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Priyanka singh's Blog – January 2014 Archive (3)

बेटी.....(लघु कथा )

"ऐ मीनरी !! जा जरा पानी तो ले के आ , उफ़ गर्मी भी कितनी हो रही हैं अभी ब्लाक में एक मीटिंग में जाना हैं बेटी बचाओ अभियान की शुरुआत हैं आज वहां "

"इत्ती देर लगे क्या पानी लाने में !! एक तो भगवान् ने मेरी किस्मत में तीन तीन छोरिया लिख दी " ऊपर से सारा दिन किताबो में घुसी रहती है यह नही की घर का कम काज सीखे कलक्टर बनके सर पे नाचने के सपने देख रही ! " राना जी झल्लाते हुए जोर से चिल्लाये और पत्नी डर के मारे पानी का गिलास लिए उनके सामने पल्लू मुह में दबाये आन खड़ी हुयी .. क्या हैं यह !!! हैं !!…

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Added by Priyanka singh on January 25, 2014 at 10:19pm — 34 Comments

आज ....शाम कुछ अच्छी लगी !

मन शाम के बहानों से उदास

सोच के सागर किनारें

गुज़रते लम्हों के

सफ्हें बदलता रहा

कब आँखे थक कर

बैठ गयी ख़बर नहीं

ज़ेहन में एक तस्वीर

उभर आयी

शांत चेहरे पर

झीनी सी मुस्कराहट

होठों की नमी उड़ी थी कहीं

पर आँखे शरारती

जैसे कह रही थी मुझे

''अच्छा तो तुम अब ऐसे याद करोगी''

 

आँखे खुल गयी चौंक कर

कुछ नहीं था, कोई नहीं था

बस वो ख्याल था और

बहुत देर तक साथ रहा

 

आज…

Continue

Added by Priyanka singh on January 19, 2014 at 4:36pm — 19 Comments

समझा दो.....माँ !!!!

अभिनय कर तो लूँ

पर कच्ची हूँ

माँ पकड़ ही लेती है छुपाये गए

झूठे हाव भाव...

चुप रह कर सिर्फ सर हिला कर

उनकी बातों का जवाब देना

छत पर घंटों अकेले बिताना

रात भर जागना

और सुबह लाल आँखों से

माँ से कहना-

कुछ नहीं कल गर्मी बहुत थी

नींद नहीं आयी...

माँ ने भी कुछ न कह

बस पास बिठा कर कहा

चाय पियो आराम मिलेगा

वो तो समझ गयी...

काश मैं भी वो समझूं

जो वो मुझसे रोज़ न कहते हुए…

Continue

Added by Priyanka singh on January 12, 2014 at 10:28pm — 16 Comments

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