीं ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय लक्ष्मण भाई , उत्साह वर्धन के लिए आपका हार्दिक आभार "
Monday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-176
"आ.प्राची बहन, सादर अभिवादन। दोहों पर उपस्थिति और उत्साहवर्धन के लिए आभार।"
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Dr.Prachi Singh replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-176
"कहें अमावस पूर्णिमा, जिनके मन में प्रीत लिए प्रेम की चाँदनी, लिखें मिलन के गीतपूनम की रातें…"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-176
"दोहावली***आती पूनम रात जब, मन में उमगे प्रीतकरे पूर्ण तब चाँदनी, मधुर मिलन की रीत।१।*चाहे…"
Saturday
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-176
"स्वागतम 🎉"
Jul 12
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

सुखों को तराजू में मत तोल सिक्के-लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'

१२२/१२२/१२२/१२२ * कथा निर्धनों की कभी बोल सिक्के सुखों को तराजू में मत तोल सिक्के।१। * महल…See More
Jul 10

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service