For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

पूरी जवानी उसने नशे और जुएँ की लत और बाप की नीली बत्ती के रौब में होम कर दी ।

 

"अभी माँ व बाप को मरे अभी साल भर ही नहीं हुआ, और तुम्हारा नशे में यूँ दिन रात झूमना , आखिर तुम कब इसे छोड़ोगे ?

देखना रमन ! यह ड्रग्स कभी तुम्हारी जान ले के छोड़ेगी आज घर की एक एक चीज नीलाम हो चुकी है , यहाँ तक की नाते-रिश्तेदार , नौकर चाकर सब साथ छोड़ कर चले गये ।  मैं तुमसे तंग आ चुकी हूँ  अब तुम्हारे साथ और नहीं निभा सकती ।"

"हाँ हाँ  यहाँ  भी कौन  रोज तुम्हारा मुंह देखना चाहता है " रमन ने  जोर से चिल्लाते हुए कहा ।

" मैं भी तुम्हारी इन रोज की बकझक से तंग आगया हूँ  अगर साथ नहीं रह सकती तो जहाँ  जाना चाहो जिसके साथ जाना चाहो जा सकतीं हो मेरी तरफ से तुम आजाद  हो संध्या " ।

" बस बहुत हुआ अब चुप भी करो रमन " संध्या ने गुस्से से काँपते हुए होंठो से कहा ।   

आखिर एक रात वह अपनी दूधमुही बच्ची को साथ  लेकर रमन  का घर सदा के लिए छोड़ कर चली गई । आज वह हस्पताल के जनरल वार्ड की छतों को ताकते हुए अपने जीवन की अंतिम साँसों को गिन रहा है , एक जिंदा लाश की तरह ।

.

"मौलिक व अप्रकाशित "

Views: 679

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Pankaj Joshi on April 27, 2015 at 8:32pm

आदरणीय डा गोपाल नारायन श्रीवास्तव जी मैं आगे से पंच लाइन को ध्यान में रखूँगा ।आभार आपका।

Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on April 27, 2015 at 8:17pm

कहानी में पंच का अभाव है . प्रुस्तुति  में कुछ और श्रम अपेक्षित था . सादर .

Comment by Dr. Vijai Shanker on April 27, 2015 at 6:25pm
नशे की लत पर अच्छा प्रयास।

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by मिथिलेश वामनकर on April 27, 2015 at 3:49pm
बधाई इस प्रस्तुति पर।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"ओबीओ के मंच से सम्बद्ध सभी सदस्यों को दीपोत्सव की हार्दिक बधाइयाँ  छंदोत्सव के अंक 172 में…"
41 minutes ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सौरभ जी सादर प्रणाम, जी ! समय के साथ त्यौहारों के मनाने का तरीका बदलता गया है. प्रस्तुत सरसी…"
1 hour ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"वाह वाह ..  प्रत्येक बंद सोद्देश्य .. आदरणीय लक्ष्मण भाईजी, आपकी रचना के बंद सामाजिकता के…"
1 hour ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अशोक भाई साहब, आपकी दूसरी प्रस्तुति पहली से अधिक जमीनी, अधिक व्यावहारिक है. पर्वो-त्यौहारों…"
1 hour ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सौरभ भाईजी  हार्दिक धन्यवाद आभार आपका। आपकी सार्थक टिप्पणी से हमारा उत्साहवर्धन …"
1 hour ago
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी छंद पर उपस्तिथि उत्साहवर्धन और मार्गदर्शन के लिए हार्दिक आभार। दीपोत्सव की…"
2 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय  अखिलेश कॄष्ण भाई, आयोजन में आपकी भागीदारी का धन्यवाद  हर बरस हर नगर में होता,…"
2 hours ago
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय भाई लक्ष्मण धामी जी छन्द पर उपस्तिथि और सराहना के लिए हार्दिक आभार आपका। दीपोत्सव की हार्दिक…"
2 hours ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय लक्ष्मण भाईजी हार्दिक बधाई इस प्रस्तुति के लिए ।"
2 hours ago
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अशोक जी छन्द पर उपस्तिथि और उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक आभार। दीपोत्सव की हार्दिक शुभकामनाएँ…"
2 hours ago
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
" आदरणीय अखिलेश जी छन्द पर उपस्तिथि उत्साहर्धन और मार्गदर्शन के लिए आपका हार्दिक आभार। दीपोत्सव…"
2 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीया प्रतिभा जी, आपकी प्रस्तुति में जिन चिह्नों से युग्मकों को अलग किया गया है उन्हें हटा दिया…"
2 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service