For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

दस रंग भरे
दस रूप धरे
दशहरा हरा कर दे जग को.

दस आशाएं
दस उम्मीदें
दस आकांक्षाएं पूरी हों.

दस आँचल हों
दस गोद भरें
दस बूटे बेल सजे संग संग.

दस द्वेष जलें
दस ईर्ष्याएँ
दस तर्क वितर्क हों धूमिल भी.

दस अलंकार
दस विद्याएँ
दस सिद्धि मिलें दस दीप जलें.

दस ओर हमारा यश गूंजे
दस पदकों की खन-खन भी हो
दस पद अंतर की ओर चलें
दस परिमार्जित हों इच्छाएं .

दस मित्र बने
दस बातें हों
दस रचनाएं आकार धरें .

दस प्रण कर लें
दस वचन भी दें
दस वादे पूरे कर लें हम .

दस अंतर का रावण वध हो
दस कुम्भकर्ण कर दें जागृत
दस माताएं आयें वर दें
दशहरा हरा कर दे जग को
दशहरा भरा कर दे जग को .

Views: 1133

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Abhinav Arun on October 18, 2010 at 3:54pm
आचार्य सलिल जी,श्री प्रीतम जी और प्रिय बागी जी आप सबको रचना पसंद आयी .आभार.!!. प्रशंसा हौसला और ऊर्जा देती है. ओ.बी. ओ. ने मुझमे भी नई तरंग का संचार किया है .अपेक्षाओं पर खरा उतरूं ये प्रयास रहेगा.पुनः विनम्र अभिवादन .!!.
Comment by sanjiv verma 'salil' on October 18, 2010 at 9:57am
abhinav ke abhinav prayas kee das dish faile keerti naval.
Comment by PREETAM TIWARY(PREET) on October 17, 2010 at 9:10pm
ek baat main likhna bhul gaya ki is rachna ke liye "preetam tiwary Salutes you"
Comment by PREETAM TIWARY(PREET) on October 17, 2010 at 9:10pm
दस यश युक्त हो ओ बी ओ
दस कोटि सदस्य आयें गायें
दस हज़ार सुंदर रचनाएँ .

दस सौ वर्षों का साथ साथ
दस दस देशों में विस्तृत हों
दस वर्णन हों दस गुंजन हों
दस बिम्बों के नित दर्शन हों.

waah arun bhaiya waah....bahut khub rachna hai aapki ye to....OBO ke liye jo ye aapne prarthana ki hai iske liye bahut bahut dhanybaad aur shubhkamnaye....

मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on October 17, 2010 at 8:40pm
दस यश युक्त हो ओ बी ओ
दस कोटि सदस्य आयें गायें
दस हज़ार सुंदर रचनाएँ .

दस सौ वर्षों का साथ साथ
दस दस देशों में विस्तृत हों
दस वर्णन हों दस गुंजन हों
दस बिम्बों के नित दर्शन हों.
वाह वाह अरुण भाई, दशहरे पर बहुत ही बढ़िया सौगात आपने दिया है, माता रानी आप की कलम को ताकत दे |
दस मित्र बने
दस बातें हों
दस रचनाएं आकार धरें .

दस प्रण कर लें
दस वचन भी दें
दस वादे पूरे कर लें हम .
बहुत ही बेहतरीन प्रस्तुति, बहुत बहुत बधाई आपको |
Comment by Abhinav Arun on October 17, 2010 at 9:26am
दस यश युक्त हो ओ बी ओ
दस कोटि सदस्य आयें गायें
दस हज़ार सुंदर रचनाएँ .

दस सौ वर्षों का साथ साथ
दस दस देशों में विस्तृत हों
दस वर्णन हों दस गुंजन हों
दस बिम्बों के नित दर्शन हों.

दशहरा सृजन के आँगन में
दस शब्द सहस्त्रों के काबिल
दस तीर चलें दस अस्त्र शस्त्र
दस सुंदर सुंदर भाव जगें.
दशहरा हरा कर दे जग को
दशहरा भरा कर दे जग को .

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी commented on शिज्जु "शकूर"'s blog post ग़ज़ल: मुराद ये नहीं हमको किसी से डरना है
"आदरणीय सौरभ सर, मैं इस क़ाबिल तो नहीं... ये आपकी ज़र्रा नवाज़ी है। सादर। "
8 hours ago
Sushil Sarna commented on शिज्जु "शकूर"'s blog post ग़ज़ल: मुराद ये नहीं हमको किसी से डरना है
"आदरणीय जी  इस दिलकश ग़ज़ल के लिए दिल से मुबारकबाद सर"
8 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . . उमर
"आदरणीय गिरिराज जी सृजन आपकी मनोहारी प्रतिक्रिया और सुझाव  का दिल से आभार । प्रयास रहेगा पालना…"
8 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . . उमर
"आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी सृजन के भावों को मान और सुझाव देने का दिल से आभार । भविष्य के लिए  अवगत…"
8 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . लक्ष्य
"आदरणीय  अशोक रक्ताले जी सृजन को आत्मीय मान से सम्मानित करने का दिल से आभार । बहुत सुन्दर सुझाव…"
8 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on शिज्जु "शकूर"'s blog post ग़ज़ल: मुराद ये नहीं हमको किसी से डरना है
"आ. शिज्जू भाई,एक लम्बे अंतराल के बाद आपकी ग़ज़ल पढ़ रहा हूँ..बहुत अच्छी ग़ज़ल हुई है.मैं देखता हूँ तुझे…"
11 hours ago
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा सप्तक. . . लक्ष्य

दोहा सप्तक. . . . . लक्ष्यकैसे क्यों को  छोड़  कर, करते रहो  प्रयास । लक्ष्य  भेद  का मंत्र है, मन …See More
13 hours ago
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"आदरणीय योगराज जी, ओबीओ के प्रधान संपादक हैं और हम सब के सम्माननीय और आदरणीय हैं। उन्होंने जो भी…"
14 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on शिज्जु "शकूर"'s blog post ग़ज़ल: मुराद ये नहीं हमको किसी से डरना है
"आदरणीय अमीरुद्दीन साहब, आपने जो सुझाव बताए हैं वे वस्तुतः गजल को लेकर आपकी समृद्ध समझ और आपके…"
14 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . . उमर
"आदरणीय सुशील भाई , दोहों के लिए आपको हार्दिक बधाई , आदरणीय सौरभ भाई जी की सलाहों कर ध्यान…"
15 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post कुंडलिया. . .
"आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी सृजन आपकी मनोहारी प्रशंसा से समृद्ध हुआ । "
15 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post कुंडलिया. . .
"आदरणीय शिज्जू शकूर जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय जी "
15 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service