For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

धर्मकोट दूसरा मनाली रिपोर्ट :- दीपक शर्मा 'कुल्लुवी'

पर्यटन विशेषांक

धर्मकोट दूसरा मनाली
प्रैस रिपोर्टर :- दीपक शर्मा 'कुल्लुवी'
.
हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले के खूबसूरत और मेरी जन्मभूमि धर्मशाला शहर से लगभग 15 किलोमीटर कि दूरी और बौद्ध गुरु दलाईलामा जी के निवास स्थान मकलोडगंज से 3 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है 'धर्मकोट' एक अत्यंत खूबसूरत पर्यटक स्थल जहाँ आपको स्थानीय बाशिंदों और देसी पर्यटकों से ज्यादा बिदेशी पर्यटक नज़र आएँगे अधिकतर इसरायली I यह एक छोटा सा गाँव है विदेशी सैलानियों कि वजह से काफी महंगा भी है लेकिन सकून और शांति कि यहाँ कोई कमीं नहीं होटल तो होटल स्थानीय लोगों के घरों मैं भी यह विदेशी सैलानी बड़े आराम से रहते हैं I
ऊँचे ऊँचे देवदार ,चील के खूबसूरत वृक्ष,ऊँचे पहाड़ यहाँ कि खूबसूरती को चार चाँद लगाते हैं I छोटे छोटे होटल,कैफटेरिया,चाइनीज़ फास्ट फ़ूड की दुकाने हैं जगह जगह आपको यह विदेशी पर्यटक आपको पढ़ते, संगीत सुनते,कश पे कश लगाते,प्रकृति का आनंद उठाते नज़र आएँगे I यह बिलकुल मनाली जैसा ही लगता है लेकिन वहां जैसा भीड़ भड़क्का नहीं है इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि गाँव मैं पैदल ही प्रवेश करना पड़ता है क्योंकि सड़कें नहीं है एक छोटी सी पगडंडी है जिसमें मुश्किल से मोटरसाइकिल ही चल सकती है I सर्दियों मैं यहाँ वर्फ भी बहुत गिरती है I मकलोडगंज तक बस य कर जीप मैं आया जा सकता है लेकिन मकलोडगंज से आगे गाँव के प्रवेश द्धार तक छोटी गाड़ी कार जीप ही जा सकती है कच्ची पक्की सड़क है खतरनाक भी है छोटी सी गलती जान पर भारी पड़ सकती है I
अक्सर यह देखा गया है कि विदेशी अधिकतर भाँग,चरस,ड्रग्स के शौकीन होते हैं मणिकर्ण,मलाणा और कसोल इस बात के गवाह हैं,इसलिए प्रशासन को हमेशा चुस्त दरुस्त रहनें कि आवश्यकता ज़रूर है I
गर्मियों की छुट्टियों का समय है अगर आप भी इस मनोहारी स्थल का भ्रमण करना चाहें तो अपने साथ कुछ गर्म कपड़े अवश्य ले जाएँ कभी भी मौसम ख़राब हो सकता है दिल्ली से गगल तक हवाई जहाज़ से भी पहुँचा जा सकता है दूसरा सामान्य व डीलक्स बसें,टैक्सी आसानी से दिल्ली चंडीगढ़ से मिल जाती हैं I





Views: 885

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by ganesh lohani on May 21, 2012 at 2:16pm

धन्यवाद शर्मा जी  19 जून की दिल्ली से रवानगी तय कर ली परिवार के साथ  | 

Comment by Deepak Sharma Kuluvi on May 21, 2012 at 2:09pm

welcome,in my views it is better to stay at Dharmsala or Maklodganj instead of Dharmkot because it will be very costly in may june due to heavy rush of tourists.

from Dharmsala it is just 15 km.& from maklodganj  4 Km.you can come back after visiting Dharmkot

Comment by ganesh lohani on May 21, 2012 at 1:42pm

शर्मा जी नमस्कार ,

आपने चित्र दिखा कर वाकई धर्मकोट जाने का मन बना दिया | आपसे और जानकारी भी चाहूँगा होटल आदि के बारे में | बहुत ही मनोहारी दिर्श्य  है|
Comment by Deepak Sharma Kuluvi on May 18, 2012 at 11:59am

THANKS MADAM

PL.VISIT DHARMKOT IT IS REALLY BEAUTIFUL,MORE THAN BEAUTY


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on May 18, 2012 at 11:42am

बहुत सुन्दर चित्र और खूबसूरत विवरण ...आभार ..हमे भी सैर करा दी ...इस जगह को देखने की इच्छा हो गई 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey posted a blog post

कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ

२१२२ २१२२ २१२२ जब जिये हम दर्द.. थपकी-तान देते कौन क्या कहता नहीं अब कान देते   आपके निर्देश हैं…See More
9 hours ago
Profile IconDr. VASUDEV VENKATRAMAN, Sarita baghela and Abhilash Pandey joined Open Books Online
yesterday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"आदाब। रचना पटल पर नियमित उपस्थिति और समीक्षात्मक टिप्पणी सहित अमूल्य मार्गदर्शन प्रदान करने हेतु…"
yesterday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार। रचना पटल पर अपना अमूल्य समय देकर अमूल्य सहभागिता और रचना पर समीक्षात्मक टिप्पणी हेतु…"
yesterday
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा सप्तक. . . सागर प्रेम

दोहा सप्तक. . . सागर प्रेमजाने कितनी वेदना, बिखरी सागर तीर । पीते - पीते हो गया, खारा उसका नीर…See More
yesterday
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"आदरणीय उस्मानी जी एक गंभीर विमर्श को रोचक बनाते हुए आपने लघुकथा का अच्छा ताना बाना बुना है।…"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: मिथिलेश वामनकर
"आदरणीय सौरभ सर, आपको मेरा प्रयास पसंद आया, जानकार मुग्ध हूँ. आपकी सराहना सदैव लेखन के लिए प्रेरित…"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: मिथिलेश वामनकर
"आदरणीय  लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर जी, मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार. बहुत…"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहजाद उस्मानी जी, आपने बहुत बढ़िया लघुकथा लिखी है। यह लघुकथा एक कुशल रूपक है, जहाँ…"
yesterday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"असमंजस (लघुकथा): हुआ यूॅं कि नयी सदी में 'सत्य' के साथ लिव-इन रिलेशनशिप के कड़वे अनुभव…"
yesterday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"आदाब साथियो। त्योहारों की बेला की व्यस्तता के बाद अब है इंतज़ार लघुकथा गोष्ठी में विषय मुक्त सार्थक…"
Thursday
Jaihind Raipuri commented on Admin's group आंचलिक साहित्य
"गीत (छत्तीसगढ़ी ) जय छत्तीसगढ़ जय-जय छत्तीसगढ़ माटी म ओ तोर मंईया मया हे अब्बड़ जय छत्तीसगढ़ जय-जय…"
Thursday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service