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Chetan Prakash's Discussions (696)

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"आ.बंधु दिनेश कुमार विश्वकर्मा, मुक्त छंद कविता मात्र सीधा- साधा सामाजिक व्यवस्था पर…"

Chetan Prakash replied Oct 13, 2024 to "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-167

32 Oct 13, 2024
Reply by Ashok Kumar Raktale

"आदरणीय बंधु, ASHOK KUMAR RAKTALE,  प्रस्तुति हेतू बधाई के  लिए आपका आभारी हूँ, श्री…"

Chetan Prakash replied Oct 13, 2024 to "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-167

32 Oct 13, 2024
Reply by Ashok Kumar Raktale

"शुभ प्रभात, आदरणीय! नवरात्रः दोहे मातृ-शक्ति ही पूज्य है, शारदीय नवरात्र । नौ स्वर…"

Chetan Prakash replied Oct 12, 2024 to "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-167

32 Oct 13, 2024
Reply by Ashok Kumar Raktale

"आ.सालिक गणवीर साहब,  अच्छी ग़ज़ल कही, आपने ! आदरणीय अमित जी से मैं सहमत हूँ, लेकिन, …"

Chetan Prakash replied Sep 28, 2024 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-171

176 Sep 28, 2024
Reply by अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी

"आ. आजी तमाम,  ग़ज़ल का अच्छा प्रयास हुआ है, आदरणीय अमित जी केके सुझाव निश्चित, ही ग़…"

Chetan Prakash replied Sep 28, 2024 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-171

176 Sep 28, 2024
Reply by अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी

"आदरणीय,  नीलेश शेवगांवकर साहब, खूबसूरत ग़ज़ल हुई,  जनाब!  "ख़ुद का ख़ुद से ही  फ़ासल…"

Chetan Prakash replied Sep 28, 2024 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-171

176 Sep 28, 2024
Reply by अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी

"जी आदरणीय, आपकी बात सही है !"

Chetan Prakash replied Sep 28, 2024 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-171

176 Sep 28, 2024
Reply by अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी

"आ. भाई अमित जी, मतले का सानी आपके दिशा-निर्देश पर बदला है,  दास्ताँ प्यार फ़लसफ़ा भी थ…"

Chetan Prakash replied Sep 27, 2024 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-171

176 Sep 28, 2024
Reply by अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी

"आदरणीय, अमित जी, नमस्कार! आपने मेरी प्रस्तुति पर गौर फरमाया, आपका, आ. बहुत आभारी हूँ…"

Chetan Prakash replied Sep 27, 2024 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-171

176 Sep 28, 2024
Reply by अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी

"2122    1212    22/112 दास्ताँ प्यार फ़लसफ़ा भी थी  और फ़साना वफ़ा दुआ भी थी  यार दुर्…"

Chetan Prakash replied Sep 27, 2024 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-171

176 Sep 28, 2024
Reply by अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी

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"समॉं शब्द प्रयोग ठीक नहीं है। "
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"तन्हाइयों में रंग-ए-हिना याद आ गया आना था याद क्या मुझे क्या याद आ गया लाजवाब शेर हुआ। गुज़रा हूँ…"
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"मिसरा दिया जा चुका है। इस कारण तरही मिसरा बाद में बदला गया था। स्वाभाविक है कि यह बात बहुत से…"
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"खुशबू सी उसकी लाई हवा याद आ गया, बन के वो शख़्स बाद-ए-सबा याद आ गया। अच्छा शेर हुआ। वो शोख़ सी…"
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Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"हमको नगर में गाँव खुला याद आ गया मानो स्वयं का भूला पता याद आ गया।१। अच्छा शेर हुआ। तम से घिरे थे…"
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Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"किस को बताऊँ दोस्त  मैं क्या याद आ गया ये   ज़िन्दगी  फ़ज़ूल …"
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Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"जी ज़रूर धन्यवाद! क़स्बा ए शाम ए धुँध को  "क़स्बा ए सुब्ह ए धुँध" कर लूँ तो कैसा हो…"
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Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"सुनते हैं उसको मेरा पता याद आ गया क्या फिर से कोई काम नया याद आ गया। अच्छा मतला हुआ। ‘सुनते…"
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Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
" आ. महेन्द्र कुमार जी, 1." हमदर्द सारे झूठे यहाँ धोखे बाज हैं"  आप सही कह रहे…"
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