For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

राजेन्द्र सिंह कुँवर 'फरियादी'
  • Male
  • Noida
  • India
Share on Facebook MySpace

राजेन्द्र सिंह कुँवर 'फरियादी''s Friends

  • बृजेश नीरज
  • Tushar Raj Rastogi
  • मोहन बेगोवाल
  • Anoop Singh Rawat
  • Neelima Sharma Nivia
  • वेदिका
  • Janak Desai
  • Aarti Sharma
  • Meena Pathak
  • shubhra sharma
  • vijay nikore
  • भावना तिवारी
  • आशीष नैथानी 'सलिल'
  • Parveen Malik
  • Neelkamal Vaishnaw
 

राजेन्द्र सिंह कुँवर 'फरियादी''s Page

Profile Information

Gender
Male
City State
Noida
Native Place
Srinagar Garhwal
Profession
Business
About me
भारतवर्ष के गांवों में मुझे भी शिक्ष का अबसर मिला और मैंने भी गांवों पल बढ़ कर अपनी बाहरवीं तक की शिक्षा प्राप्त की और बारहवीं के बाद जैंसा की अक्सर गांवों में होता है कि नौकरी के लिए शहर की ओर आना पड़ता है मैं भी गाँव छोड़ कर दिल्ली जैंसे शहर में आ गया और व्यक्तिगत रूप से वी. ए. और एम. ए.(हिंदी) हेमंती नंदन गढ़वाल विश्व विद्यालय से किया और साथ ही साथ अपनी रोजी-रोटी की तलाश में भटकता रहा। कुछ समाचार और पत्र -पत्रिकाओं में छुट-पुट रचनाएँ प्रकशित हुई, आजकल, साहित्य अमृत, वागर्थ, हंस जैंसी पत्रिकाओं का नियमित पाठक रहा हूँ इन पत्रिकाओं से साहित्य के बारे में बहुत कुछ सीखता रहा। अंतरजाल पर बहुत सी रचनाये प्रकाशित हुई और आपना एक ब्लॉग भी लिखता रहा हूँ 'बिखरे हुए आक्षरों का संगठन' कुछ रचनाकार मित्रों के साथ शुक्ति प्रकाशन ने एक पुस्तक प्रकाशित की है 'भावांजलि' जो की मेरी भी प्रकाशित रचनाओं की पहली पुस्तक होगी । बाकि आप सभी पाठक मित्रों का स्नेह और आशीर्वाद यूँ ही बन रहे तो मैं अपनी कलम से आप सब मित्रों के समक्ष हर सुख-दुःख यूँ ही बयां करता रहूँगा आप सभी मित्रों का आभारी राजेन्द्र सिंह कुँवर 'फरियादी'

राजेन्द्र सिंह कुँवर 'फरियादी''s Photos

  • Add Photos
  • View All

राजेन्द्र सिंह कुँवर 'फरियादी''s Blog

मजदूर





आप सब को मजदूर दिवस की हार्दिक शुभकामनायें 



मजदूर



मजबूर हूँ मजदूरी से पेट का 



गुजरा अब हाथ से निकल रहा, 



अब हम चुप कब तक रहे, 



हृदय हमारा पिघल रहा, 



मेहनत करके नीव रखी देश की, 



अब सब बिफल रहा, 



अपने हकों के लिए चुना नेता, 



देखो हम को ही निगल रहा, 



डिग्री लेकर कोई इंजिनियर 



कुर्सी पर जो रोब जमता है



देखा जाय तो बिन मजदूर…

Continue

Posted on May 1, 2013 at 3:32pm — 3 Comments

समय चक्र

जगाता रहा

समय का चाबुक

जन जन को !

निगाहों पर

तस्वीरों के निशान

उभर आते !

सोयी आँखों में

सपने बनकर

बिचरते हैं !

संकेत देते

बढ़ते कदमो को

संभलने का !

इंसानी तन

लिप्त था लालसा में

नजरें फेरे !

संभले कैंसे

रफ़्तार पगों की

बेखबर दौड़े !

रचना – राजेन्द्र सिंह कुँवर ‘फरियादी’

Posted on February 26, 2013 at 7:30pm — 4 Comments

मैं तो पानी हूँ

नमन करूँ मैं इस धरती माँ को,

जिसने मुझको आधार दिया,

पल पल मर कर जीने का

सपना ये साकार किया !

हिम शिखर के चरणों से मैं,

दुःख मिटाने निकला था,…

Continue

Posted on February 25, 2013 at 10:00am — 8 Comments

धरती

ये धरती कब क्या कुछ कहती है

सब कुछ अपने पर सहती है,

तूफान उड़ा ले जाते मिटटी,

सीना फाड़ के नदी बहती है !

सूर्यदेव को यूँ देखो तो,

हर रोज आग उगलता है,

चाँद की शीतल छाया से भी,

हिमखंड धरा पर पिघलता है !

ऋतुयें आकर जख्म कुदेरती,

घटायें अपना रंग…

Continue

Posted on February 13, 2013 at 12:30pm — 11 Comments

Comment Wall (6 comments)

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

At 7:26pm on June 15, 2013, Meena Pathak said…

स्वागत है आप का 

At 6:01pm on March 9, 2013, मोहन बेगोवाल said…

रजिंदर जी , मित्रता के लिए  धन्यवाद , क्यूंकि हिन्दी मेरी मातृभाषा नहीं, पर कोश्शि शुरू की है

At 7:50pm on February 23, 2013, बृजेश नीरज said…

आपने मुझे मित्रता योग्य समझा इसके लिए आपका आभार!

At 7:29pm on February 15, 2013, Neelima Sharma Nivia said…

आपका स्वागत है 

At 6:48pm on February 14, 2013, Anoop Singh Rawat said…

बहुत-२ धन्यवाद राजेंद्र भाई जी...

At 12:54pm on July 24, 2012, Rekha Joshi said…

राजेन्द्र जी आपका स्वागत है 

 
 
 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

देवता क्यों दोस्त होंगे फिर भला- लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

२१२२/२१२२/२१२ **** तीर्थ जाना  हो  गया है सैर जब भक्ति का यूँ भाव जाता तैर जब।१। * देवता…See More
5 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey posted a blog post

कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ

२१२२ २१२२ २१२२ जब जिये हम दर्द.. थपकी-तान देते कौन क्या कहता नहीं अब कान देते   आपके निर्देश हैं…See More
Sunday
Profile IconDr. VASUDEV VENKATRAMAN, Sarita baghela and Abhilash Pandey joined Open Books Online
Saturday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"आदाब। रचना पटल पर नियमित उपस्थिति और समीक्षात्मक टिप्पणी सहित अमूल्य मार्गदर्शन प्रदान करने हेतु…"
Friday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार। रचना पटल पर अपना अमूल्य समय देकर अमूल्य सहभागिता और रचना पर समीक्षात्मक टिप्पणी हेतु…"
Friday
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा सप्तक. . . सागर प्रेम

दोहा सप्तक. . . सागर प्रेमजाने कितनी वेदना, बिखरी सागर तीर । पीते - पीते हो गया, खारा उसका नीर…See More
Friday
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"आदरणीय उस्मानी जी एक गंभीर विमर्श को रोचक बनाते हुए आपने लघुकथा का अच्छा ताना बाना बुना है।…"
Friday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: मिथिलेश वामनकर
"आदरणीय सौरभ सर, आपको मेरा प्रयास पसंद आया, जानकार मुग्ध हूँ. आपकी सराहना सदैव लेखन के लिए प्रेरित…"
Friday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: मिथिलेश वामनकर
"आदरणीय  लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर जी, मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार. बहुत…"
Friday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहजाद उस्मानी जी, आपने बहुत बढ़िया लघुकथा लिखी है। यह लघुकथा एक कुशल रूपक है, जहाँ…"
Friday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"असमंजस (लघुकथा): हुआ यूॅं कि नयी सदी में 'सत्य' के साथ लिव-इन रिलेशनशिप के कड़वे अनुभव…"
Friday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"आदाब साथियो। त्योहारों की बेला की व्यस्तता के बाद अब है इंतज़ार लघुकथा गोष्ठी में विषय मुक्त सार्थक…"
Thursday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service