For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

जश्न-ए-ईद रिपोर्ट : दीपक शर्मा 'कुल्लुवी'

जश्न-ए-ईद

 

रिपोर्ट : दीपक शर्मा 'कुल्लुवी'

Photo:Deepak kulluvi,Jawed naqvi sahib,Krishna,Md.Hamid Khan Sahib,Arundhati Roy,Yasmin Khan,Kumud,Zoya & her friends

जश्न-ए-ईद मनाने का खूबसूरत मौक़ा हमें इस बार फिर हिन्दोस्तान की जानी मानी हस्तियों के साथ हिदो'स्तानी शास्त्रीय संगीत के मशहूर गायक 'मोहम्मद हमीद खान' जी के घर पर मिला I वैसे  तो हर साल ही हम बुलाए.....बिन बुलाए शामिल होते ही  हैं क्योंकि बहुत पुराना दोस्ती भाईचारे का इक  प्यारा सा  रिश्ता  है खान साहब और उनके परिवार के साथ लेकिन इस बार की ईद हमारे लिए कुछ खास थी क्योंकि इस बार  हिन्दोस्तान की दो जानी मानी मशहूर हस्तियाँ  बहुत बड़े जर्नलिस्ट,लेखक  जावेद 'नकवी' साहब और विश्व विख्यात उपन्यासकार  'अरुंधति रॉय'   मौजूद थी I उनके साथ हमने एक बेहतरीन शाम बिताई I एक तरफ ईद थी तो दूसरी तरफ खान साहब की नन्ही सी प्यारी सी शहज़ादी 'जोया' खान का जन्मदिन भी I

Photo:,Jawed Naqvi Sahib,Arundhati Roy, Deepak kulluvi & Kumud,Sharma enjoing Music

 इतने बड़े कलाकारों की मौजूदगी में गीत संगीत की महफ़िल न हो ऐसा हो ही नहीं सकता I इसलिए खान साहब के प्रिय  शागिर्द श्री राम अवतार जी  नें  खान साहब की खूबसूरत दिलकश बंदिशें सुनाई,तबले पर संगत कर रहे थे श्री दलीप सागर जी,कृष्णा जी के बंसी वादन नें तो सारे माहौल  को रोमांच की बुलंदियों पर पहुंचा दिया 'नकवी' साहब नें भी उनकी जमकर तारीफ की, मेरी धर्मपत्नी  'कुमुद' नें राग मालकौस  पर आधारित  मेरा लिखा पहाड़ी  भजन 'राधा कन्ने नच्चदे कृष्ण मुरारी' सुनाया  वोह भी अरुंधति जी और नकवी साहब को खूब भाया I 

Photo :Yasmin Khan, Deepak kulluvi & Lovely Dog of Khan Sahib

'अरुंधति' जी और 'नकवी' साहब को  दूर जाना था इसलिए लगभग रात दस बजे उनहोंने हम सबसे बिदा ली I उसके बाद भी महफ़िल गर्मजोशी   से चलती रही I हमने भी बहती गंगा में हाथ धो लिए I अपना लिखा और कम्पोज़ किया ताज़ा तरीन  गीत 'कूका मेरी जान ओ रब्बा कूका मेरी जान' सुनाया 'कूका' खान साहब की बेटी जोया का घर का नाम है  हामिद जी ने  भी अपनी चिर परिचित आवाज़ में मनमोहक बंदिशे सुनाई I खान  साहब की शरीक-ए-हयात  'यासमीन खान 'ने आए हुए  तमाम मेहमानों की खातिरदारी हर बार की तरह दिल से  बड़ी शिदद्त से हँसे मुस्कुराते हुए  की I

शाम-ए-ईद इतनी हसीन थी की अल्फाजों में वयां करना  आसाँ नहीं   

 

                                                                         

Views: 622

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Deepak Sharma Kuluvi on August 23, 2012 at 9:50am
न पिलाओ हमें इतना के इश्क हो जाए
एक ग़म उसका था पहले तेरा भी हो जाए
नवल जी, सौरभ पाण्डेय जी आपका बेहद शुक्रिया जो हमारी ईद पसंद आई शायद यही हमारी ईदी है....... 



सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on August 22, 2012 at 6:40pm

ईद की शाम होती ही है दिलकश. एक-एक पल अमीर होता है. उस पर से बुलाये गये ख़ासुलख़ास मेहमानों के बीच मौसीकी की लहरियों में गोते खाते दीपक शर्माजी, आप सपत्नीक ! वाह !  बहुत दिल से आपने उन पलों को साझा किया है. गोया हम भी वहीं हों.

सधन्यवाद

Comment by Naval Kishor Soni on August 22, 2012 at 6:18pm

मुबारक हो आप सभी को.

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Profile IconDr. VASUDEV VENKATRAMAN, Sarita baghela and Abhilash Pandey joined Open Books Online
1 hour ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"आदाब। रचना पटल पर नियमित उपस्थिति और समीक्षात्मक टिप्पणी सहित अमूल्य मार्गदर्शन प्रदान करने हेतु…"
9 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार। रचना पटल पर अपना अमूल्य समय देकर अमूल्य सहभागिता और रचना पर समीक्षात्मक टिप्पणी हेतु…"
9 hours ago
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा सप्तक. . . सागर प्रेम

दोहा सप्तक. . . सागर प्रेमजाने कितनी वेदना, बिखरी सागर तीर । पीते - पीते हो गया, खारा उसका नीर…See More
10 hours ago
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"आदरणीय उस्मानी जी एक गंभीर विमर्श को रोचक बनाते हुए आपने लघुकथा का अच्छा ताना बाना बुना है।…"
10 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: मिथिलेश वामनकर
"आदरणीय सौरभ सर, आपको मेरा प्रयास पसंद आया, जानकार मुग्ध हूँ. आपकी सराहना सदैव लेखन के लिए प्रेरित…"
11 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: मिथिलेश वामनकर
"आदरणीय  लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर जी, मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार. बहुत…"
11 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहजाद उस्मानी जी, आपने बहुत बढ़िया लघुकथा लिखी है। यह लघुकथा एक कुशल रूपक है, जहाँ…"
11 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"असमंजस (लघुकथा): हुआ यूॅं कि नयी सदी में 'सत्य' के साथ लिव-इन रिलेशनशिप के कड़वे अनुभव…"
13 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"आदाब साथियो। त्योहारों की बेला की व्यस्तता के बाद अब है इंतज़ार लघुकथा गोष्ठी में विषय मुक्त सार्थक…"
yesterday
Jaihind Raipuri commented on Admin's group आंचलिक साहित्य
"गीत (छत्तीसगढ़ी ) जय छत्तीसगढ़ जय-जय छत्तीसगढ़ माटी म ओ तोर मंईया मया हे अब्बड़ जय छत्तीसगढ़ जय-जय…"
yesterday
LEKHRAJ MEENA is now a member of Open Books Online
Wednesday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service