For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

सतविन्द्र कुमार राणा's Blog – March 2021 Archive (3)

हौसले से तीरगी मिट जाएगी

2122 2122 212

कौन कहता है खुशी मिट जाएगी?
हौसले से तीरगी मिट जाएगी।

है भरम बस धूल आँधी के समय,
शांत होते ही कमी मिट जाएगी।

चोर चोरी भी तो मिहनत से करे,
कर ले मिहनत, गंदगी मिट जाएगी।

एक होता दूसरे खातिर फिदा,
फिर कहा क्यों जिंदगी मिट जाएगी?

'बाल' कर अल्फ़ाज़ से तू दोस्ती,
तेरी तन्हा बेबसी मिट जाएगी।


मौलिक अप्रकाशित

Added by सतविन्द्र कुमार राणा on March 29, 2021 at 7:34am — 2 Comments

तेरे गम के निशानों को यहाँ पर कौन समझे

तेरे सच्चे बयानों को यहाँ पर कौन समझेगा,

तेरे गम के निशानों को यहाँ पर कौन समझेगा?

यहाँ महलों से होती हैं हमेशा बात की कोशिश,

बता कच्चे मकानों को यहाँ पर कौन समझेगा।

हुई है कीमती नफ़रत, बनी व्यापार का सौदा,

मुहब्बत के ठिकानों को यहाँ पर कौन समझेगा।

बदलते पक्ष ये झट-से, फिसलते एक बोटी पर,

अडिग रह लें, उन आनों को यहाँ पर कौन समझेगा।

जिन्होंने 'बाल' सोचा था करें कुछ देश की खातिर,

शहीदों को व जानों को यहाँ पर कौन…

Continue

Added by सतविन्द्र कुमार राणा on March 26, 2021 at 11:02pm — 8 Comments

हर सफ़े का हिसाब बाकी है- ग़ज़ल

2122 1212 22/112

देख लीजे ज़नाब बाकी है,

हर सफ़े का हिसाब बाकी है।

जब तलक इंतिसाब बाकी है,

तब तलक इंतिहाब बाकी है।

बर्क़-ए-शम से मिच मिचाए क्यों,

आना जब आफ़ताब बाकी है?

चंद अल्फ़ाज पढ़ के रोते हो,

पढ़ना पूरी क़िताब बाकी है।

रौंदने वाले कर लिया पूरा,

अपना लेकिन ख़्वाब बाकी है।

'बाल' अच्छा कहाँ यूँ चल देना,

जब कि काफ़ी शराब बाकी है।

---

इंतिसाब: उठ खड़े होना।

इंतिहाब: लूटना,…

Continue

Added by सतविन्द्र कुमार राणा on March 19, 2021 at 10:30pm — 3 Comments

Monthly Archives

2025

2024

2023

2021

2020

2019

2018

2017

2016

2015

1999

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-129 (विषय मुक्त)
"स्वागतम"
12 hours ago
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186
"बहुत आभार आदरणीय ऋचा जी। "
yesterday
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186
"नमस्कार भाई लक्ष्मण जी, अच्छी ग़ज़ल हुई है।  आग मन में बहुत लिए हों सभी दीप इससे  कोई जला…"
yesterday
Nilesh Shevgaonkar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186
"हो गयी है  सुलह सभी से मगरद्वेष मन का अभी मिटा तो नहीं।।अच्छे शेर और अच्छी ग़ज़ल के लिए बधाई आ.…"
yesterday
Nilesh Shevgaonkar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186
"रात मुझ पर नशा सा तारी था .....कहने से गेयता और शेरियत बढ़ जाएगी.शेष आपके और अजय जी के संवाद से…"
yesterday
Nilesh Shevgaonkar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186
"धन्यवाद आ. ऋचा जी "
yesterday
Nilesh Shevgaonkar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186
"धन्यवाद आ. तिलक राज सर "
yesterday
Nilesh Shevgaonkar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186
"धन्यवाद आ. लक्ष्मण जी "
yesterday
Nilesh Shevgaonkar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186
"धन्यवाद आ. जयहिंद जी.हमारे यहाँ पुनर्जन्म का कांसेप्ट भी है अत: मौत मंजिल हो नहीं सकती..बूंद और…"
yesterday
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186
"इक नशा रात मुझपे तारी था  राज़ ए दिल भी कहीं खुला तो नहीं 2 बारहा मुड़ के हमने ये…"
yesterday
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186
"आदरणीय अजय जी नमस्कार अच्छी ग़ज़ल हुई आपकी ख़ूब शेर कहे आपने बधाई स्वीकार कीजिए सादर"
yesterday
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186
"आदरणीय चेतन जी नमस्कार ग़ज़ल का अच्छा प्रयास किया आपने बधाई स्वीकार कीजिए  सादर"
yesterday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service