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वीनस केसरी's Discussions (2,462)

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"सुन्दर प्रयास के लिए हार्दिक बधाई"

वीनस केसरी replied Jan 29, 2013 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" - अंक ३१ (Now Closed)

561 Jan 29, 2013
Reply by वीनस केसरी

"करो बात दिल की किसी आईने सेबहल जाएगा दिल बहलते बहलते अच्छी गिरह है यह दो अशआर भी पसं…"

वीनस केसरी replied Jan 29, 2013 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" - अंक ३१ (Now Closed)

561 Jan 29, 2013
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"आदरणीय सलिल जी सुन्दर मुक्तिका के लिए बधाई स्वीकारें"

वीनस केसरी replied Jan 29, 2013 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" - अंक ३१ (Now Closed)

561 Jan 29, 2013
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"जरा तू मुझे पाँव से आके छू ले कहा इक लहर ने मचलते मचलते    गुनाहों के दल दल से ऐ 'रा…"

वीनस केसरी replied Jan 29, 2013 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" - अंक ३१ (Now Closed)

561 Jan 29, 2013
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"सतीश जी यह दो अशआर विशेष तौर पर पसंद आए ये नादान दिल है मना लेंगे इसको . बहल जायेगा…"

वीनस केसरी replied Jan 29, 2013 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" - अंक ३१ (Now Closed)

561 Jan 29, 2013
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"हरजीत साहिब, इसे तोड़कर तुम परेशां न होनाबहल जायेगा दिल बहलते बहलते अच्छी गिरह लगाई…"

वीनस केसरी replied Jan 29, 2013 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" - अंक ३१ (Now Closed)

561 Jan 29, 2013
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"वाह वाह हाफ़िज़ साहिब यह दो अशआर तो क़यामत बरपा हैं गुनाहों के दलदल में वो आ गया है बु…"

वीनस केसरी replied Jan 29, 2013 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" - अंक ३१ (Now Closed)

561 Jan 29, 2013
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"जो मिसरा दिया था मुझे ओ. बी. ओ. ने ग़ज़ल हो गयी है टहलते टहलतेवाह भाई इस शेअर ने तो द…"

वीनस केसरी replied Jan 29, 2013 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" - अंक ३१ (Now Closed)

561 Jan 29, 2013
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"ख्यालों में थी जिसकी तस्वीर "गुलशन " मुझे मिल गया राह में चलते चलतेक्या कहने गुलशन स…"

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561 Jan 29, 2013
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"मित्रों, तरही ग़ज़ल पेश -ए- खिदमत है, गौर फरमाएँ ... हम अरमां थे जिनके, उन्हीं को है…"

वीनस केसरी replied Jan 29, 2013 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" - अंक ३१ (Now Closed)

561 Jan 29, 2013
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"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, प्रस्तुति पर आपसे मिली शुभकामनाओं के लिए हार्दिक धन्यवाद ..  सादर"
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२१२२/२१२२/२१२ **** तीर्थ जाना  हो  गया है सैर जब भक्ति का यूँ भाव जाता तैर जब।१। * देवता…See More
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Saurabh Pandey posted a blog post

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२१२२ २१२२ २१२२ जब जिये हम दर्द.. थपकी-तान देते कौन क्या कहता नहीं अब कान देते   आपके निर्देश हैं…See More
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दोहा सप्तक. . . सागर प्रेमजाने कितनी वेदना, बिखरी सागर तीर । पीते - पीते हो गया, खारा उसका नीर…See More
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