For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

मैथिली साहित्य Discussions (35)

← Back to मैथिली साहित्य
Discussions Replies Latest Activity

मैयाक गीत

मैया भवानी  अलख जगेथीन अन्न धन देथीन हमरो घर ना नै हम रहबै लेने खाली दूबि धान   माँगै छी मैयासँ माँगक सेनूर लाले लाल अचरीक दान मैया करथीन…

Started by जगदानन्द झा 'मनु'

2 Oct 11, 2013
Reply by जगदानन्द झा 'मनु'

गजल

माँ शारदे वरदान दिअ हमरो  हृदयमे ज्ञान दिअ हरि ली सभक अन्हार हम एहन इजोतक दान दिअ सुनि दोख हम कखनो अपन दुख नै हुए ओ कान दिअ गाबी अहीँ…

Started by जगदानन्द झा 'मनु'

3 Apr 15, 2013
Reply by Saurabh Pandey

मैथिली हाइकू : संजीव 'सलिल'

मैथिली हाइकू : संजीव 'सलिल' * स्नेह करब  हमर मन्त्र अछि। गले लगबै। * एहि  दुनिया ईश्वर बनावल  प्रेम सं मिलु। * सभ सं प्यार   नफरत करब  नs …

Started by sanjiv verma 'salil'

0 Jan 1, 2013

गजल

चासो गेलै बासो गेलैघर दरबज्जा अँगनो गेलै ओ ठाढ़े रहलै मजमा बनिथपड़ी गेलै पैसो गेलैहुनकर पाँचो आँगुर घीमेदूधो गेलै दहियो गेलैछै शेरक घर भोजन…

Started by ASHISH ANCHINHAR

0 Oct 20, 2012

गजल

दोख हम केकरा देबै इ तोहीं कहआब किनका जरे जीबै इ तोहीं कह नजरि भरि देखलहुँ हुनका अन्हारेमेआब डिबिया किए लेबै इ तोहीं कह गुजरि जाएत बिच्चे…

Started by ASHISH ANCHINHAR

2 Aug 2, 2012
Reply by Saurabh Pandey

Maithilee Geet - Khanak hushn ke..........................by Abhay Deepraaj

मैथिली गीत-   खनक हुश्न के देखि लेलनि.... खनक  हुश्न  के   देखि   लेलनि   जे  राजा | भेलन्हि देह मधुबन,  भेलन्हि  मोंन बाजा || अब हमरे हर…

Started by Abhay Kant Jha Deepraaj

3 Oct 10, 2011
Reply by Abhay Kant Jha Deepraaj

अभय कान्त झा दीपराज के मैथिली गीत -

          सिंह - पीठ पर बैसल अम्बा........ . सिंह - पीठ पर बैसल अम्बा, अयलथि मिथिला धाम | मिथिलावासी, जगदम्बा के,  उठि-उठि करथि प्रणाम ||…

Started by Abhay Kant Jha Deepraaj

1 Oct 5, 2011
Reply by Saurabh Pandey

दहेज़ मुक्त मिथिला

अपार हर्षके संग संपूर्ण मैथिल केँ सूचित कय रहल छी जे मिथिलाके महान्‌ पारंपरिक एवं वैज्ञानिक महत्त्वके द्योतक - विवाह योग्य वर एवं कनियाके ज…

Started by pankaj jha

0 Jun 8, 2011

मिथिलाक वासी

हम मिथिला केर वासी छी हम मिथिला केर वासी छी अछि गौरव हमरा भाषा पर कि हम मैथिली भाषी छी, हम मिथिला केर वासी छी, एहि पवित्र धरती पर लेलनि जग…

Started by Manoj Kumar Jha

5 Jun 4, 2011
Reply by Saurabh Pandey

अभय कान्त झा दीपराज के मैथिली गीत -५-

             बेटी   के   दहेज़  के भार..........बनल   असह्य   संताप   समाजक,   बेटी   के   दहेज़  के भार |भैया - बाबू   गोर   लगैत   छी,   …

Started by Abhay Kant Jha Deepraaj

0 Mar 18, 2011

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Sushil Sarna posted blog posts
Thursday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आ. भाई सौरभ जी, सादर अभिवादन। बेहतरीन गजल हुई है। हार्दिक बधाई।"
Wednesday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

देवता क्यों दोस्त होंगे फिर भला- लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

२१२२/२१२२/२१२ **** तीर्थ जाना  हो  गया है सैर जब भक्ति का यूँ भाव जाता तैर जब।१। * देवता…See More
Wednesday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey posted a blog post

कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ

२१२२ २१२२ २१२२ जब जिये हम दर्द.. थपकी-तान देते कौन क्या कहता नहीं अब कान देते   आपके निर्देश हैं…See More
Nov 2
Profile IconDr. VASUDEV VENKATRAMAN, Sarita baghela and Abhilash Pandey joined Open Books Online
Nov 1
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"आदाब। रचना पटल पर नियमित उपस्थिति और समीक्षात्मक टिप्पणी सहित अमूल्य मार्गदर्शन प्रदान करने हेतु…"
Oct 31
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार। रचना पटल पर अपना अमूल्य समय देकर अमूल्य सहभागिता और रचना पर समीक्षात्मक टिप्पणी हेतु…"
Oct 31
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा सप्तक. . . सागर प्रेम

दोहा सप्तक. . . सागर प्रेमजाने कितनी वेदना, बिखरी सागर तीर । पीते - पीते हो गया, खारा उसका नीर…See More
Oct 31
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"आदरणीय उस्मानी जी एक गंभीर विमर्श को रोचक बनाते हुए आपने लघुकथा का अच्छा ताना बाना बुना है।…"
Oct 31

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: मिथिलेश वामनकर
"आदरणीय सौरभ सर, आपको मेरा प्रयास पसंद आया, जानकार मुग्ध हूँ. आपकी सराहना सदैव लेखन के लिए प्रेरित…"
Oct 31

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: मिथिलेश वामनकर
"आदरणीय  लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर जी, मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार. बहुत…"
Oct 31

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहजाद उस्मानी जी, आपने बहुत बढ़िया लघुकथा लिखी है। यह लघुकथा एक कुशल रूपक है, जहाँ…"
Oct 31

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service