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Sushil Sarna's Discussions (1,408)

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"वर्तमान में चल रही प्रथा को बहुत सुंदर लघु कथा के माध्यम से आपने दर्शाया है ,हार्दिक…"

Sushil Sarna replied Jan 31, 2016 to "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-10 (विषय: रंग)

1352 Feb 1, 2016
Reply by rajesh kumari

सदस्य टीम प्रबंधन

"आदरणीय राणा साहिब बन्दे की प्रस्तुति पर नज़रे करम करने का तहे दिल से शुक्रिया। "

Sushil Sarna replied Jan 29, 2016 to ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा अंक 67 में सम्मिलित सभी ग़ज़लों का संकलन (चिन्हित मिसरों के साथ)

32 Feb 3, 2016
Reply by नादिर ख़ान

सदस्य टीम प्रबंधन

"आदरणीय राणा साहिब अनुरोध है की मेरी संशोधित ग़ज़ल को मेरी संकलित ग़ज़ल के स्थान पर प्रति…"

Sushil Sarna replied Jan 28, 2016 to ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा अंक 67 में सम्मिलित सभी ग़ज़लों का संकलन (चिन्हित मिसरों के साथ)

32 Feb 3, 2016
Reply by नादिर ख़ान

सदस्य टीम प्रबंधन

"आदरणीय राणा साहिब ,आदाब। आदरणीय निवेदन है कि मेरे द्वारा प्रस्तुत ग़ज़ल में लाल रंग से…"

Sushil Sarna replied Jan 27, 2016 to ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा अंक 67 में सम्मिलित सभी ग़ज़लों का संकलन (चिन्हित मिसरों के साथ)

32 Feb 3, 2016
Reply by नादिर ख़ान

सदस्य टीम प्रबंधन

"आदरणीय राणा साहिब ,आदाब। ... ग़ज़ल में मेरे प्रथम प्रयास को संकलन में शामिल करने का हा…"

Sushil Sarna replied Jan 26, 2016 to ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा अंक 67 में सम्मिलित सभी ग़ज़लों का संकलन (चिन्हित मिसरों के साथ)

32 Feb 3, 2016
Reply by नादिर ख़ान

"बोझ जितना भी माँ से उठता हैउतना कब इस जहाँ से उठता है आ गई फिर से रोशनी दिल मेंदेख प…"

Sushil Sarna replied Jan 23, 2016 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-67

742 Jan 23, 2016
Reply by मिथिलेश वामनकर

"दूर जाओ कहीं भी ये सच है,हर जनाजा मकाँ से उठता है| वाह क्या बात है आदरणीय .... सुंदर…"

Sushil Sarna replied Jan 23, 2016 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-67

742 Jan 23, 2016
Reply by मिथिलेश वामनकर

"कौन है जो यहाँ से उठता है ?आदमी है जहाँ से उठता है जानकर बार बार जो गिरता वह सदा आसम…"

Sushil Sarna replied Jan 23, 2016 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-67

742 Jan 23, 2016
Reply by मिथिलेश वामनकर

"आँखों से यां जुबाँ से उठता है दर्द बता कहाँ से उठता है वो जैसी जिन्दगी निभायेगा साथ…"

Sushil Sarna replied Jan 23, 2016 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-67

742 Jan 23, 2016
Reply by मिथिलेश वामनकर

"पर्दा ही पर्दा है उठाये चश्मदेखना है कहाँ से उठता है वाह शानदार ग़ज़ल के लिए हार्दिक ब…"

Sushil Sarna replied Jan 23, 2016 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-67

742 Jan 23, 2016
Reply by मिथिलेश वामनकर

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२१२२       २१२२        २१२२   औपचारिकता न खा जाये सरलता********************************ये अँधेरा,…See More
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"आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी सृजन पर आपकी विस्तृत समीक्षा का तहे दिल से शुक्रिया । आपके हर बिन्दु से मैं…"
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आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
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"आदरणीय सुशील सरनाजी, आपके नजर परक दोहे पठनीय हैं. आपने दृष्टि (नजर) को आधार बना कर अच्छे दोहे…"
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गिरिराज भंडारी posted a blog post

ग़ज़ल - ( औपचारिकता न खा जाये सरलता ) गिरिराज भंडारी

२१२२       २१२२        २१२२   औपचारिकता न खा जाये सरलता********************************ये अँधेरा,…See More
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दोहा दशम्. . . . गुरुशिक्षक शिल्पी आज को, देता नव आकार । नव युग के हर स्वप्न को, करता वह साकार…See More
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"आ. भाई गिरिराज जी, सादर अभिवादन। गजल आपको अच्छी लगी यह मेरे लिए हर्ष का विषय है। स्नेह के लिए…"
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