For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

बेशक नफरतों को दिल में पालिए

 

बेशक नफरतों को दिल में पालिए 

मगर छाँव औरों पर मत डालिए 
 
रिश्तों की ये अजमाइश रहने दे 
इन्हें दौलत के तराजू में न तौलिये 
 
आपसी रंजिश का हाल यही होगा 
फायदा उठा लेंगे वही बिचौलिए 
 
लकीरों पे ऐतवार इतना अच्छा नहीं 
कुछ कर खुदा को भी हैरत में डालिए 
 
 दूसरों के घरों में झाँकने वालों 
पहले अपना ही दामन संभालिये
 
इतनी सिद्दत से जी रहे है क्यों लोग 
एक नज़र उन फकीरों पर डालिए 
 
अदालतें थक गई है इन्साफ कर के 
मुमकिन हो तो खुद को बदल डालिए 
 
साहिल पर खड़े होकर चिल्लाते है क्यों 
हौसला हो तो नौका भवर से निकालिए 
 
तुम सियासती हो ऐतराज नहीं हमको कोई 
मगर उन गरीबों को उनका  हक तो दिलाइये 
 
हमें बताओ की कौन यहाँ मुंसिफ है 'यश' 
जानना हो तो तो जहन में निगाह डालिए .
 
 
 

Views: 401

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by yogesh shivhare on June 19, 2012 at 1:00pm

dhanyawad ...albela ji ...apka sneh se jo sambal paya hai usi ki numaish hai 

Comment by Albela Khatri on June 19, 2012 at 9:33am

wah waah khoobsoorat gazal

mubaraq ho yogesh ji !

Comment by Bhawesh Rajpal on June 19, 2012 at 5:52am
लकीरों पे ऐतवार इतना अच्छा नहीं 
कुछ कर खुदा को भी हैरत में डालिए 
 
बहुत खूब ! मुबारक ! 
Comment by yogesh shivhare on June 18, 2012 at 6:15pm

बहुत बहुत धन्यवाद् ...आपका स्नेह मिला आभार 

Comment by Ajay Singh on June 18, 2012 at 12:35pm

लकीरों पे ऐतवार इतना अच्छा नहीं 

कुछ कर खुदा को भी हैरत में डालिए 
                                                 really nice......
Comment by Yogi Saraswat on June 18, 2012 at 12:22pm
अदालतें थक गई है इन्साफ कर के 
मुमकिन हो तो खुद को बदल डालिए
बहुत सुन्दर अल्फाज़ ! बहुत खूब श्री शिवहरे जी

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Nilesh Shevgaonkar replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"ऐसे😁😁"
6 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"अरे, ये तो कमाल  हो गया.. "
7 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"आदरणीय नीलेश भाई, पहले तो ये बताइए, ओबीओ पर टिप्पणी करने में आपने इमोजी कैसे इंफ्यूज की ? हम कई बार…"
7 hours ago
Nilesh Shevgaonkar replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"आपके फैन इंतज़ार में बूढे हो गए हुज़ूर  😜"
8 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post एक धरती जो सदा से जल रही है [ गज़ल ]
"आदरणीय लक्ष्मण भाई बहुत  आभार आपका "
10 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on गिरिराज भंडारी's blog post एक धरती जो सदा से जल रही है [ गज़ल ]
"आ. भाई गिरिराज जी, सादर अभिवादन। अच्छी गजल हुई है । आये सुझावों से इसमें और निखार आ गया है। हार्दिक…"
11 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post मौत खुशियों की कहाँ पर टल रही है-लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आ. भाई गिरिराज जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति, उत्साहवर्धन और अच्छे सुझाव के लिए आभार। पाँचवें…"
11 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post एक धरती जो सदा से जल रही है [ गज़ल ]
"आदरणीय सौरभ भाई  उत्साहवर्धन के लिए आपका हार्दिक आभार , जी आदरणीय सुझावा मुझे स्वीकार है , कुछ…"
12 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - वो कहे कर के इशारा, सब ग़लत ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय सौरभ भाई , ग़ज़ल पर आपकी उपस्थति और उत्साहवर्धक  प्रतिक्रया  के लिए आपका हार्दिक…"
12 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - वो कहे कर के इशारा, सब ग़लत ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय गिरिराज भाईजी, आपकी प्रस्तुति का रदीफ जिस उच्च मस्तिष्क की सोच की परिणति है. यह वेदान्त की…"
13 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . . उमर
"आदरणीय गिरिराज भाईजी, यह तो स्पष्ट है, आप दोहों को लेकर सहज हो चले हैं. अलबत्ता, आपको अब दोहों की…"
13 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"आदरणीय योगराज सर, ओबीओ परिवार हमेशा से सीखने सिखाने की परम्परा को लेकर चला है। मर्यादित आचरण इस…"
13 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service