For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

वेब दुनिया काउंटर (विश्व हिंदी सम्मलेन)

विश्व हिंदी सम्मलेन, भोपाल
10, 11, 12 सितम्बर 2015

Views: 247

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by shree suneel on September 14, 2015 at 2:23am
निश्चय ही सुखकर रहा होगा वहाँ का अनुभव. महसूस कर सकता हूँ. ऐसे सम्मेलनों में हिस्सेदारी, मौजूदगी एक विशिष्ट अनुभव, परिपक्वता प्रदान करती है आदरणीय. बधाई आपको. सादर
Comment by shree suneel on September 14, 2015 at 2:23am
निश्चय ही सुखकर रहा होगा वहाँ का अनुभव. महसूस कर सकता हूँ. ऐसे सम्मेलनों में हिस्सेदारी, मौजूदगी एक विशिष्ट अनुभव, परिपक्वता प्रदान करती है आदरणीय. बधाई आपको. सादर
Comment by Dr. Vijai Shanker on September 13, 2015 at 8:56pm
प्रिय मिथिलेश जी ,
आपके द्वारा संलग्न विश्व हिंदी सम्मलेन, भोपाल ( सितम्बर २०१५ ) के सभी चित्र देखे , अच्छा लगा, गर्व भी हुआ , आपका योगदान रहा है , सराहनीय है, एक विशिष्ट अनुभव हुआ होगा , आपको. हिंदी - दिवस हम हर वर्ष मनाते हैं , कुछ अच्छा करते हैं , कुछ मांग करते हैं. भाषा चलन की चीज़ है , जितना चलाएंगे उतना चलेगी , इसलिए आवश्यकता यह है कि उसे खूब और खूब चलायमान बनाया जाए। भाषा जितनी चलेगी लोग उतने ही उसकी और आकर्षित होंगे, आश्रित भी होगें , उसे हम आश्रय - दायिनी बनाये , उसके लिए कृपा / आश्रय न भी मांगे तो भी अच्छा होगा। उसे जन जन की भाषा बनाये , क्लिष्टता से दूर करें , सरल बनाएं , उसकी लोकप्रियता स्वयं बढ़ेगी।
……… मैं इस समय सम्प्रति कोस्टा रीका में हूँ , यहां भारत के प्रति लोगों में रूचि है , योग में , विशेषत: , कुछ लोगों में कृष्ण - भक्ति भी उल्लेखनीय है , उन लोगों में हिन्दी के प्रति स्वाभाविक रूचि एवं जिज्ञासा है। यहां की भाषा स्पैनिश है और अंग्रेजी भी कम लोग ही जानते हैं। संस्कृति भी स्पेनी है.
आपकी लगन एवं मनोरथ को बहुत बहुत शुभ कामनाएं।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

LEKHRAJ MEENA is now a member of Open Books Online
17 hours ago
Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"शेर क्रमांक 2 में 'जो बह्र ए ग़म में छोड़ गया' और 'याद आ गया' को स्वतंत्र…"
Sunday
Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"मुशायरा समाप्त होने को है। मुशायरे में भाग लेने वाले सभी सदस्यों के प्रति हार्दिक आभार। आपकी…"
Sunday
Tilak Raj Kapoor updated their profile
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आ. भाई दयाराम जी, सादर अभिवादन। अच्छी गजल हुई है। हार्दिक बधाई।"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आ. भाई जयहिन्द जी, सादर अभिवादन। अच्छी गजल हुई है और गुणीजनो के सुझाव से यह निखर गयी है। हार्दिक…"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आ. भाई विकास जी बेहतरीन गजल हुई है। हार्दिक बधाई।"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आ. मंजीत कौर जी, अभिवादन। अच्छी गजल हुई है।गुणीजनो के सुझाव से यह और निखर गयी है। हार्दिक बधाई।"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आ. भाई दयाराम जी, सादर अभिवादन। मार्गदर्शन के लिए आभार।"
Sunday
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आदरणीय महेन्द्र कुमार जी, प्रोत्साहन के लिए बहुत बहुत धन्यवाद। समाँ वास्तव में काफिया में उचित नही…"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आ. मंजीत कौर जी, हार्दिक धन्यवाद।"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आ. भाई तिलक राज जी सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति, स्नेह और विस्तृत टिप्पणी से मार्गदर्शन के लिए…"
Sunday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service