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सवैया...किरीट एवं दुर्मिल !!! श्री हनुमान जी !!!

कोमल कोपल बीच लुकावत, लंक निसाचर रावन आवत।
काढि़ कृपान नशावत कोपत, क्रोध बढ़े हनुमान छिपावत।।1

तिनका रख ओट कहे बचना, सिय रावन को डपटाय घना।
नहि सोच विचार करे विधना, अबला हिय हाय बचे रहना।।2

रावन कॅाप गयो तन से मन, आंख झुकाय कियो भुइ राजन।
पीठ दिखाय गयो जब रावन, सीतहि त्रास भयो धुन दाहन।।3

मन दीन मलीन हरी रट री, हनुमान सुजान दिये मुदरी।
लइ मातु बुझाय रही दुखरी,जय राम रमापति नाम धुरी।।4

राम सुनाम जपै कपि शोभत, भूख बढ़ाय रूके नहि रोकत।
मातु डरे रजनीचर डोलत, श्री हनुमान निसाचर धोवत।।5

रनवीर सभी घबराय भगे, रखि मान लड़े लतियाय पगे।
रजनीचर शान अक्षय टॅगे, बृहमा सर मेघ बॅधाय ठगे।।6


के0पी0सत्यम/मौलिक एवं अप्रकाशित

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Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on April 9, 2013 at 7:46pm

आ0 पाठक जी,  आपके उत्साह वर्धन के लिए हार्दिक आभार। सादर,

Comment by ram shiromani pathak on April 9, 2013 at 7:39pm

बहुत ही सुंदर प्रस्‍तुति!.बधाई स्वीकार करें.

Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on April 9, 2013 at 7:38pm

आ0 राजेश जी,  आपके आशीष वचनों के लिए हार्दिक आभार। सादर,

Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on April 9, 2013 at 7:36pm

आ0 एक0के0 चाौधरी जी,  आपके आशीष वचनों के लिए हार्दिक आभार। सादर,

Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on April 9, 2013 at 7:36pm

आ0 श्याम नारायण जी,  उत्साह वर्धन के लिये आपको हार्दिक धन्यवाद एवं आभार। सादर,

Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on April 9, 2013 at 7:23pm

आ0 विजया श्री जी,  उत्साह वर्धन के लिये हार्दिक धन्यवाद एवं आभार। सादर,

Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on April 9, 2013 at 7:22pm

आ0 कुन्ती जी, जी मैम, मुझे याद आरहा है कि एक बार वहां एक यज्ञ चल रहा था। यह यज्ञ धू धू कर लपटों में जल रहा था, और अचानक ही उस लपट में से एक लपट हनुमान जी की आकृति में निकल कर यज्ञ के चारों ओर नृत्य कर रहा था।  उस समय लोगों की आस्था देखते ही बन रहा था। मैं भी रोमांचित हो गया था।  साझा करने के लिये हार्दिक धन्यवाद एवं आभार। सादर,

Comment by राजेश 'मृदु' on April 9, 2013 at 5:19pm

बहुत ही सुंदर प्रस्‍तुति, शेष गुरूजनों के लिए छोड़ता हूं, सादर

Comment by Shyam Narain Verma on April 9, 2013 at 2:25pm

BAHOT KHOOB...............

Comment by vijayashree on April 9, 2013 at 2:14pm

अति सुंदर ..........बधाई

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