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अजय गुप्ता 'अजेय's Discussions (1,434)

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"धन्यवाद प्रतिभा जी"

अजय गुप्ता 'अजेय replied on Sunday to 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 167

103 on Sunday
Reply by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'

"आभार लक्ष्मण भाई "

अजय गुप्ता 'अजेय replied on Sunday to 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 167

103 on Sunday
Reply by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'

"रचना पर अपनी उपस्थिति और उपयोगी सुझाव देने के लिए अनेक आभार आदरणीय "

अजय गुप्ता 'अजेय replied on Sunday to 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 167

103 on Sunday
Reply by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'

"क्या बात है मिथिलेश भाई, बहुत रोचक दोहे। चेहरे पर बरबस एक मुस्कान आ गई। जेठ ने तो मज़…"

अजय गुप्ता 'अजेय replied on Sunday to 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 167

103 on Sunday
Reply by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'

"प्रतिक्रिया और सुझाव के लिए हार्दिक आभार आदरणीय। पंक्ति यूँ करता हूँ: तापमान को टाँक…"

अजय गुप्ता 'अजेय replied on Sunday to 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 167

103 on Sunday
Reply by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'

"जी बिल्कुल संदर्भ समझ आ गया था। और आपने जैसे उसे दोहे में प्रयोग किया वो काफ़ी पसंद भ…"

अजय गुप्ता 'अजेय replied on Sunday to 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 167

103 on Sunday
Reply by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'

"आह और वाह आदरणीया प्रतिभा जी। चित्र को एक अलग ही ऊंचाई प्रदान की है आपने अपने शब्दों…"

अजय गुप्ता 'अजेय replied on Sunday to 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 167

103 on Sunday
Reply by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'

"अतिप्रभावी सृजन आदरणीय। हर दोहा अपनेआप में नया परिदृश्य और नया भाव उत्पन्न कर रहा है…"

अजय गुप्ता 'अजेय replied on Sunday to 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 167

103 on Sunday
Reply by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'

"सुंदर दोहवली के सृजन पर आपको हार्दिक बधाई अखिलेश जी। वर्षाजल संचय के रूप में एक अचूक…"

अजय गुप्ता 'अजेय replied on Sunday to 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 167

103 on Sunday
Reply by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'

"दोहा आधारित एक रचना: प्यास बुझाएँगे सदा सूरज दादा तुम तपो, चाहे जितना घोर, तुम चा…"

अजय गुप्ता 'अजेय replied on Saturday to 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 167

103 on Sunday
Reply by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'

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अजय गुप्ता 'अजेय commented on अजय गुप्ता 'अजेय's blog post ग़ज़ल (हर रोज़ नया चेहरा अपने, चेहरे पे बशर चिपकाता है)
"आदरणीय नीलेश जी, ग़ज़ल पर आने और अपनी बहुमूल्य सलाह देने के लिए आपका आभार। आपके सुझाव उपयोगी हैं और…"
1 hour ago
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - ताने बाने में उलझा है जल्दी पगला जाएगा
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"आभार आ. शिज्जू भाई..मंच पर इसी तरह की चर्चा ही उर्जा भर्ती है आभार "
18 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - ताने बाने में उलझा है जल्दी पगला जाएगा
"आ. सौरभ सर,आपने मुझे मज़ाक मज़ाक में अब्दुल रज़ाक कर दिया 🤣😂🤣😂🤣😂"
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Saurabh Pandey commented on दिनेश कुमार's blog post ग़ज़ल दिनेश कुमार -- अंधेरा चार सू फैला दमे-सहर कैसा
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18 hours ago
Sushil is now a member of Open Books Online
22 hours ago

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शिज्जु "शकूर" commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - ताने बाने में उलझा है जल्दी पगला जाएगा
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Saurabh Pandey commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - ताने बाने में उलझा है जल्दी पगला जाएगा
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Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - तमन्नाओं को फिर रोका गया है
"धन्यवाद आ. रवि जी ..बस दो -ढाई साल का विलम्ब रहा आप की टिप्पणी तक आने में .क्षमा सहित..आभार "
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Nilesh Shevgaonkar commented on अजय गुप्ता 'अजेय's blog post ग़ज़ल (हर रोज़ नया चेहरा अपने, चेहरे पे बशर चिपकाता है)
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Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - ताने बाने में उलझा है जल्दी पगला जाएगा
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