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उत्तराखंड की आपदा हो ,या देश के दुश्मनो के काले कारनामो  मे लाखो लोगो का  एक मात्र सहारा भारतीय सेना, उसका एक हेलीकाप्टर दुर्र्घटना ग्रस्त हुआ और हमारे नायक सहीद हुए ! घटना स्थल के निकट होने के कारण , मन मे कुछ भाव उठे जो लिख रहा हु ! मंच के प्रबुद्ध भागीदार त्रुटियों को माफ़ करते हुए |सभी को भगवान सुरक्षित करे शांति दे यही इच्चा है !

मेरी भावना समझने की क्रपया करे 

तंग हालात मे जो हस के गुजर जाते है |

मुसीबतों मे  जो सोना सा निखर जाते है 

उनकी पेशानी  पे  चमका ना पसीना श्रम का 

उनकी राहो  मे दुःख आकर ठहर जाते है |

तंग हालात मे जो हस के गुजर जाते है 

देश के खातिर जो   अपनी जान पर खेल जाते है । 

मुसीबत जो भी हो , याद वो ही आते है ।

हमला सीमा पर हो या अंदर सामने वो खड़े हो जाते है !

घर परिवार है उनके भी, अपने बच्चे याद कहा आते है !

देश के हर दुश्मन को वो हिम्मत से   मार भगाते है

 या  तिरंगे मे  लिपटे ताबूत मे बापस  घर तब अपने  आते  है |

देश के जर्रे - जर्रे से  सदा महानायक का दर्ज़ा पाते है |

मोलिक एवं अप्रकाशित -

नोट >( संशोधन करते समय ये रचना अज्ञात कारणों से समाप्त हो गयी है  )

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Comment by aman kumar on June 28, 2013 at 2:00pm

आपका असिर्वाद मिला डॉक्टर सहाब , आभार 

Comment by Dr Babban Jee on June 28, 2013 at 1:49pm

Priya Aman Ji

Ek sainik ki jindgi ki tasvir ubharne ke liye, jo apne shabd chune , bahut hi ache hain/ badhai.

Comment by aman kumar on June 28, 2013 at 1:20pm

रविकर जी , एवं विजय जी का सादर आभार !

Comment by विजय मिश्र on June 28, 2013 at 11:49am
" अमन चमन हित जान, निछावर हँसते हँसते |
भूले ना एहसान,सैनिकों तुम्हें नमस्ते - "
-रविकरजी से उधार लिए इन शब्दों से मैं भी भारतीय सेना के सेवा भाव और समर्पण को हृदय से प्रणाम करता हूँ
Comment by रविकर on June 28, 2013 at 10:35am

नमन नमस्ते नायकों, नम नयनों नितराम |
क्रूर कुदरती हादसे, दे राहत निष्काम |

दे राहत निष्काम, बचाते आहत जनता |
दिए बगैर बयान, हमारा रक्षक बनता |

अमन चमन हित जान, निछावर हँसते हँसते |
भूले ना एहसान, शहीदों नमन नमस्ते -

Comment by aman kumar on June 28, 2013 at 10:19am

रविकर सहाब ,मेरी पूरी रचना ही गायब हो गयी थी , अब दुबारा पोस्ट की है ! 

आपका स्नेह प्राप्त हुआ आभार ! 

Comment by रविकर on June 28, 2013 at 10:03am

मेरी टिप्पणी-
गायब है-
शुभकामनायें-

Comment by aman kumar on June 28, 2013 at 8:49am

भावना के समर्थन के लिए हरीश जी और माथुर जी आपका आभार !असल मे सेना मे होना  कोई नोकरी नही है ये तो सेवा है जज्बा है इमानदारी है ! 

Comment by Harish Upreti "Karan" on June 27, 2013 at 11:18pm

अमन जी सही कहा एक सैनिक अपनी जान पर खेलकर देशवाशियों की जान बचाता है फिर चाहे वह जंग का मैदान हो या आपदा की घडी........बधाई शानदार उद्गारों क लिए.....

Comment by D P Mathur on June 27, 2013 at 6:53pm

जी सही कहा आपने उत्तराखंड में संजीवनी बनी सेना के जवान जो विकट परिस्थितियों में तीर्थयात्रियों को बचाने के लिये खराब मौसम में कार्य करते हुए अपना ध्यान नही रख पा रहे हैं उनका मकसद हर हाल में बस सभी को सुरक्षित निकालना है जब वे जवान शहीद हुए तो दुख की घड़ी में एक दुख और हमें मिला ! ईश्वर उन साहसी जवानो के परिवार जनों को हिम्मत प्रदान करें !

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