For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

पुस्तक समीक्षा Discussions (112)

← Back to पुस्तक समीक्षा
Discussions Replies Latest Activity

सदस्य टीम प्रबंधन

पुस्तक समीक्षा के आवश्यक विन्दु // --सौरभ

पुस्तक-समीक्षा एक ऐसा साहित्यिक प्रयास है जिसके माध्यम से कोई समीक्षक या आलोचक उस पुस्तक या उसकी रचना(ओं) के माध्यम से लेखक या रचयिता के रच…

Started by Saurabh Pandey

3 Feb 3, 2014
Reply by Dr.Prachi Singh

सदस्य कार्यकारिणी

त्रासद समय में नारी का जीवन – संघर्ष ‘ बंजारन ‘

                                             त्रासद समय में नारी का जीवन – संघर्ष                                                          …

Started by sharadindu mukerji

3 Dec 8, 2013
Reply by Vindu Babu

सदस्य कार्यकारिणी

परों को खोलते हुये-1

किताब को खोलते ही मेरी नज़र सबसे पहले आदरणीय श्री योगराज प्रभाकर सर के इन शब्दों पर पड़ी ''इन बून्दों को मोती होना अवश्य है'' इन शब्दों को…

Started by शिज्जु "शकूर"

4 Nov 27, 2013
Reply by बृजेश नीरज

''परों को खोलते हुए'' की काव्यात्मक समीक्षा....................आदित्य चतुर्वेदी........समीक्षक

''परों को खोलते हुए'' की काव्यात्मक समीक्षा....................आदित्य चतुर्वेदी........समीक्षक //1// देखिए तीस परों को खोलते हुएअक्षर-अक्ष…

Started by aditya chaturvedi

11 Nov 24, 2013
Reply by धर्मेन्द्र कुमार सिंह

समीक्षा - परों को खोलते हुए-1 : एक पाठकीय प्रतिक्रिया -राहुल देव

हिंदी साहित्य जगत के पंद्रह रचनाकारों का संयुक्त काव्य संग्रह ‘परों को खोलते हुए-1’ मेरे हाथ में है | इस संकलन में हिंदी काव्यजगत के पंद्रह…

Started by वीनस केसरी

14 Nov 24, 2013
Reply by धर्मेन्द्र कुमार सिंह

''छन्द काव्यामृत"...-----------------.रचनाकार- डा0 आशुतोष बाजपेयी

!!! पुस्तक समीक्षा !!! ''छन्द काव्यामृत"..... ............पारंपरिक छन्द विधाओं का परिपालन करते हुए सरस, सहज और धारा प्रवाह विचार, बोधगम्य…

Started by केवल प्रसाद 'सत्यम'

2 Nov 7, 2013
Reply by केवल प्रसाद 'सत्यम'

आशा पाण्डेय ओझा की ‘एक कोशिश रौशनी की ओर’

       एक रचनाकार का ह्रदय बहुत संवेदनशील होता है. जीवन की अनुभूतियाँ उसके मन पर अंकित होती रहती हैं और रचना करते समय यही अनुभूतियाँ उभरकर…

Started by बृजेश नीरज

12 Nov 7, 2013
Reply by बृजेश नीरज

समीक्षा - मार्मिकता मानोशी का प्रिय बोध है। - यश मालवीय (इलाहाबाद)

मार्मिकता मानोशी का प्रिय बोध है। उन्मेष कविता संग्रह मेरे सामने है और मैं इसे काव्य के उन्मेष के रूप में ही देख रहा हूँ। संवेदना से लबरेज़…

Started by वीनस केसरी

1 Nov 7, 2013
Reply by Saurabh Pandey

सदस्य टीम प्रबंधन

अनुभव के हवाले से - पुस्तक समीक्षा // सौरभ पाण्डेय

आज भाई रमेश नाचीज़ का ग़ज़ल-संग्रह ’अनुभव के हवाले से’ हाथों में है. पन्ने खुले हैं. प्रस्तुतियों के शब्दों का स्वर ऊँचा है. मेरे पाठक से संव…

Started by Saurabh Pandey

0 Nov 6, 2013

साहित्यिक अंजुमन में मानोशी का उन्मेष

      कविता सिर्फ भावाभिव्यक्ति नहीं होती बल्कि वह कवि की दृष्टि और अनुभूतियों से भी पाठक का परिचय कराती है। रचना में कवि का अस्तित्व तमा…

Started by बृजेश नीरज

15 Aug 27, 2013
Reply by बृजेश नीरज

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Nilesh Shevgaonkar replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"ऐसे😁😁"
1 hour ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"अरे, ये तो कमाल  हो गया.. "
2 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"आदरणीय नीलेश भाई, पहले तो ये बताइए, ओबीओ पर टिप्पणी करने में आपने इमोजी कैसे इंफ्यूज की ? हम कई बार…"
2 hours ago
Nilesh Shevgaonkar replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"आपके फैन इंतज़ार में बूढे हो गए हुज़ूर  😜"
3 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post एक धरती जो सदा से जल रही है [ गज़ल ]
"आदरणीय लक्ष्मण भाई बहुत  आभार आपका "
5 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on गिरिराज भंडारी's blog post एक धरती जो सदा से जल रही है [ गज़ल ]
"आ. भाई गिरिराज जी, सादर अभिवादन। अच्छी गजल हुई है । आये सुझावों से इसमें और निखार आ गया है। हार्दिक…"
6 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post मौत खुशियों की कहाँ पर टल रही है-लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आ. भाई गिरिराज जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति, उत्साहवर्धन और अच्छे सुझाव के लिए आभार। पाँचवें…"
6 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post एक धरती जो सदा से जल रही है [ गज़ल ]
"आदरणीय सौरभ भाई  उत्साहवर्धन के लिए आपका हार्दिक आभार , जी आदरणीय सुझावा मुझे स्वीकार है , कुछ…"
7 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - वो कहे कर के इशारा, सब ग़लत ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय सौरभ भाई , ग़ज़ल पर आपकी उपस्थति और उत्साहवर्धक  प्रतिक्रया  के लिए आपका हार्दिक…"
7 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - वो कहे कर के इशारा, सब ग़लत ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय गिरिराज भाईजी, आपकी प्रस्तुति का रदीफ जिस उच्च मस्तिष्क की सोच की परिणति है. यह वेदान्त की…"
8 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . . उमर
"आदरणीय गिरिराज भाईजी, यह तो स्पष्ट है, आप दोहों को लेकर सहज हो चले हैं. अलबत्ता, आपको अब दोहों की…"
8 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"आदरणीय योगराज सर, ओबीओ परिवार हमेशा से सीखने सिखाने की परम्परा को लेकर चला है। मर्यादित आचरण इस…"
8 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service