For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

निम्न बिंदु आपकी एक्सपर्ट राय की बाट जोह रहे हैं :
1 " ये लघुकथा नहीं है क्योंकि इसमें कोई सार्थक सन्देश निहित नहीं है। " क्या 21 वीं सदी में लघुकथा इस आधार पर भी कहानी से अलग पहचान बनाने लगी है ?
2 " लघुकथा मानकों पर ये खारिज की जाती है " सवाल यह कि कौन-कौन से मानक इसे ख़ारिज कर रहे हैं ?
3 " लघुकथा हुई है " वाक्य इस मंच पर सुन रहा हूँ। यह भाषा का किस प्रकार का प्रयोग है , समझाएं कृपया ( हालाँकि यह लघुकथा चर्चा से इत्तर विषय है ) मगर आप 2 शब्दों में मात्र इतना बता सकते हैं कि यह प्रयोग उचित है / नहीं है )
4 " ये लघुकथा नहीं है क्योंकि इसमें कोई सार्थक सन्देश निहित नहीं है।" " इस वाक्य से क्या निहित है कि लेखिका एक लघुकथा की बात कह रही है या ज्यादा की ?"

5.आदरणीया Kanta Roy जी टीम-प्रबंधन में कहीं दिखाई नहीं दे रहीं।  तो कोई भी इस तरह " खारिज की जाती है "  फतवा दे सकता है ?

Delete

एक लेखक महोदय लघुकथा लिखने में जुटे हुए थे। दूसरे कमरे में उनकी पत्नी प्रसव-पीड़ा झेल रही थी। संयोग यह कि इधर सृजन ख़त्म हुआ , उधर नवजात बच्चा रोया। आवाज सुन कर लेखक की मां भाग कर आई और पूछा  - क्या हुआ है ?
नर्स कुछ बोलती, इससे पहले लेखक महोदय ख़ुशी से चिल्लाए - लघुकथा हुई है, अम्मा । 
" नासपीटे , घोर कलयुग ! मैंने सारी उम्र लड़के जाने या लड़की। आजकल लघुकथाएँ भी होने लगी ? पता नहीं क्या-क्या देख कर मरना होगा। "
बेचारा लेखक सर खुजा रहा था

maulik tatha aprakashit tippani 

चुटकुलानुमा कुछ भी लिख देने से लघुकथा नहीं बन जाती है। ये लघुकथा  नहीं है क्योंकि इसमें कोई सार्थक सन्देश निहित नहीं है।  लघुकथा मानकों पर ये खारिज की जाती है. सादर।    

Delete

यह लघुकथा है भी नहीं आदरणीया। इसके नीचे मेरी टिप्पणी देखी होती तो आप यह बात हरगिज़ न कहती 
maulik tatha aprakashit tippani 
यह सिर्फ टिप्पणी है 
मैंने एक मासूम सवाल पूछा था जो यहाँ पेस्ट है :
प्रिय महोदय, OBO सदस्य एक शब्द बारम्बार प्रयोग कर रहे हैं जिससे मुझे असुविधा हो रही है : …. लघुकथा हुई है
हुई है का क्या अर्थ ?
रची है / लिखी है / सृजित की है जैसे शब्द नहीं दिख रहे .
सभी सदस्य कृपया प्रकाश डालें

इसी थ्रेड मे था यह सवाल भी , मगर अफ़सोस किसी ने कोई जवाब नहीं दिया। यहाँ तक कि live chat के में रुम में भी नहीं 
आशा है स्थिति स्पष्ट हो गई होगी

मैं ऐसा समझता हूँ कि साहित्यिक रचना कही जाती है| इस बारे में वरिष्ठजन प्रकाश डालें तो ही उचित है|

Delete

जी चन्द्रेश।  हम यहाँ रचनाकार हैं।  शब्दों पर ध्यान तो देंगे ही।  मेरा यह सवाल एक सार्थक तथा व्यापक चर्चा मांगता है मगर , बहुत देर से कहीं से कोई जवाब नहीं आ रहा।  शायद सब व्यस्त हैं।  थोडा इंतजार कर लेते हैं 

Delete

और कांता जी लघुकथा की यह परिभाषा कहाँ से आई कि सार्थक सन्देश जिस रचना में निहित न हो वह लघुकथा नहीं होती ? 
तो सुनिए महोदया हालाँकि मैंने टिप्पणी के रूप में इसे गढ़ा था और मैं इसे अभी भी चुटकुला ही कह रहा हूँ मगर कोई बताएगा कि यह लघुकथा के किस मानक पर खरा नहीं उतरती ?
अगर इसे लघुकथा नहीं मानना तो यह स्वीकार करना ही होगा " हुई है " का प्रयोग उचित नहीं है। अगर यह कहना साहित्यिक है " लघुकथा हुई है " तो यह मेरा यह चुटकुला निस्संदेह ही लघुकथा है। 
धृष्टता के लिए क्षमा भी चाहता हूँ। निवेदन यह कि विद्वान इस टिप्पणी पर सिर्फ मानक की ही बात करें

आ० प्रदीप नील जी, बेहतर होगा कि हम लोग इस आयोजन में केवल इसमें सम्मिलित रचनायों पर ही अपना ध्यान केन्द्रित करें I लघुकथा विधा के विभिन्न पहलुयों पर बात करने के लिए एक अलग समूह मंच पर मौजूद है I 

Delete

जो आज्ञा प्रभाकर जी। 
कृपया समूह का नाम बताएं , मैं उधर हाज़िर हो जाता हूँ 

Reply by योगराज प्रभाकर 23 minutes ago

आ० प्रदीप नील जी, कृपया यहाँ केवल इस आलेख के बारे में ही चर्चा करें I बाकी बातों के लिए "सुझाव और शिकायत" समूह में आपनी बात कहें I सादर I

Views: 828

Replies to This Discussion

//मैं समझता हूँ कि यह उचित मंच है जहाँ मानकों के आधार पर किसी चुटकुले को लघुकथा , या लघुकथा को चुटकुला घोषित किया जाता है। //

यहाँ कुछ भी घोषित नहीं किया जाता, जो होता है वही कहा जाता है I इस मंच पर लघुकथा विधा के जानकार लघुकथा और चुटकुले में अंतर को भली-भांति जानते हैं I

//अभी लघुकथा महा उत्सव ख़त्म हुआ है , थके होंगे तथा वहां शामिल रचनाओं के संकलन में व्यस्त होंगे। अत: कोई जल्दी नहीं है। जब भी फुर्सत हो उत्सव से ही कॉपी पेस्ट की गई इस वार्ता पर विचार कर ,टिप्पणी अवश्य दें , यह निवेदन है। //

आ० प्रदीप नील जी, थकना और बकना मेरी तबियत में शामिल नहीं है I मंच पर होने वाली हर गतिविधि पर प्रबंधन एवं कार्यकरिणी टीम के हरेक सदस्य की 24X7 निगाह रहती है, अत: इस प्रकार कॉपी-पेस्ट करने की आवश्यकता नहीं I बहरहाल, आपके प्रश्नों का बिन्दुवत उत्तर दे रहा हूँ:

//1 " ये लघुकथा नहीं है क्योंकि इसमें कोई सार्थक सन्देश निहित नहीं है। " क्या 21 वीं सदी में लघुकथा इस आधार पर भी कहानी से अलग पहचान बनाने लगी है ?//

महज़ बतकूचन को तो लघुकथा नहीं कहा जा सकता न? 21 वीं ही क्यों 20 वीं सदी से ही लघुकथा ने अपने विशिष्ट कलेवर की वजह से एक अलग पहचान स्थापित की हुई है I

//2 " लघुकथा मानकों पर ये खारिज की जाती है " सवाल यह कि कौन-कौन से मानक इसे ख़ारिज कर रहे हैं ?//

तकरीबन सभी मानकों का ज़िक्र मेरे आलेख "लघुकथा विधा : तेवर और कलेवर" में मौजूद है I

//3 " लघुकथा हुई है " वाक्य इस मंच पर सुन रहा हूँ। यह भाषा का किस प्रकार का प्रयोग है , समझाएं कृपया ( हालाँकि यह लघुकथा चर्चा से इत्तर विषय है ) मगर आप 2 शब्दों में मात्र इतना बता सकते हैं कि यह प्रयोग उचित है / नहीं है )//

जी हाँ, यह प्रयोग बिलकुल उचित है I

//4 " ये लघुकथा नहीं है क्योंकि इसमें कोई सार्थक सन्देश निहित नहीं है।" " इस वाक्य से क्या निहित है कि लेखिका एक लघुकथा की बात कह रही है या ज्यादा की ?"//

इसका उत्तर ऊपर दे चुका हूँ I

//5.आदरणीया Kanta Roy जी टीम-प्रबंधन में कहीं दिखाई नहीं दे रहीं। तो कोई भी इस तरह " खारिज की जाती है " फतवा दे सकता है ?//

यह हरगिज़ कोई फतवा नहीं है, बल्कि विधा के मूलभूत नियमो से जानकारी है जिसकी बुनियाद पर आ० कांता रॉय जी ने ऐसा कहा I और इस मंच पर कोई सार्थक बात कहने का अधिकार सभी को है I यदि कोई नवोदित आपको हाइकू दिखाकर उसे भुजंगप्रयात का नाम दे तो आप ऐसे में क्या करेंगे ? आपके द्वारा भुजंगप्रयात के रूप में उस हाइकु को खारिज करना क्या फतवा कहलायेगा ?

आपसे अनुरोध है कि आप यहाँ होने वाले चारों आयोजनों के सभी अंक प्रारंभ से पढ़े, ताकि आपको इस परिवार को नजदीकी से जानने में सुविधा हो I यह "सीखने सिखाने" का मंच है, आप एक विद्वान आदमी एवं शिक्षाविद हैं, अत: हम सब को इस महायज्ञ में आपसे समिधा की आशा है I आशा है कि आप निराश नहीं करेंगे I

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"आ. भाई अशोक जी सादर अभिवादन। चित्रानुरूप सुंदर छंद हुए हैं हार्दिक बधाई।"
27 minutes ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय लक्ष्मण भाईजी  रचना को समय देने और प्रशंसा के लिए आपका हार्दिक धन्यवाद आभार ।"
43 minutes ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"आ. भाई अखिलेश जी, सादर अभिवादन। चित्रानुसार सुंदर छंद हुए हैं और चुनाव के साथ घुसपैठ की समस्या पर…"
1 hour ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अशोक भाईजी चुनाव का अवसर है और बूथ के सामने कतार लगी है मानकर आपने सुंदर रचना की…"
2 hours ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अशोक भाईजी हार्दिक धन्यवाद , छंद की प्रशंसा और सुझाव के लिए। वाक्य विन्यास और गेयता की…"
3 hours ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अशोक भाईजी  वाह !! सुंदर सरल सुझाव "
3 hours ago
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अशोक कुमार रक्ताले जी सादर अभिवादन बहुत धन्यवाद आपका आपने समय दिया आपने जिन त्रुटियों को…"
3 hours ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय जयहिंद रायपुरी जी सादर. प्रदत्त चित्र पर आपने सरसी छंद रचने का सुन्दर प्रयास किया है. कुछ…"
4 hours ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव साहब सादर, प्रदत्त चित्रानुसार घुसपैठ की ज्वलंत समस्या पर आपने अपने…"
4 hours ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
""जोड़-तोड़कर बनवा लेते, सारे परिचय-पत्र".......इस तरह कर लें तो बेहतर होगा आदरणीय अखिलेश…"
4 hours ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"    सरसी छंद * हाथों वोटर कार्ड लिए हैं, लम्बी लगा कतार। खड़े हुए  मतदाता सारे, चुनने…"
4 hours ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सौरभ भाईजी हार्दिक आभार धन्यवाद , उचित सुझाव एवं सरसी छंद की प्रशंसा के लिए। १.... व्याकरण…"
5 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service