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Sushil Sarna's Discussions (1,408)

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"उदास दिल में समायी है तीरगी बेशक"ये खिड़की खोलो ज़रा सुबह की हवा ही लगे" वाह क्या गि…"

Sushil Sarna replied Sep 26, 2015 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-63

645 Sep 26, 2015
Reply by D.K.Nagaich 'Roshan'

"तमाम रात मचलते हुये ही ग़ुज़री, अब“ये खिड़की खोलो ज़रा सुब्ह की हवा ही लगे” बहुत खूब…"

Sushil Sarna replied Sep 26, 2015 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-63

645 Sep 26, 2015
Reply by D.K.Nagaich 'Roshan'

"मैं कृष्ण, राम, महादेव संग खेला हूँमुझे रसूल भी अपने वही सखा ही लगे। वाह आदरणीय मिथि…"

Sushil Sarna replied Sep 26, 2015 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-63

645 Sep 26, 2015
Reply by D.K.Nagaich 'Roshan'

"आदरणीया प्रतिभा जी आपकी रचना को विगत माह की सर्वश्रेष्ठ रचना के रूप में सम्मानित करन…"

Sushil Sarna replied Sep 16, 2015 to रचनाओं को सम्मानित करने की एक अनूठी पहल @ महीने की सर्वश्रेष्ठ रचना ( Best Creation of the Month )

871 Oct 14, 2023
Reply by rohit mitro

सदस्य टीम प्रबंधन

"आदरणीया डॉ प्राची जी आयोजन की सफलता के लिए हार्दिक बधाई तथा त्वरित संकलन हेतु हार्दि…"

Sushil Sarna replied Sep 13, 2015 to ओबीओ लाइव महोत्सव अंक 59 की समस्त रचनाओं का संकलन

26 Oct 8, 2015
Reply by Dr.Prachi Singh

"वारि दुनिया को पिलाता है समय।खुद मलंगी गीत गाता है समय॥१॥ वाह प्रदत विषय पर बहुत ही…"

Sushil Sarna replied Sep 12, 2015 to "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-59

661 Sep 12, 2015
Reply by Ravi Shukla

"जो समय था चाहतों का कशमकश मे बह गयाबस सुलगने का तजुर्बा हाथ मेरे रह गया बहुत सुंदर आ…"

Sushil Sarna replied Sep 12, 2015 to "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-59

661 Sep 12, 2015
Reply by Ravi Shukla

"आदरणीय डॉ प्राची सिंह  जी रचना के मर्म भाव पर आपकी सहमतियुक्त आत्मीय प्रतिक्रिया का…"

Sushil Sarna replied Sep 12, 2015 to "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-59

661 Sep 12, 2015
Reply by Ravi Shukla

"आदरणीय लक्ष्मण रामानुज लडीवाला जी रचना पर आपकी ऊर्जावान  प्रशंसा  का हार्दिक आभार। "

Sushil Sarna replied Sep 12, 2015 to "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-59

661 Sep 12, 2015
Reply by Ravi Shukla

"आदरणीय   Nita Kasar   जी रचना पर आपकी आत्मीय प्रशंसा  का हार्दिक आभार। "

Sushil Sarna replied Sep 12, 2015 to "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-59

661 Sep 12, 2015
Reply by Ravi Shukla

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दोहा दशम्. . . . गुरुशिक्षक शिल्पी आज को, देता नव आकार ।नव युग के हर स्वप्न को, करता वह साकार…See More
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२२१/२१२१/१२२१/२१२ ***** जिनकी ज़बाँ से सुनते  हैं गहना ज़मीर है हमको उन्हीं की आँखों में पढ़ना ज़मीर…See More
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"आ. भाई चेतन जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति, उत्साहवर्धन एवं स्नेह के लिए आभार। आपका स्नेहाशीष…"
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"आदरणीय चेतन प्रकाश जी सृजन के भावों को आत्मीय मान से अलंकृत करने का दिल से आभार आदरणीय । बहुत…"
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"छोटी बह्र  में खूबसूरत ग़ज़ल हुई,  भाई 'मुसाफिर'  ! " दे गए अश्क सीलन…"
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"अच्छा दोहा  सप्तक रचा, आपने, सुशील सरना जी! लेकिन  पहले दोहे का पहला सम चरण संशोधन का…"
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लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Saurabh Pandey's blog post कापुरुष है, जता रही गाली// सौरभ
"आ. भाई सौरभ जी, सादर अभिवादन। सुंदर, सार्थक और वर्मतमान राजनीनीतिक परिप्रेक्ष में समसामयिक रचना हुई…"
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लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

बाल बच्चो को आँगन मिले सोचकर -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

२१२/२१२/२१२/२१२ ****** घाव की बानगी  जब  पुरानी पड़ी याद फिर दुश्मनी की दिलानी पड़ी।१। * झूठ उसका न…See More
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Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-125 (आत्मसम्मान)
"शुक्रिया आदरणीय। आपने जो टंकित किया है वह है शॉर्ट स्टोरी का दो पृथक शब्दों में हिंदी नाम लघु…"
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