For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

नादिर ख़ान's Discussions (1,566)

Discussions Replied To (1525) Replies Latest Activity

"शोख़ उनकी नज़र जहाँ जायेशोरे महशर वहाँ से उठता है /हुस्न फिर इश्क़ को परखता हैजूं हि वह…"

नादिर ख़ान replied Jan 22, 2016 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-67

742 Jan 23, 2016
Reply by मिथिलेश वामनकर

"आदरनीय दिनेश भाई मतले के शेर से अखिरी शेर तक लाजवाब गज़ल हुयी है। बधाई स्वीकरें "

नादिर ख़ान replied Jan 22, 2016 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-67

742 Jan 23, 2016
Reply by मिथिलेश वामनकर

"आदरणीय शिज्जु साहब बहुत उम्दा ग़ज़ल कही आपने, गिरह का शेर भी लाजवाब है। खूबसूरत ग़ज़लगोई…"

नादिर ख़ान replied Jan 22, 2016 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-67

742 Jan 23, 2016
Reply by मिथिलेश वामनकर

"मरने वाले को आदमी समझें ये अक़ीदा जहाँ से उठता है। .. सुन्दर ग़ज़ल के लिए बधाई आदरणीय ग…"

नादिर ख़ान replied Jan 22, 2016 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-67

742 Jan 23, 2016
Reply by मिथिलेश वामनकर

"आदरणीय समर साहब आपकी शायरी पढ़कर तो हम जैसे लोग सीखने की कोशिश करते है । आपकी कलम के…"

नादिर ख़ान replied Jan 22, 2016 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-67

742 Jan 23, 2016
Reply by मिथिलेश वामनकर

"छोड़ जाता है मालोजर अपनाआदमी जब जहाँ से उठता हैकोई पूछे तो हम बतायें उसे"ये धुआँ सा…"

नादिर ख़ान replied Jan 22, 2016 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-67

742 Jan 23, 2016
Reply by मिथिलेश वामनकर

"आदरणीय मिथिलेश जी शानदार ग़ज़ल से आपने मुशायरे का आगाज़ किया बहुत बहुत मुबारकबाद आपको .…"

नादिर ख़ान replied Jan 22, 2016 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-67

742 Jan 23, 2016
Reply by मिथिलेश वामनकर

"दर्द इतना कहाँ  से उठता है ये समझ लो की जाँ से उठता है   सबसे आँखें चुरा रहा था मै ग…"

नादिर ख़ान replied Jan 22, 2016 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-67

742 Jan 23, 2016
Reply by मिथिलेश वामनकर

प्रधान संपादक

"लघु कथा के सन्दर्भ में उत्तम जानकारी हम  सब से साझा करने के लिए बहुत शुक्रिया आदरणीय…"

नादिर ख़ान replied Jan 11, 2016 to लघुकथा में कालखंड दोष

28 Feb 8, 2016
Reply by योगराज प्रभाकर

सदस्य कार्यकारिणी

"आदरणीय मिथिलेश जी सक्रियता  के साथ आपने महा उत्सव का शानदार ढंग से संचालन किया बहुत…"

नादिर ख़ान replied Jan 11, 2016 to "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-63 की संकलित समस्त रचनाएँ

16 Jan 21, 2017
Reply by मिथिलेश वामनकर

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Sushil Sarna posted a blog post

दोहा दशम्. . . निर्वाण

दोहा दशम्. . . . निर्वाणकौन निभाता है भला, जीवन भर का साथ ।अन्तिम घट पर छूटता, हर अपने का हाथ ।।तन…See More
3 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आ. भाई सौरभ जी, सादर अभिवादन। बेहतरीन गजल हुई है। हार्दिक बधाई।"
19 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

देवता क्यों दोस्त होंगे फिर भला- लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

२१२२/२१२२/२१२ **** तीर्थ जाना  हो  गया है सैर जब भक्ति का यूँ भाव जाता तैर जब।१। * देवता…See More
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey posted a blog post

कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ

२१२२ २१२२ २१२२ जब जिये हम दर्द.. थपकी-तान देते कौन क्या कहता नहीं अब कान देते   आपके निर्देश हैं…See More
Sunday
Profile IconDr. VASUDEV VENKATRAMAN, Sarita baghela and Abhilash Pandey joined Open Books Online
Saturday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"आदाब। रचना पटल पर नियमित उपस्थिति और समीक्षात्मक टिप्पणी सहित अमूल्य मार्गदर्शन प्रदान करने हेतु…"
Friday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार। रचना पटल पर अपना अमूल्य समय देकर अमूल्य सहभागिता और रचना पर समीक्षात्मक टिप्पणी हेतु…"
Friday
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा सप्तक. . . सागर प्रेम

दोहा सप्तक. . . सागर प्रेमजाने कितनी वेदना, बिखरी सागर तीर । पीते - पीते हो गया, खारा उसका नीर…See More
Friday
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"आदरणीय उस्मानी जी एक गंभीर विमर्श को रोचक बनाते हुए आपने लघुकथा का अच्छा ताना बाना बुना है।…"
Friday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: मिथिलेश वामनकर
"आदरणीय सौरभ सर, आपको मेरा प्रयास पसंद आया, जानकार मुग्ध हूँ. आपकी सराहना सदैव लेखन के लिए प्रेरित…"
Friday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: मिथिलेश वामनकर
"आदरणीय  लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर जी, मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार. बहुत…"
Friday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहजाद उस्मानी जी, आपने बहुत बढ़िया लघुकथा लिखी है। यह लघुकथा एक कुशल रूपक है, जहाँ…"
Friday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service