For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

बने हमसफ़र तेरी ज़ीस्त में कोई मेहरबाँ वो तलाश कर (१६)

11212 *4
बने हमसफ़र तेरी ज़ीस्त में कोई मेहरबाँ वो तलाश कर
जो हयात भर तेरा साथ दे कोई जान-ए-जाँ वो तलाश कर
***
तेरे सुर में सुर जो मिला सके तेरे ग़म में साथ निभा सके
तेरे संग ख़ुशियाँ मना सके कोई हमज़बाँ वो तलाश कर
***
कहीं डूब जाये न दरमियाँ कभी सुन के बह्र की धमकियाँ
चले नाव ठीक से ज़ीस्त की कोई बादबाँ वो तलाश कर
***
भला लुत्फ़ क्या मिले प्यार में नहीं गर अना रहे यार में
जो अदा से जानता रूठना कोई सरगिराँ वो तलाश कर
***
ये सुना है सात हैं  आसमाँ नहीं जानता कि सुकूँ कहाँ
कभी मिल सके जो ज़मीन से कोई आसमाँ वो तलाश कर
***
हुआ जद में देखिये चाँद भी चला मिह्र छू ने है आदमी
नए चाँद मिह्र जहाँ मिलें कोई कहकशाँ वो तलाश कर
***
बँधी प्यार की जहाँ डोर हो जहाँ एकता पे ही जोर हो
जहाँ मीर रहता है हमनज़र कोई कारवाँ वो तलाश कर
***
जहाँ राज करती हों मस्तियाँ जहाँ हों ग़मों की न बस्तियाँ
न हों बात बात पे तल्खियाँ कोई आशियाँ वो तलाश कर
***
करे दफ़्न राज़ तेरे जो सब सहे बोझ दिल का तेरे 'तुरंत'
कोई हमनवा कोई हमनशीं कोई राज़दाँ वो तलाश कर
***
गिरधारी सिंह गहलोत 'तुरंत' बीकानेरी

(मौलिक एवं अप्रकाशित )

Views: 459

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by गिरधारी सिंह गहलोत 'तुरंत ' on January 22, 2019 at 1:59am

आदरणीय Samar kabeer साहेब ,आदाब ,

आपकी क़ीमती दाद मेरे लिए वाइस-ए-फ़ख्र है मोहतरम   | नवाज़िश-ओ-करम का दिल से शुक्रिया | मैंने कहकशां जानबूझ कर प्रयोग किया है एक आकाशगंगा में कई चाँद और सूरज और ग्रह होते हैं | सात है की टंकण त्रुटि सही कर रहा हूँ | सादर | 

Comment by Samar kabeer on January 21, 2019 at 11:00pm

जनाब गिरधारी सिंह गहलोत 'तुरंत' जी आदाब,बहुत उम्दा ग़ज़ल हुई है,दाद के साथ मुबारकबाद पेश करता हूँ ।

ये सुना है सात हैआसमाँ नहीं जानता कि सुकूँ कहाँ '

इस मिसरे में 'सात है', को "सात हैं" कर लें ।

' नए चाँद मिह्र जहाँ मिलें कोई कहकशाँ वो तलाश कर'

"कहकशाँ" कहते हैं 'आकाश गंगा' इस लिहाज़ से इस मिसरे में "आसमाँ क़ाफ़िया उचित होगा । 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी posted a blog post

ग़ज़ल - ( औपचारिकता न खा जाये सरलता ) गिरिराज भंडारी

२१२२       २१२२        २१२२   औपचारिकता न खा जाये सरलता********************************ये अँधेरा,…See More
4 hours ago
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा दशम्. . . . . गुरु

दोहा दशम्. . . . गुरुशिक्षक शिल्पी आज को, देता नव आकार । नव युग के हर स्वप्न को, करता वह साकार…See More
4 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post बाल बच्चो को आँगन मिले सोचकर -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आ. भाई गिरिराज जी, सादर अभिवादन। गजल आपको अच्छी लगी यह मेरे लिए हर्ष का विषय है। स्नेह के लिए…"
5 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post लौटा सफ़र से आज ही, अपना ज़मीर है -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आ. भाई गिरिराज जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति,उत्साहवर्धन और स्नेह के लिए आभार। आपका मार्गदर्शन…"
5 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on Saurabh Pandey's blog post कापुरुष है, जता रही गाली// सौरभ
"आदरणीय सौरभ भाई , ' गाली ' जैसी कठिन रदीफ़ को आपने जिस खूबसूरती से निभाया है , काबिले…"
5 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . नजर
"आदरणीय सुशील भाई , अच्छे दोहों की रचना की है आपने , हार्दिक बधाई स्वीकार करें "
5 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post बाल बच्चो को आँगन मिले सोचकर -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आदरणीय लक्ष्मण भाई , बहुत अच्छी ग़ज़ल हुई है , दिल से बधाई स्वीकार करें "
5 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post लौटा सफ़र से आज ही, अपना ज़मीर है -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आदरणीय लक्ष्मण भाई , खूब सूरत मतल्ले के साथ , अच्छी ग़ज़ल कही है , हार्दिक  बधाई स्वीकार…"
6 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - चली आयी है मिलने फिर किधर से ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय सौरभ भाई , ग़ज़ल  के शेर पर आपकी विस्तृत प्रतिक्रिया देख मन को सुकून मिला , आपको मेरे कुछ…"
6 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . नजर
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी सृजन आपकी मनोहारी प्रशंसा से समृद्ध हुआ । हार्दिक आभार आदरणीय "
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . नजर
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। अच्छे दोहे हुए हैं। हार्दिक बधाई।"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कापुरुष है, जता रही गाली// सौरभ
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी, आपसे मिले अनुमोदन हेतु आभार"
yesterday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service