For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

Rajkumar sahu's Blog – October 2010 Archive (3)

दिखने वाले कलमकार के रूतबे

बदलते समय के साथ पत्रकारिता और साहित्य के क्षेत्र में कई बदलाव आए हैं और बाजार में जब से पत्र-पत्रिकाओं की बाढ़ आई है, तब से लिखने वाले कलमकारों की रूतबे कहां रह गए हैं, अब तो दिखने वाले कलमकारों का ही दबदबा रह गया है। सुबह होते ही काॅपी, पेन और डायरी लेकर निकलने वाले कलमकारों के क्या कहने, वैसे तो ऐसे लोग अपनी पाॅकिट में कलम रखना नहीं भूलते, लेकिन यह जरूर भूले नजर आते हैं कि आखिर वे लिखे कब थे। लोगों को अपनी कलम की धार दिखाने उनके लिए जुबान ही काफी है, जहां से बड़ी-बड़ी बातें निकलती हैं। ऐसे में… Continue

Added by rajkumar sahu on October 30, 2010 at 11:54am — 1 Comment

यह दावा किसके दम पर ?

अक्सर कहा जाता है कि क्रिकेट अनिश्चितताओं का खेल है और राजनीति भी इससे जुदा नहीं है। राजनीति में भी कई बार अनिश्चितताओं के दौर से राजनेताओं को गुजरना पड़ता है और वे जो चाहते हैं, वह सब नहीं होता तथा परिणाम उलट हो जाता है। ऐन चुनाव के पहले कई तरह के दावे उंची शाख रखने वाले नेताओं द्वारा किया जाता है, मगर जब नतीजे सामने आते हैं तो उन्हीं नेताओं के पैरों तले जमीं खिसक जाती है या यूं कह,ें सभी दावे की हवा निकल जाती है और मतदाताओं के रूख के आगे नेताओं के दावे बौने साबित हो जाते हैं। बावजूद कई नेता… Continue

Added by rajkumar sahu on October 29, 2010 at 10:54am — 1 Comment

समाज, शराब और सरकार

बदलते परिवेश के साथ लोगों की जीवनशैली और रहन-सहन में परिवर्तन आया है और समाज में भी व्यापक स्तर पर बदलाव देखने में आ रहा है। लोग जहां भौतिकवादी जीवन जी रहे हैं, वहीं नई पीढ़ी एक ऐसे अंधकार में गुम होती जा रही है, जिसकी अंतिम परिणिति की कल्पना कर ही मन सिहर उठता है। समाज में नशाखोरी की प्रवृत्ति इस कदर हावी हो गई है कि इसने हर वर्ग को अपने चपेट में ले लिया है। युवा पीढ़ी तो लगातार नशाखोरी की गिरफ्त में आ रही हैं और उनका भविष्य भी तबाव हो रहा है। निश्चित ही समाज में इसका विकृत चेहरा भी सामने आ रहा… Continue

Added by rajkumar sahu on October 26, 2010 at 12:05pm — 5 Comments

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sushil Sarna posted blog posts
13 hours ago
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-167

परम आत्मीय स्वजन,ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 167 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है ।इस बार का…See More
yesterday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-109 (सियासत)
"यूॅं छू ले आसमाॅं (लघुकथा): "तुम हर रोज़ रिश्तेदार और रिश्ते-नातों का रोना रोते हो? कितनी बार…"
Apr 30
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-109 (सियासत)
"स्वागतम"
Apr 29
Vikram Motegi is now a member of Open Books Online
Apr 28
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा पंचक. . . . .पुष्प - अलि

दोहा पंचक. . . . पुष्प -अलिगंध चुराने आ गए, कलियों के चितचोर । कली -कली से प्रेम की, अलिकुल बाँधे…See More
Apr 28
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम मेठानी जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दयाराम जी, सादर आभार।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई संजय जी हार्दिक आभार।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. रिचा जी, हार्दिक धन्यवाद"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दिनेश जी, सादर आभार।"
Apr 27

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service