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जिनके लिए हमने दिल औ जान लुटाई .

मिली  सिर्फ  उनसे हमको है  बेवफाई |
...............................................
सजदा किया उसका निकला वो हरजाई ,
मुहब्बत के बदले पायी  हमने रुसवाई |
...............................................
धडकता है दिले नादां सुनते ही शहनाई,
पर तक़दीर से हमने तो  मात  ही खाई |
................................................
न भर नयन तू आग तो दिल ने है लगाई ,
धोखा औ फरेब फितरत में, दुहाई है दुहाई,|
................................................
छोड़ गए क्यूँ तन्हां दे कर लम्बी जुदाई,
जी लेंगे बिन तेरे ,काट लेंगे सूनी तन्हाई |

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Comment by SURENDRA KUMAR SHUKLA BHRAMAR on July 6, 2012 at 12:12am

सजदा किया उसका निकला वो हरजाई ,

मुहब्बत के बदले पायी  हमने रुसवाई |
आदरणीया रेखा जी सटीक वर्णन है आज गति पर है ये बेवफाई ...चेताती हुयी सुन्दर रचना 
भ्रमर 5 
भ्रमर का दर्द और दर्पण  
Comment by Pradeep Kumar Kesarwani on July 5, 2012 at 11:46pm
न भर नयन तू आग तो दिल ने है लगाई ,...धोखा औ फरेब फितरत में, दुहाई है दुहाई,|..... क्या खूब कहा है....
बधाही हो ....
Comment by Rekha Joshi on July 5, 2012 at 10:38pm

उमाशंकर जी ,गजल पसंद आने पर आपका बहुत बहुत धन्यवाद 

Comment by UMASHANKER MISHRA on July 5, 2012 at 10:28pm

दर्द भरी गज़ल है सुन्दर अति सुन्दर

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