For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

Harjeet Singh Khalsa's Discussions (198)

Discussions Replied To (197) Replies Latest Activity

"Bahut Khoob.......  Khaskar ke ye 2 sher......... :) जिंदगी के मंडप में याद कौन है…"

Harjeet Singh Khalsa replied May 25, 2014 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-47

848 May 25, 2014
Reply by अरुण कुमार निगम

"Poori ki poori ghazal behatareen hai Saab ji....... Salute........ to you.......... "

Harjeet Singh Khalsa replied May 25, 2014 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-47

848 May 25, 2014
Reply by अरुण कुमार निगम

"Kya behtareen sher kaha hai Saurabh ji............ for me..... One of the best of th…"

Harjeet Singh Khalsa replied May 25, 2014 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-47

848 May 25, 2014
Reply by अरुण कुमार निगम

"काफिला है यादों का, है हवा की सरगोशी कौन थपथपाता है, खिड़कियाँ समझती हैं Waah....... "

Harjeet Singh Khalsa replied May 25, 2014 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-47

848 May 25, 2014
Reply by अरुण कुमार निगम

"Waah,.,,,, Behtareen Ahaaar..... Khas kar ke.......  आप कैसे समझेंगे ,आपने तो बांधा…"

Harjeet Singh Khalsa replied May 25, 2014 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-47

848 May 25, 2014
Reply by अरुण कुमार निगम

"Shandaar Ghazal चाँद की तमन्ना में सारी रात बीते तबइन्तिज़ार का आलम खिड़कियाँ समझती ह…"

Harjeet Singh Khalsa replied May 25, 2014 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-47

848 May 25, 2014
Reply by अरुण कुमार निगम

"है लिबास उजला पर, दूध ने दही बनकर घी कहाँ छुपाया है, मथनियाँ समझती हैं Ye sahi hai…"

Harjeet Singh Khalsa replied May 25, 2014 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-47

848 May 25, 2014
Reply by अरुण कुमार निगम

"तुम समझ न पाओगे खेल उस मदारी का जिन्दगी चिरागों की बातियाँ समझती हैं Waah....... :)"

Harjeet Singh Khalsa replied May 25, 2014 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-47

848 May 25, 2014
Reply by अरुण कुमार निगम

"मौन आज पसरा क्यों खिलखिलाते आँगन में दर्द उस सुहागिन का चूड़ियाँ समझती हैं Waah.....…"

Harjeet Singh Khalsa replied May 25, 2014 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-47

848 May 25, 2014
Reply by अरुण कुमार निगम

"रातभर हमारी मजबूरियाँ समझती हैख़्वाब टूट जाएेंगे पुतलियाँ समझती है.... [१] तुम जहाँ…"

Harjeet Singh Khalsa replied May 25, 2014 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-47

848 May 25, 2014
Reply by अरुण कुमार निगम

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"शेर क्रमांक 2 में 'जो बह्र ए ग़म में छोड़ गया' और 'याद आ गया' को स्वतंत्र…"
Sunday
Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"मुशायरा समाप्त होने को है। मुशायरे में भाग लेने वाले सभी सदस्यों के प्रति हार्दिक आभार। आपकी…"
Sunday
Tilak Raj Kapoor updated their profile
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आ. भाई दयाराम जी, सादर अभिवादन। अच्छी गजल हुई है। हार्दिक बधाई।"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आ. भाई जयहिन्द जी, सादर अभिवादन। अच्छी गजल हुई है और गुणीजनो के सुझाव से यह निखर गयी है। हार्दिक…"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आ. भाई विकास जी बेहतरीन गजल हुई है। हार्दिक बधाई।"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आ. मंजीत कौर जी, अभिवादन। अच्छी गजल हुई है।गुणीजनो के सुझाव से यह और निखर गयी है। हार्दिक बधाई।"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आ. भाई दयाराम जी, सादर अभिवादन। मार्गदर्शन के लिए आभार।"
Sunday
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आदरणीय महेन्द्र कुमार जी, प्रोत्साहन के लिए बहुत बहुत धन्यवाद। समाँ वास्तव में काफिया में उचित नही…"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आ. मंजीत कौर जी, हार्दिक धन्यवाद।"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आ. भाई तिलक राज जी सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति, स्नेह और विस्तृत टिप्पणी से मार्गदर्शन के लिए…"
Sunday
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आदरणीय तिलकराज कपूर जी, पोस्ट पर आने और सुझाव के लिए बहुत बहुत आभर।"
Sunday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service