For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

शिव बाबा की महिमा!

शिव बाबा की महिमा

शिव बाबा की कृपा से, सब काम हो रहा है

हम माने या न माने, कल्याण हो रहा है!

खुद विष का पान करके, अमृत किया हवाले,

आशीष सबको देते, विषधर गले में डाले.

तन में भभूत लिपटे, तिरसूल को सम्हाले

आये शरण में कोई, उसको गले लगा ले. 

हम भक्त हैं उन्ही के, ये भान हो रहा है! हम माने या न माने कल्याण हो रहा है!

रावण भी उनको भजता, राम जी भी मानें,

जब भी पड़ी जरूरत, देवों की बात माने

धारे हैं रूप कपि का, हनुमान उनको जाने

रावण की लंका पहुंचे, सीता का हाल पाने    

कपी रूप में वही हैं, अब भान हो रहा है , हम माने या न माने कल्याण हो रहा है!

माता सती के मन में संशय कभी हुआ था

बाबा के मन में उस दिन, संताप ही हुआ था.

माता को त्याग मन से, प्रत्यक्ष न कुछ कहा था.

पिता का यज्ञशाला, सती ने ही खुद कहा था

पूजित अन्य सुर सब, शिव अपमान हो रहा है! हम माने या न माने कल्याण हो रहा है!

डांटा सती ने पितु को, खुद को भी खूब कोसा  

जीवित न मैं रहूंगी,  अपने ही मन में सोचा  

बलिदान की खुदी को, अग्नि में तन को झोंका

ऐसा भी कृत्य होगा, था न किसी ने सोचा!

यक्ष राज को ग्लानी, का भान हो रहा है . हम माने या न माने कल्याण हो रहा है!

शिव ने उठाया त्रिशूल, सर यक्ष का काट डाला   

आई जब उन्हें दया, तब बकरे का जोड़ डाला

हिमवान के घर सती ने, कन्या का रूप ढाला

यह है विधान विधि का, मैना ने उनको पाला!

घनघोर तप से गौरी को ज्ञान हो रहा है . हम माने या न माने कल्याण हो रहा है!

बालक हूँ बाबा तेरा तप क्या मैं कर सकूंगा,

अंतर्मन साफ़ कर के तेरा नाम ही जपूंगा

दुखियों को दान देकर, संतुष्ट हो सकूंगा

हो ना अहित किसी का, कोशिश मैं यही करूँगा

तू सत्यम शिवम सुन्दरम सद्ज्ञान हो रहा है. हम माने या न माने कल्याण हो रहा है!

जवाहर लाल सिंह

(मौलिक व अप्रकाशित) 

Views: 1457

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by JAWAHAR LAL SINGH on August 15, 2013 at 7:00pm

आदरणीय पाण्डेय साहब, सादर अभिवादन!

आगे से ध्यान रक्खूँगा! आभार सुझाव के लिए!


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on August 13, 2013 at 10:23am

जब किसी प्रचलित राग (यहाँ भजन) पर रचनाकर्म हो तो मात्रिकता और शब्द-संयोजन के निर्वहन में कैसी दिक्कत या कैसे दिक्कत आ सकती है ? भाषागत त्रुटयों और अशुद्धियों की ओर भी दृष्टि बनी रहे, यथा, 

कपी = कपि

पिता का यज्ञशाला = पिता की यज्शाला

ग्लानी = ग्लानि

शुभेच्छाएँ

Comment by JAWAHAR LAL SINGH on August 8, 2013 at 5:59pm

आदरणीय अरुण शर्मा जी, सादर अभिवादन!

मैंने भी यह भजन सुनी थी और उसी धुन पर मैंने सोचना शुरू किया और शिव बाबा की कृपा से एक रचना (भजन) बन गयी. रचना पसंद करने के लिए आपका हार्दिक आभार! 

Comment by JAWAHAR LAL SINGH on August 8, 2013 at 5:57pm

आदरणीय श्री श्याम नारायण वर्मा जी, हर हर महादेव!

Comment by JAWAHAR LAL SINGH on August 8, 2013 at 5:56pm

आदरणीय श्री विजय मिश्र जी, सादर अभिवादन और हर हर महादेव!

Comment by JAWAHAR LAL SINGH on August 8, 2013 at 5:55pm

आदरणीय जीतेन्द्र जी, सादर अभिवादन!

मेरा मन भी कुछ ऐसे लीन हो गया और एक प्रार्थना रूपी भजन बन गया ... आपका हार्दिक आभार!

Comment by JAWAHAR LAL SINGH on August 8, 2013 at 5:52pm

आदरणीया विनीता जी, सादर आभार!

Comment by अरुन 'अनन्त' on August 8, 2013 at 5:37pm

हर हर महादेव बम बम भोले, आदरणीय जवाहर सर जी "मेरा आपकी कृपा से सब काम हो रहा है" एक प्रसिद्ध गीत पर भगवान शिव की महिमा का सुन्दर गुणगान किया है आपने, हार्दिक बधाई स्वीकारें

Comment by Shyam Narain Verma on August 8, 2013 at 5:30pm
बहुत ही सुन्दर! हार्दिक बधाई आपको!
Comment by विजय मिश्र on August 8, 2013 at 12:29pm
जय शिवशंकर गौरीशंकर पार्वती पति हरे हरे , हर हर महादेव भोला . शिव शंकर को स्मृतिपटल पर ला दिया आपने जवाहरजी , कृतज्ञता और आभार .

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on Saurabh Pandey's blog post कापुरुष है, जता रही गाली// सौरभ
"आदरणीय सौरभ सर, गाली की रदीफ और ये काफिया। क्या ही खूब ग़ज़ल कही है। इस शानदार प्रस्तुति हेतु…"
1 hour ago
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा पंचक. . . . .इसरार

दोहा पंचक. . . .  इसरारलब से लब का फासला, दिल को नहीं कबूल ।उल्फत में चलते नहीं, अश्कों भरे उसूल…See More
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय सौरभ सर, मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार। आयोजन में सहभागिता को प्राथमिकता देते…"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय सुशील सरना जी इस भावपूर्ण प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई। प्रदत्त विषय को सार्थक करती बहुत…"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी, प्रदत्त विषय अनुरूप इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई। सादर।"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार। बहुत बहुत धन्यवाद। गीत के स्थायी…"
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय सुशील सरनाजी, आपकी भाव-विह्वल करती प्रस्तुति ने नम कर दिया. यह सच है, संततियों की अस्मिता…"
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आधुनिक जीवन के परिप्रेक्ष्य में माता के दायित्व और उसके ममत्व का बखान प्रस्तुत रचना में ऊभर करा…"
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय मिथिलेश भाई, पटल के आयोजनों में आपकी शारद सहभागिता सदा ही प्रभावी हुआ करती…"
Sunday
Sushil Sarna replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"माँ   .... बताओ नतुम कहाँ होमाँ दीवारों मेंस्याह रातों मेंअकेली बातों मेंआंसूओं…"
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"माँ की नहीं धरा कोई तुलना है  माँ तो माँ है, देवी होती है ! माँ जननी है सब कुछ देती…"
Saturday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय विमलेश वामनकर साहब,  आपके गीत का मुखड़ा या कहूँ, स्थायी मुझे स्पष्ट नहीं हो सका,…"
Saturday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service