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"आदरणीय  अशोक रक्ताले  जी रचना की संवेदनशीलता पर आपकी सुझावात्मक एवं प्रशंसात्मक प्रत…"

Sushil Sarna replied Sep 11, 2015 to "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-59

661 Sep 12, 2015
Reply by Ravi Shukla

"आदरणीया प्रतिभा  जी रचना पर के केंद्रीय भावों के मर्म को पहचान उसपर आपने जो प्रशंसात…"

Sushil Sarna replied Sep 11, 2015 to "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-59

661 Sep 12, 2015
Reply by Ravi Shukla

"आदरणीय मिथेलिश  जी रचना पर आपकी उपस्थिति का  दिल से आभार। आपके पुनः आगमन का बन्दे को…"

Sushil Sarna replied Sep 11, 2015 to "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-59

661 Sep 12, 2015
Reply by Ravi Shukla

"आदरणीया कांता रॉय जी रचना में समाहित भावों को आप ने जो मान दिया है उसके लिए आपके दिल…"

Sushil Sarna replied Sep 11, 2015 to "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-59

661 Sep 12, 2015
Reply by Ravi Shukla

"लाख टके की बात ये, रखिये हरदम ध्यान ज्ञानी-ध्यानी कह गये, समय बड़ा बलवान पंख लगा कर भ…"

Sushil Sarna replied Sep 11, 2015 to "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-59

661 Sep 12, 2015
Reply by Ravi Shukla

"जीवन ,एक प्री-पेडकार्ड है , जिसकासमय फिक्सड है। आदरणीय डॉ विजय शंकर जी आपने एक कटु स…"

Sushil Sarna replied Sep 11, 2015 to "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-59

661 Sep 12, 2015
Reply by Ravi Shukla

"लिखने की काबिलियत है ,तो ज़रूर लिखो!मगर रेत पर नहीं,पहाडों पर लिखो ,पत्थरों पर लिखो,ज…"

Sushil Sarna replied Sep 11, 2015 to "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-59

661 Sep 12, 2015
Reply by Ravi Shukla

"जमीं पर रोज उगते जा रहे कितने खुदा देखोखुदा तेरी इबादत भी समय के साथ बदलेगी वाह आदरण…"

Sushil Sarna replied Sep 11, 2015 to "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-59

661 Sep 12, 2015
Reply by Ravi Shukla

"बालों की चांदी मेंअब है रुकाचेहरे की सिलवट मेंक्यों है फंसा.खाली कमरे में बसतू और मै…"

Sushil Sarna replied Sep 11, 2015 to "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-59

661 Sep 12, 2015
Reply by Ravi Shukla

"कभी दिखाता सत्य अहिंसा, कभी घाव भी देता है.कभी बाँधता प्रेम पाश में, कभी प्राण हर ले…"

Sushil Sarna replied Sep 11, 2015 to "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-59

661 Sep 12, 2015
Reply by Ravi Shukla

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लौटा सफ़र से आज ही, अपना ज़मीर है -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

२२१/२१२१/१२२१/२१२ ***** जिनकी ज़बाँ से सुनते  हैं गहना ज़मीर है हमको उन्हीं की आँखों में पढ़ना ज़मीर…See More
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लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post बाल बच्चो को आँगन मिले सोचकर -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आ. भाई चेतन जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति, उत्साहवर्धन एवं स्नेह के लिए आभार। आपका स्नेहाशीष…"
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"आदरणीय चेतन प्रकाश जी सृजन के भावों को आत्मीय मान से अलंकृत करने का दिल से आभार आदरणीय । बहुत…"
15 hours ago
Chetan Prakash commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post बाल बच्चो को आँगन मिले सोचकर -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"छोटी बह्र  में खूबसूरत ग़ज़ल हुई,  भाई 'मुसाफिर'  ! " दे गए अश्क सीलन…"
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"अच्छा दोहा  सप्तक रचा, आपने, सुशील सरना जी! लेकिन  पहले दोहे का पहला सम चरण संशोधन का…"
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लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Saurabh Pandey's blog post कापुरुष है, जता रही गाली// सौरभ
"आ. भाई सौरभ जी, सादर अभिवादन। सुंदर, सार्थक और वर्मतमान राजनीनीतिक परिप्रेक्ष में समसामयिक रचना हुई…"
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२१२/२१२/२१२/२१२ ****** घाव की बानगी  जब  पुरानी पड़ी याद फिर दुश्मनी की दिलानी पड़ी।१। * झूठ उसका न…See More
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Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-125 (आत्मसम्मान)
"शुक्रिया आदरणीय। आपने जो टंकित किया है वह है शॉर्ट स्टोरी का दो पृथक शब्दों में हिंदी नाम लघु…"
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Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-125 (आत्मसम्मान)
"आदरणीय उसमानी साहब जी, आपकी टिप्पणी से प्रोत्साहन मिला उसके लिए हार्दिक आभार। जो बात आपने कही कि…"
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