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भोजपुरी साहित्य Discussions (245)

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भोजपुरी ग़ज़ल (गनेश जी बागी)

गुड़ खूब खाले ख़ाली, गुल्गुल्ला से परहेज बा, आपने म्यान काटे, राउर तलवार बड़ी तेज बा , गाय के रखवारी देखी ,करत बा कसाई, पाई मोका करी हलाल,…

Started by Er. Ganesh Jee "Bagi"

13 Jul 30, 2010
Reply by satish mapatpuri

बाली उमिरिया पतली कमरिया चलेलु तू इठालाइ के ,

बाली उमिरिया पतली कमरिया चलेलु तू इठालाइ के , आग लगइबु का हो गोरिया बीच बजरिया आई के , चाल बा तोहर नागिन जइसन अचरा जब सरकावेलू , देख के मु…

Started by Rash Bihari Ravi

5 Jul 29, 2010
Reply by satish mapatpuri

आपन दुःख केकरा से कही ,

आपन दुःख केकरा से कही , इहा के बाटे सुने वाला , हर तरफ अन्धिआर भइल बा , धधकत बा दहेज के ज्वाला , बेटी के बाप त हमहू बानी , बड़ी मुश्किल से…

Started by Rash Bihari Ravi

5 Jul 29, 2010
Reply by kunal roy

मुख्य प्रबंधक

हल्की फुल्की हँसी की बात (भाग 5)

बहुत लोग के ना पता होई हमनी के गुरु जी ( Ravi Kumar Giri ) हस्त रेखा के भी जानकार बानी, एक दिन जगन भाई गएलन गुरु जी से आपन हाथ देखावे,गुरु…

Started by Er. Ganesh Jee "Bagi"

6 Jul 24, 2010
Reply by samarjeet kumar

काहे हमके सतावे लू गोरी खाली एगो झलक दिखाके ,

काहे हमके सतावे लू गोरी खाली एगो झलक दिखाके , का मिलेला तोहके बोला आइसे में हमके तरपा के , जाने लू तोहरे के चाही ले रखी ले दिल में बसा के ,…

Started by Rash Bihari Ravi

4 Jul 22, 2010
Reply by suryajeet kumar singh

मुख्य प्रबंधक

बाबूजी सिखवले ( भोजपुरी गीत )

बाबूजी सिखवलेs दुःख, सहीहs अपार , कबो ना करिहs बबुआs, केकरो प वारs , गलती ना करिह अइसन,पिटे पड़े कपारs, दुनिया में कुछु ना रही, रह जाई प्यार…

Started by Er. Ganesh Jee "Bagi"

4 Jul 20, 2010
Reply by Neelam Upadhyaya

अरे बाप रे बाप इ जिए ना दी कादून ,

अरे बाप रे बाप इ जिए ना दी कादून , दमवा बढावले बाटे फिरू इ बढाई , हमनी गरिबवान के आसू ना दिखाई , इ ता बरका लोग से मॉल पुआ खाई , अबकिर भोटवा…

Started by Rash Bihari Ravi

2 Jul 19, 2010
Reply by Saurabh Pandey

अउर ए बंद से महँगाई घटि गइल...हा..हा..हा..हा

केतना खुसी के बाति बा की काल्ह की बंद से महँगाई घटि गइल. हाँ भाई...काँहें हँसतानि..घटल नइखे का? खैर हो सकेला रउरा खातिर ना घटल होखे पर ए बं…

Started by Prabhakar Pandey

2 Jul 8, 2010
Reply by Rash Bihari Ravi

राजा ठाकुर

इ कहानी हा एगो अइसन नोवजवान के जवान नाम कमाए खातिर हमेशा पागलपन करत रहेला , हमरा पंचायत में 7 गो गाँव बा जवना में 52 गो टोला पंचायत के मुखि…

Started by Rash Bihari Ravi

3 Jun 5, 2010
Reply by PREETAM TIWARY(PREET)

हमके अइसन मिलली रानी उहो खूब नचावत बारी,

दुख बाटे बाकिर खुसी होला रउआ के बतावत बानी, हमके अइसन मीलली रानी उहो खूब नचावत बारी, माई के हमरो पाव न दबाइहान इ हमसे कहत बारी , जईहान उहो…

Started by Rash Bihari Ravi

2 May 28, 2010
Reply by PREETAM TIWARY(PREET)

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Samar kabeer replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"प्रिय मंच को आदाब, Euphonic अमित जी पिछले तीन साल से मुझसे जुड़े हुए हैं और ग़ज़ल सीख रहे हैं इस बीच…"
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"आदरणीय अमीरुद्दीन जी, किसी को किसी के प्रति कोई दुराग्रह नहीं है. दुराग्रह छोड़िए, दुराव तक नहीं…"
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Saurabh Pandey commented on अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी's blog post ग़ज़ल (जो उठते धुएँ को ही पहचान लेते)
"अपने आपको विकट परिस्थितियों में ढाल कर आत्म मंथन के लिए सुप्रेरित करती इस गजल के लिए जितनी बार दाद…"
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शिज्जु "शकूर" commented on Ashok Kumar Raktale's blog post मनहरण घनाक्षरी
"आदरणीय सौरभ सर, अवश्य इस बार चित्र से काव्य तक छंदोत्सव के लिए कुछ कहने की कोशिश करूँगा।"
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सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Ashok Kumar Raktale's blog post मनहरण घनाक्षरी
"शिज्जू भाई, आप चित्र से काव्य तक छंदोत्सव के आयोजन में शिरकत कीजिए. इस माह का छंद दोहा ही होने वाला…"
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Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - गुनाह कर के भी उतरा नहीं ख़ुमार मेरा
"धन्यवाद आ. अमीरुद्दीन अमीर साहब "
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Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - गुनाह कर के भी उतरा नहीं ख़ुमार मेरा
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"आ. लक्ष्मण धामी जी,अच्छी ग़ज़ल हुई है ..दो तीन सुझाव हैं,.वह सियासत भी कभी निश्छल रही है.लाख…"
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Nilesh Shevgaonkar commented on अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी's blog post ग़ज़ल (जो उठते धुएँ को ही पहचान लेते)
"आ. अमीरुद्दीन अमीर साहब,अच्छी ग़ज़ल हुई है ..बधाई स्वीकार करें ..सही को मैं तो सही लेना और पढना…"
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शिज्जु "शकूर" commented on अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी's blog post ग़ज़ल (जो उठते धुएँ को ही पहचान लेते)
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सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" commented on Ashok Kumar Raktale's blog post मनहरण घनाक्षरी
"आदरणीय सौरभ सर, हार्दिक आभार, मेरा लहजा ग़जलों वाला है, इसके अतिरिक्त मैं दौहा ही ठीक-ठाक पढ़ लिख…"
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Sushil Sarna posted blog posts
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