For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

वेदना संवेदना अपाटव कपट
को त्याग बढ़ चली हूँ मैं
हर तिमिर की आहटों का पथ
बदल अब ना रुकी हूँ मैं
साथ दो न प्राण लो अब
चलने दो मुझे ओ प्राण प्रिये ।

निश्चल हृदय की वेदना को
छुपते हुए क्यों ले चली मैं
प्राण ये चंचल अलौकिक
सोचते तुझको प्रतिदिन
आह विरह का त्यजन कर
चलने दो मुझे ओ प्राण प्रिये ।

अपरिमित अजेय का पल
मृदुल मन में ले चली मैं
तुम हो दीपक जलो प्रतिपल
प्रकाश गौरव  बन चलो अब
चलने दो मुझे ओ प्राण प्रिये ।

मौन कर हर वितथ पनघट
साथ नौका की धार ले चली मैं
मृत्यु की परछाई में सुने हर
पथ की आस ले चली मैं
दूर से ही साथ दो अब
चलने दो मुझे ओ प्राण प्रिये ।

--- दीप्ति शर्मा

Views: 1453

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Rekha Joshi on August 1, 2012 at 6:58pm

आपकी रचना प्राण प्रिये को माह की सर्वश्रेष्ठ रचना का सम्मान मिलने पर बहुत बहुत बधाई दीप्ति जी 


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on August 1, 2012 at 6:01pm
प्रिय दीप्ति जी, आपकी रचना प्राण प्रिये को माह की सर्वश्रेष्ठ रचना का सम्मान मिलने पर आपको बहुत बहुत हार्दिक बधाई.. 
Comment by deepti sharma on July 20, 2012 at 10:39pm

आदरणीय अरुण श्रीवास्तव जी बहुत बहुत शुक्रिया ।

Comment by Arun Sri on July 19, 2012 at 1:46pm

सुन्दर कविता ! शब्द संयोजन महादेवी वर्मा जी की  याद दिलाते हैं !

Comment by deepti sharma on July 19, 2012 at 1:27pm

आदरणीय अविनाश जी ,, आपकी सराहना मिली मेरा प्रयास सफल हुआ बहुत बहुत शुक्रिया

Comment by AVINASH S BAGDE on July 14, 2012 at 11:18pm

हर तिमिर की आहटों का पथ
बदल अब ना रुकी हूँ मैं
साथ दो न प्राण लो अब
चलने दो मुझे ओ प्राण प्रिये ।

दीप्ती जी, सुन्दर रचना के लिए  बधाई...

Comment by deepti sharma on July 11, 2012 at 6:59pm

आदरणीय मनोज कुमार झा  जी , आपका बहुत बहुत आभार

Comment by deepti sharma on July 11, 2012 at 6:59pm

आदरणीया सवी जी , आपका बहुत बहुत आभार

Comment by savi on July 10, 2012 at 5:56pm

प्रिय दीप्ती जी, 


मौन कर हर वितथ पनघट
साथ नौका की धार ले चली मैं
मृत्यु की परछाई में सुने हर
पथ की आस ले चली मैं
दूर से ही साथ दो अब
चलने दो मुझे ओ प्राण प्रिये ।
 
सुन्दर रचना के लिए हार्दिक बधाई स्वीकार करें|
Comment by deepti sharma on July 9, 2012 at 1:57am

आदरणीय कवी राज बुन्देली जी आपका बहुत आभार आपको कविता पसंद आई यूँही मार्गदर्शन करते रहियेगा

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186

ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 186 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का मिसरा आज के दौर के…See More
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"  क्या खोया क्या पाया हमने बीता  वर्ष  सहेजा  हमने ! बस इक चहरा खोया हमने चहरा…"
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"सप्रेम वंदेमातरम, आदरणीय  !"
Sunday
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

Re'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
Saturday
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"स्वागतम"
Friday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आदरणीय रवि भाईजी, आपके सचेत करने से एक बात् आवश्य हुई, मैं ’किंकर्तव्यविमूढ़’ शब्द के…"
Friday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Dec 10
anwar suhail updated their profile
Dec 6
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

न पावन हुए जब मनों के लिए -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

१२२/१२२/१२२/१२****सदा बँट के जग में जमातों में हम रहे खून  लिखते  किताबों में हम।१। * हमें मौत …See More
Dec 5
ajay sharma shared a profile on Facebook
Dec 4
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"शुक्रिया आदरणीय।"
Dec 1
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, पोस्ट पर आने एवं अपने विचारों से मार्ग दर्शन के लिए हार्दिक आभार।"
Nov 30

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service