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Pradeep Kumar Kesarwani's Blog – June 2012 Archive (2)

सलामे मोहब्बत

तू अगर दूर जाकर, हमसे बेखबर है..

तो हम भी खुश रहेंगे, ये तेवर है..०० 
.
मांगी एक दुआ, तो तू मिल गई..
बने एक दुनिया जो पल में उजड़ गई.
सुने पन अब जो मंजर है..
तो हम भी खुश रहेंगे, ये तेवर है..०१ 
.
दर्द का क्या वो सहा भी बहुत..
अशुओ क सहारे वो बहा भी बहुत..
पूरी करले जो बाकि कसर है ..
तो हम भी खुश रहेंगे, ये तेवर है..०२ 
याद न आई, या मुझे भुला…
Continue

Added by Pradeep Kumar Kesarwani on June 30, 2012 at 10:55am — 7 Comments

सलामे मोहब्बत

ना देख यूँ प्यार से ऐ मेरे हमदम, ये दिल जला है.

हूँ अकेला, ये तेरी नेकी का शिला है.....00
.
कदम क्यों बढाया साथ चलने को,
जब छोड़ना ही था खाक मलने को,
तनहइयो का अब हुआ ऐसा काफिला है,
हूँ अकेला, ये तेरी नेकी का शिला है...०१
.
आँखों का तेरे वो पैगाम अच्छा था.
जहर के प्यालो का, वो इनाम अच्छा था,
उजड़ गई बस्ती, और सुना दिल का किला है,
हूँ अकेला, ये तेरी नेकी का…
Continue

Added by Pradeep Kumar Kesarwani on June 28, 2012 at 1:30pm — No Comments

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