For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

राज लाली बटाला's Discussions (154)

Discussions Replied To (140) Replies Latest Activity

"Khoob hai ji ."

राज लाली बटाला replied Aug 27, 2012 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक २६

1138 Aug 28, 2012
Reply by Er. Ambarish Srivastava

"इन दरख्‍़तों से सीखो कि जीवन है क्‍याधूप सर पे रखो सब पे साया करो। WAH"

राज लाली बटाला replied Aug 27, 2012 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक २६

1138 Aug 28, 2012
Reply by Er. Ambarish Srivastava

"उदाहरण के लिए.......डॉ बशीर बद्र  बहुत बड़े शायर हैं लेकिन  उनकी पूरी किताब में मुश्…"

राज लाली बटाला replied Aug 27, 2012 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक २६

1138 Aug 28, 2012
Reply by Er. Ambarish Srivastava

"अच्छा होगा अगर शालीनता बरकरार रहे !! अगर कोई कटाक्ष करता भी है तो कोई बात नहीं ....…"

राज लाली बटाला replied Aug 16, 2012 to पुरस्कार हेतु पुस्तकें आमंत्रित

15 Aug 16, 2012
Reply by राज लाली बटाला

"आभारी हूँ !!  Saurabh Pandey  aapka !! यह  पसंद आयी!!"

राज लाली बटाला replied Feb 9, 2012 to "OBO लाइव महा उत्सव" अंक १६

773 Feb 11, 2012
Reply by Er. Ambarish Srivastava

"बस इतना दहेज़ ना दे सकने की सजा भुगत रही हूँ ,क्षमा चाहती हूँ बेटी  .........  !!! S…"

राज लाली बटाला replied Feb 9, 2012 to "OBO लाइव महा उत्सव" अंक १६

773 Feb 11, 2012
Reply by Er. Ambarish Srivastava

"सुन्दर भाव  !!SURINDER RATTI ji "

राज लाली बटाला replied Feb 9, 2012 to "OBO लाइव महा उत्सव" अंक १६

773 Feb 11, 2012
Reply by Er. Ambarish Srivastava

"Wah Raghuvinder Yadav ji ,,,,  कुछ बिकती बाज़ार में, कुछ जाती शमशान/"यादव" होता है क…"

राज लाली बटाला replied Feb 9, 2012 to "OBO लाइव महा उत्सव" अंक १६

773 Feb 11, 2012
Reply by Er. Ambarish Srivastava

"आज खड़ी मंझधार में नारी. संकट के है द्वार पे नारी. आगे बढ़ कर उसे बचा लो. अपनी मां क…"

राज लाली बटाला replied Feb 9, 2012 to "OBO लाइव महा उत्सव" अंक १६

773 Feb 11, 2012
Reply by Er. Ambarish Srivastava

"नम आँख क कोर स लोर बही, बरजोर अलोत रही अब ले बिटिया निकली घर-आँगन से, कह, मातु क प्र…"

राज लाली बटाला replied Feb 9, 2012 to "OBO लाइव महा उत्सव" अंक १६

773 Feb 11, 2012
Reply by Er. Ambarish Srivastava

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on अजय गुप्ता 'अजेय's blog post ग़ज़ल (अलग-अलग अब छत्ते हैं)
"आ. भाई अजय जी, सादर अभिवादन। परिवर्तन के बाद गजल निखर गयी है हार्दिक बधाई।"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - ताने बाने में उलझा है जल्दी पगला जाएगा
"आ. भाई नीलेश जी, सादर अभिवादन। बेहतरीन गजल हुई है। सार्थक टिप्पणियों से भी बहुत कुछ जानने सीखने को…"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - मुक़ाबिल ज़ुल्म के लश्कर खड़े हैं
"आ. भाई नीलेश जी, सादर अभिवादन। सुंदर गजल हुई है। हार्दिक बधाई।"
Wednesday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on बृजेश कुमार 'ब्रज''s blog post गीत-आह बुरा हो कृष्ण तुम्हारा
"आ. भाई बृजेश जी, सादर अभिवादन। गीत का प्रयास अच्छा हुआ है। पर भाई रवि जी की बातों से सहमत हूँ।…"
Wednesday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

घाव भले भर पीर न कोई मरने दे - लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

अच्छा लगता है गम को तन्हाई मेंमिलना आकर तू हमको तन्हाई में।१।*दीप तले क्यों बैठ गया साथी आकर क्या…See More
Wednesday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post कहते हो बात रोज ही आँखें तरेर कर-लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आ. भाई गिरिराज जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति और स्नेह के लिए आभार। यह रदीफ कई महीनो से दिमाग…"
Tuesday
PHOOL SINGH posted a blog post

यथार्थवाद और जीवन

यथार्थवाद और जीवनवास्तविक होना स्वाभाविक और प्रशंसनीय है, परंतु जरूरत से अधिक वास्तविकता अक्सर…See More
Tuesday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
"शुक्रिया आदरणीय। कसावट हमेशा आवश्यक नहीं। अनावश्यक अथवा दोहराए गए शब्द या भाव या वाक्य या वाक्यांश…"
Monday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
"हार्दिक धन्यवाद आदरणीया प्रतिभा पाण्डेय जी।"
Monday
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
"परिवार के विघटन  उसके कारणों और परिणामों पर आपकी कलम अच्छी चली है आदरणीया रक्षित सिंह जी…"
Monday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
"आ. प्रतिभा बहन, सादर अभिवादन।सुंदर और समसामयिक लघुकथा हुई है। हार्दिक बधाई।"
Monday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
"आदाब। प्रदत्त विषय को एक दिलचस्प आयाम देते हुए इस उम्दा कथानक और रचना हेतु हार्दिक बधाई आदरणीया…"
Monday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service