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pratibha pande's Discussions (4,634)

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"प्रदत्त विषय पर अच्छी रचना हार्दिक बधाई आदरणीय उस्मानी जी। चंचल/ नटखट..एक ही अर्थ है"

pratibha pande replied Jul 31, 2024 to "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-112

34 Jul 31, 2024
Reply by मिथिलेश वामनकर

"इसी कथ्य को किसी दूसरी शैली में भी ढाला जा सकता है ..जैसे पिता द्वारा अपनी डायरी में…"

pratibha pande replied Jul 31, 2024 to "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-112

34 Jul 31, 2024
Reply by मिथिलेश वामनकर

"आदरणीय मिथिलेश जी आपकी कुशल कलम को  लघुकथा पर भी चलते देखना अच्छा लगता है।ईमानदार…"

pratibha pande replied Jul 31, 2024 to "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-112

34 Jul 31, 2024
Reply by मिथिलेश वामनकर

"झूठी औरतें(माँ की डायरी से) ____ 27/7/24 सुबह पाखी पूरे वीडियो कॉल के दौरान मुझे ट…"

pratibha pande replied Jul 31, 2024 to "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-112

34 Jul 31, 2024
Reply by मिथिलेश वामनकर

मुख्य प्रबंधक

"हार्दिक आभार आदरणीय भाई लक्ष्मण धामी जी"

pratibha pande replied Jul 14, 2024 to "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-164

97 Jul 15, 2024
Reply by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'

मुख्य प्रबंधक

"  अपने जीवन तक ही हमने, मानव जीवन माना अगली पीढ़ी को फिर चाहे, लाख पड़े पछताना बाग़-बगी…"

pratibha pande replied Jul 14, 2024 to "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-164

97 Jul 15, 2024
Reply by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'

मुख्य प्रबंधक

"बहुत सुन्दर गीत..हार्दिक बधाई आदरणीय "

pratibha pande replied Jul 14, 2024 to "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-164

97 Jul 15, 2024
Reply by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'

मुख्य प्रबंधक

"छन्न पकैया छन्न पकैया, लाएगी हरियालीअम्बर पर छाई है यारो, आज घटा जो काली// अहा..बहुत…"

pratibha pande replied Jul 14, 2024 to "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-164

97 Jul 15, 2024
Reply by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'

मुख्य प्रबंधक

"हरियाली के साथ ही, जल, जीवन की सोचकंक्रीट के जाल  को, कुछ  तो  कर संकोच।७।// वाह..बह…"

pratibha pande replied Jul 14, 2024 to "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-164

97 Jul 15, 2024
Reply by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'

मुख्य प्रबंधक

"अदम्य साहस तो हैनिरंतर रौशन रहने कीनदी तुम गतिमान रहनारफ़्तार हो जब तक // बहुत सुन्दर…"

pratibha pande replied Jul 14, 2024 to "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-164

97 Jul 15, 2024
Reply by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'

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लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-180
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Ravi Shukla commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post आदमी क्या आदमी को जानता है -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी गजल की प्रस्तुति के लिए बहुत-बहुत बधाई गजल के मकता के संबंध में एक जिज्ञासा…"
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लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-180
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। प्रदत्त विषय पर आपने सर्वोत्तम रचना लिख कर मेरी आकांक्षा…"
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लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-180
"माता - पिता की छाँव में चिन्ता से दूर थेशैतानियों को गाँव में हम ही तो शूर थे।।*लेकिन सजग थे पीर न…"
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