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ਨੌਰਾਤੇ ਦੇ ਮੇਲ੍ਲੇ
नौराते दे मेल्ले
साहनू अपना बना लै शेरां वालिए
दुःख गमां ते बचा लै मेहरां वालिए
साहनू अपना बना लै------------
(१)जो आंदे माँ तेरे द्वारे रहमत तेरी पाँदे
दीन दुखी मुहं मंगियाँ मुरादाँ तेरे दर ते पाँदे
साहनू रस्ता दिखा दे शेरां वालिए
दुःख गमां ते बचा लै मेहरां वालिए
साहनू अपना बना लै------------
(२)तेरा आशीर्बाद रहे ते मिलदा प्रेम खज़ाना
दिल दा हाल अस्सी भी मैया आके तैंनू सुनांना
साड्डी बिगड़ी बना दे शेरां वालिए
दुःख गमां ते बचा लै मेहरां वालिए
साहनू अपना बना लै------------
(३)नौराते दे लग्गे मेले हुण ते आ जा मैया
भक्तां दी भी सुण जा आके फेरा पा जा मैया
साहनू दर्श दिखा जा शेरां वालिए
दुःख गमां ते बचा लै मेहरां वालिए
साहनू अपना बना लै------------
(४)'दीपक कुल्लुवी' लिख सकदा माँ होर ते कुच्छ नहीं आंदा
सुर ताल दा ज्ञान नहीं है फेरे भी गांदा जांदा
साड्डे सुरां नूँ सँवार शेरां वालिए
दुःख गमां ते बचा लै मेहरां वालिए
साहनू अपना बना लै------------

दीपक शर्मा कुल्लुवी
ਦੀਪਕ ਸ਼ਰਮਾ ਕੁਲ੍ਲੁਵੀ
09136211486
12 .08 .2010

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Replies to This Discussion

मां शेरां वाली आपकी कलम को और भी बल बख्शें| दुआ है हम सब पर उनकी कृपा बनी रहे|

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