For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

SAURABH SRIVASTAVA
  • Male
  • Varanasi Uttar Pradesh
  • India
Share on Facebook MySpace

SAURABH SRIVASTAVA's Friends

  • शकील समर
  • Pragya Srivastava
  • shashi purwar
  • Neelkamal Vaishnaw
  • Rekha Joshi
  • Dr.Prachi Singh

RSS

Loading… Loading feed

 

SAURABH SRIVASTAVA's Page

Profile Information

Gender
Male
City State
VARANASI
Native Place
FAIZABAD
Profession
BANKING SERVICE
About me
I am simple man. My purpose of life is make to make life happy and tension free.

SAURABH SRIVASTAVA's Photos

  • Add Photos
  • View All

SAURABH SRIVASTAVA's Blog

डर.... एक सोच

अपनी आँखों को जब मैं

बंद करने कि कोशिश करता हूँ

सोने के लिए

तभी तरह-तरह के विचार आते हैं

मानो जैसे अब

मेरे रास्ते बंद हो गए हैं

मैं कायर सा

डरपोक सा

बैठ गया हूँ



तभी कुछ सुनायी पड़ता है

आवाज

किसी की 

कहीं से आ रही है

कुछ कहने कि

समझने कि

कोशिश



इतना डरपोक न बन

हिम्मत कर

तू फिर से

मेहनत करके

एक नया नाम, इज़ज़त, शोहरत

कमा सकता है

इतना सोचते-सोचते

पता नहीं…

Continue

Posted on December 26, 2013 at 9:30pm — 9 Comments

साम्प्रदायिक भावना व राष्ट्रीय एकता

साम्प्रदायिक भावना राष्ट्रीय एकता 

बड़े गर्व की बात है …

Continue

Posted on June 21, 2013 at 8:30pm — 1 Comment

मासूम कली

एक कली प्यारी सी

मासूम सी

खिलना चाहती थी

वह भी

इस खूबसूरत दुनिया

देखना चाहती थी

पर लोगों को कुछ

और चाहिए था

इसलिए मार दिया उसको

आखिर क्यों

वे ऐसा कदम उठाते हैं

जन्म लेने से पहले ही

उस कली को उखाड़ फेंकते हैं

प्रश्न पूछता हूँ उनसे

क्यों वे ऐसा करते हैं

किस चीज़ की चाह है उनकी

जो लडकियां नहीं कर सकती

इतिहास के पन्नो को उठाकर…

Continue

Posted on June 15, 2013 at 9:00pm — 7 Comments

HAPPY FATHERS DAY

पिता वह खूबसूरत नाम है उस इंसान का जो अपने बच्चों की सारी ख्वाहिशों को पूरी करने में दिन रात एक कर देते हैं, उनके लिए सारे कष्टों को झेलते हैं, उन्हें दो समय की भले ही न रोटी मिले पर कहीं न कहीं से वे अपने बच्चों का पेट भरने के लिए दो समय की रोटी का इंतजाम करते हैं। 

वे धूप, ठंडक, आंधी-तूफ़ान, बारिश, किसी की परवाह किये बगैर दिन-रात मेहनत करते हैं। वे भले ही कभी अच्छे स्कूल में न पढ़े हों पर अपने बच्चों को हमेशा…

Continue

Posted on June 9, 2013 at 4:00pm — 4 Comments

Comment Wall

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

  • No comments yet!
 
 
 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Profile IconDr. VASUDEV VENKATRAMAN, Sarita baghela and Abhilash Pandey joined Open Books Online
5 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"आदाब। रचना पटल पर नियमित उपस्थिति और समीक्षात्मक टिप्पणी सहित अमूल्य मार्गदर्शन प्रदान करने हेतु…"
12 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार। रचना पटल पर अपना अमूल्य समय देकर अमूल्य सहभागिता और रचना पर समीक्षात्मक टिप्पणी हेतु…"
12 hours ago
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा सप्तक. . . सागर प्रेम

दोहा सप्तक. . . सागर प्रेमजाने कितनी वेदना, बिखरी सागर तीर । पीते - पीते हो गया, खारा उसका नीर…See More
13 hours ago
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"आदरणीय उस्मानी जी एक गंभीर विमर्श को रोचक बनाते हुए आपने लघुकथा का अच्छा ताना बाना बुना है।…"
14 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: मिथिलेश वामनकर
"आदरणीय सौरभ सर, आपको मेरा प्रयास पसंद आया, जानकार मुग्ध हूँ. आपकी सराहना सदैव लेखन के लिए प्रेरित…"
14 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: मिथिलेश वामनकर
"आदरणीय  लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर जी, मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार. बहुत…"
14 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहजाद उस्मानी जी, आपने बहुत बढ़िया लघुकथा लिखी है। यह लघुकथा एक कुशल रूपक है, जहाँ…"
14 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"असमंजस (लघुकथा): हुआ यूॅं कि नयी सदी में 'सत्य' के साथ लिव-इन रिलेशनशिप के कड़वे अनुभव…"
16 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"आदाब साथियो। त्योहारों की बेला की व्यस्तता के बाद अब है इंतज़ार लघुकथा गोष्ठी में विषय मुक्त सार्थक…"
yesterday
Jaihind Raipuri commented on Admin's group आंचलिक साहित्य
"गीत (छत्तीसगढ़ी ) जय छत्तीसगढ़ जय-जय छत्तीसगढ़ माटी म ओ तोर मंईया मया हे अब्बड़ जय छत्तीसगढ़ जय-जय…"
yesterday
LEKHRAJ MEENA is now a member of Open Books Online
Wednesday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service