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अभय कान्त झा दीपराज के मैथिली गीत क्रमांक - ३

                    भगवती के गीत

हे भगवती , जननी  जगत  के,कृपा के छाया दिअ |
जाहि सँ हम  धन्य  जीवन  कय सकी, माया दिअ ||

मनुज  तन  त  देलौं  जननी, मोन  के  पशुता  हरू,
हम  सदाचारी  बनी , ओ   शुभ्रता - शुचिता   भरू ||
हर  घड़ी  निज  अंक  और  आशीष  के पाया दिअ |
जाहि  सँ  हम  धन्य जीवन कय सकी, माया दिअ || ||

स्वस्थ तन और स्वस्थ मन , सुविचार सँ संतृप्तता |
लोभ  और  लालच  रहित ,  संतोष  धन सँ तृप्तता ||
योग्यता  के  शक्ति  माँ  और  शक्ति  के शाया दिअ |
हे भगवती , जननी  जगत  के,कृपा के छाया दिअ || ||

धर्म  के  और  न्याय के पथ पर सदा जीवन चलय |
विश्व  के  कल्याण  के  दृढ  आस्था   हरदम  रहय ||
दीन - दुर्बल  के मदद  के  योग्य  माँ , काया  दिअ |
जाहि  सँ  हम  धन्य जीवन कय सकी, माया दिअ || ||

दुष्ट   जन  और  दुष्ट   दृष्टि ,  दुष्टता   के   बाण   सँ |
माँ ,  करू रक्षा, हरू हर कष्ट - तन , मन , प्राण  सँ ||
दोष - दुर्गुण  रहित  जीवन-ज्योति के  साया  दिअ |
जाहि सँ  हम धन्य जीवन कय  सकी, माया  दिअ || ||

कर्म   और   कर्त्तव्य  के   निर्वाह   के   शक्ति  दिअ |
राखि कय अपनेक शरण में,माँ  अपन  भक्ति  दिअ ||
कष्ट - कंटक  के  कठिनता पर  विजय, दाया  दिअ |
हे भगवती , जननी जगत के,कृपा के  छाया  दिअ ||
||

हे भगवती , जननी  जगत  के,कृपा के छाया दिअ |
जाहि सँ हम  धन्य  जीवन  कय सकी, माया दिअ ||


                    रचनाकार - अभय दीपराज

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