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योगराज प्रभाकर's Discussions (10,561)

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"//दिलों में दफ्न सबके  एक अफसाना भी होता था  हर इक आबाद घर में एक वीराना भी होता था/…"

योगराज प्रभाकर replied Apr 25, 2011 to "OBO लाइव तरही मुशायरा" अंक-१० (Now Closed)

267 Apr 25, 2011
Reply by Er. Ambarish Srivastava

"कमाल की प्रस्तुती आचार्य जी - पढ़कर आनंद आ गया !"

योगराज प्रभाकर replied Apr 25, 2011 to "OBO लाइव तरही मुशायरा" अंक-१० (Now Closed)

267 Apr 25, 2011
Reply by Er. Ambarish Srivastava

"वाह अम्बरीश भाई जी - क्या पोलिश किये हैं पूनिया साहिब के अशआर !"

योगराज प्रभाकर replied Apr 25, 2011 to "OBO लाइव तरही मुशायरा" अंक-१० (Now Closed)

267 Apr 25, 2011
Reply by Er. Ambarish Srivastava

"बहुत सुन्दर प्रयास है पूनिया साहिब !"

योगराज प्रभाकर replied Apr 25, 2011 to "OBO लाइव तरही मुशायरा" अंक-१० (Now Closed)

267 Apr 25, 2011
Reply by Er. Ambarish Srivastava

"//शमा पे  मरने वाला एक परवाना भी होता था , इश्क में उन दिनों ख़ुशी से जां लुटाना भी…"

योगराज प्रभाकर replied Apr 25, 2011 to "OBO लाइव तरही मुशायरा" अंक-१० (Now Closed)

267 Apr 25, 2011
Reply by Er. Ambarish Srivastava

"//हमारे बीच पहले एक याराना भी होता था कभी चेहरा ये मेरा जाना पहचाना भी होता था// बहु…"

योगराज प्रभाकर replied Apr 25, 2011 to "OBO लाइव तरही मुशायरा" अंक-१० (Now Closed)

267 Apr 25, 2011
Reply by Er. Ambarish Srivastava

"//वहाँ पर एक मस्जिद थी ओ मैखाना भी होता था जहाँ हर शख्श जाना भी ओ अनजाना भी होता था/…"

योगराज प्रभाकर replied Apr 25, 2011 to "OBO लाइव तरही मुशायरा" अंक-१० (Now Closed)

267 Apr 25, 2011
Reply by Er. Ambarish Srivastava

"//हर इक आबाद घर में एक वीराना भी होता था वो वीराना जमाने भर से अनजाना भी होता था |//…"

योगराज प्रभाकर replied Apr 25, 2011 to "OBO लाइव तरही मुशायरा" अंक-१० (Now Closed)

267 Apr 25, 2011
Reply by Er. Ambarish Srivastava

"//इधर इक शम्‍अ तो उस ओर परवाना भी होता था नसीबे-इश्‍क में मिलना-ओ-मिट जाना भी होता थ…"

योगराज प्रभाकर replied Apr 25, 2011 to "OBO लाइव तरही मुशायरा" अंक-१० (Now Closed)

267 Apr 25, 2011
Reply by Er. Ambarish Srivastava

"//जियादा हो महल ऊँचा तो तहखाना भी होता था हरिक आबाद घर में एक वीराना भी होता था// बे…"

योगराज प्रभाकर replied Apr 25, 2011 to "OBO लाइव तरही मुशायरा" अंक-१० (Now Closed)

267 Apr 25, 2011
Reply by Er. Ambarish Srivastava

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लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-172
"आ. भाई संजय जी, सादर अभिवादन। अच्छी गजल हुई है। हार्दिक बधाई।"
Saturday

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