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ज़माना याद रखे जो ,कभी ऐसा करो यारो .

ज़माना याद रखे जो ,कभी ऐसा करो यारो .
अँधेरे को न तुम कोसो, अंधेरों से लड़ो यारो .

निशाने पे नज़र जिसकी ,जो धुन का हो बड़ा पक्का ;
'बटोही श्रमित हो न बात जाये जो ' बनो यारो .

जगत में भूख है ,तंगी - जहालत है जहां देखो ;
करो सर जोड़-कर चारा चलो झाडू बनो यारो .

रखे जो आग सीने में, जो मुख पे राग रखता हो ;
अगर कुछ भी नही तो राग दीपक तुम बनो यारो .


नदी भी धार बहती है,लहू भी धार बहती है ,
जो धारा प्रेम की लाये वो भागीरथ बनो यारो .

धर्म के वास्ते जीना ही जीना ,जान लो सारे;
अगर लड़ना ही लाज़िम हो, नफस से तुम लडो यारो .
दीप जिर्वी





--
deepzirvi9815524600

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Comment by DEEP ZIRVI on October 12, 2010 at 3:41pm
satish ji ,ashish ji,gnesh ji ,dhnyavaad
Comment by satish mapatpuri on October 11, 2010 at 4:44pm
रखे जो आग सीने में, जो मुख पे राग रखता हो ;
अगर कुछ भी नही तो राग दीपक तुम बनो यारो .
नदी भी धार बहती है,लहू भी धार बहती है ,
जो धारा प्रेम की लाये वो भागीरथ बनो यारो .
बेहतरीन दीप जी, धन्यवाद.
Comment by DEEP ZIRVI on October 11, 2010 at 4:16pm
दीपक न्ही बंधुवर; दीप ज़ीर्वी
Comment by आशीष यादव on October 11, 2010 at 4:02pm
जगत में भूख है ,तंगी - जहालत है जहां देखो ;
करो सर जोड़-कर चारा चलो झाडू बनो यारो .

रखे जो आग सीने में, जो मुख पे राग रखता हो ;
अगर कुछ भी नही तो राग दीपक तुम बनो यारो .

waah, kya baat kahi hai aapne.

मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on October 11, 2010 at 8:38am
नदी भी धार बहती है,लहू भी धार बहती है ,
जो धारा प्रेम की लाये वो भागीरथ बनो यारो .

बहुत बढ़िया प्रयास है दीपक साहब, भाव अच्छे है , बहुत खूब ,

कृपया ध्यान दे...

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