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अभय कान्त झा दीपराज कृत - मैथिली गीत क्रमांक - ४

      हम बेटी बनि जन्म जे लेलौं...........


हम  बेटी  बनि  जन्म  जे  लेलौं ,   बड़ दुःख देखलौं एहि  संसार |
बड़   कर्त्तव्य  निबाहल  लेकिन , बड़   कम  भेंटल  हमरा   प्यार ||

जन्म  लेलौं  त  कातर - दृष्टि ,   जननी   देखलथि   हमरा  ओर |
दुःख में डूबल  बोल  सुनोल
नि- कोन  जरूरत ?  छलौ   गे   तोर ||
कलपि गेल मोन, सोचय  लगलौं-  देलौं  विधाता  कोन?  कपार |
बड़   कर्त्तव्य  निबाहल  लेकिन ,  बड़  कम  भेंटल  हमरा  प्यार || १ ||

बाबू  के बड़  मोन  जितलिनि,   त   हुनकर   ई  सुलौं  बोल |
बौआ, तों ओ धन छें  जाहिक,  जग   हमरा  सन  माँगत  मोल ||
निर्धन   के   आँगन   में    बेटी,   बड़    भारी    दहेज   के  भार |
हम बेटी बनि जन्म जे लेलौं,   बड़   दुःख   देखलौं  एहि  संसार || ||

जाही सहोदर  भैया  पर  छल ,   न्योछावर   हम्मर  जी - जान |
हमरा सासुर, भेल ओ कूकुर,  बचा  नै  पौलि
हि  ओकर  मान ||
कतबो खटलों, सेवक बनि  पर-  हम  गुलाम,  सासुर -  दरबार |
बड़   कर्त्तव्य  निबाहल  लेकिन,  बड़  कम  भेंटल  हमरा  प्यार || ३ ||

प्रियतम हम्मर मोन त बुझला,  पर  चलनि  नहिं कोनो जोर |
धर्म,  कर्म,  कर्त्तव्य  केलों  पर,  जीवन  जी  लों  बनि  क  चोर ||
बिन  अपराधो ,  अपराधी  बनि,  सह
लौं  हम  अपमान  हजार |
हम बेटी बनि जन्म  जे  लेलौं , बड़  दुःख  देखलौं  एहि  संसार || ||

समय बितल त जननी बनलौं, सुत जनमल त किछु जस भेल |
बेटी  जन्म  लेलक  त  कोखक ,  बड़  भारी  अपजस  भ  गेल ||
नहिं समाज ई  सोचलक  कखनों-  बिन  बेटी  केहन ?  संसार |

बड़   कर्त्तव्य  निबाहल लेकिन , बड़  कम  भेंटल  हमरा  प्यार || ५ ||

हम  बेटी  बनि जन्म  जे  लेलौं ,   बड़ दुःख देखलौं एहि  संसार |
बड़  कर्त्तव्य  निबाहल  लेकिन , बड़   कम  भेंटल  हमरा   प्यार ||

                                  रचनाकार - अभय दीपराज

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