For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

seema agrawal's Discussions (721)

Discussions Replied To (572) Replies Latest Activity

"झूठे  वादों  से  यूँ  न  लुभाया करोवादा कर ही लिया तो निभाया करो |.....बहुत खूब मतला…"

seema agrawal replied Aug 27, 2012 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक २६

1138 Aug 28, 2012
Reply by Er. Ambarish Srivastava

"खुद हँसो , दूसरों को  हँसाया करोज़िंदगी हँसते - गाते बिताया करो |.........बहुत खूब  ह…"

seema agrawal replied Aug 27, 2012 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक २६

1138 Aug 28, 2012
Reply by Er. Ambarish Srivastava

"बहुत सुन्दर अशआर वीनस जी  मतले से लेकर मक्ते तक वाह ही वाह है.... मुशायरे की एक याद…"

seema agrawal replied Aug 27, 2012 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक २६

1138 Aug 28, 2012
Reply by Er. Ambarish Srivastava

"काम  ऐसे  करो ,  उँगलियाँ  न उठेउँगलियों  से  सदा  गुदगुदाया  करो |......वाह अरुण जी…"

seema agrawal replied Aug 27, 2012 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक २६

1138 Aug 28, 2012
Reply by Er. Ambarish Srivastava

"तुम न काजल नयन में लगाया करोबदलियॉं झील पर मत सजाया करो।....... कातिलाना सी लगती है…"

seema agrawal replied Aug 26, 2012 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक २६

1138 Aug 28, 2012
Reply by Er. Ambarish Srivastava

"वाह बहुत रवानगी के साथ पढ़ी जाने वाली गज़ल कही है नायाब जी सभी शेर शानदार पर इस शेर की…"

seema agrawal replied Aug 26, 2012 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक २६

1138 Aug 28, 2012
Reply by Er. Ambarish Srivastava

"वाह आदरणीय तिलक जी मतले से ही जादू शुरू हो गया सुब्‍ह बेशक हमें भूल जाया करो सॉंझ ढल…"

seema agrawal replied Aug 26, 2012 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक २६

1138 Aug 28, 2012
Reply by Er. Ambarish Srivastava

"होश की बात करता रहूँ उम्र भर lजाम कोई तो ऐसा पिलाया करो ll......वाह होश और जाम पहले…"

seema agrawal replied Aug 26, 2012 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक २६

1138 Aug 28, 2012
Reply by Er. Ambarish Srivastava

" कुछ व्यस्तता के कारण देर से उपस्थित हो सकी पर मुशायरे की प्रविष्टियाँ देख कर मज़ा आ…"

seema agrawal replied Aug 26, 2012 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक २६

1138 Aug 28, 2012
Reply by Er. Ambarish Srivastava

"बहुत खूब अम्बरीश जी माँ-बेटे का बहुत बढ़िया वार्तालाप प्रस्तुत किया है दोहों के माध्य…"

seema agrawal replied Aug 10, 2012 to "OBO लाइव महा उत्सव" अंक २२ (Now closed with 1165 Replies)

1165 Aug 10, 2012
Reply by Albela Khatri

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on शिज्जु "शकूर"'s blog post ग़ज़ल: मुराद ये नहीं हमको किसी से डरना है
"आदरणीय शिज्जु भाई , क्या बात है , बहुत अरसे बाद आपकी ग़ज़ल पढ़ा रहा हूँ , आपने खूब उन्नति की है …"
1 hour ago

सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" posted a blog post

ग़ज़ल: मुराद ये नहीं हमको किसी से डरना है

1212 1122 1212 22/112मुराद ये नहीं हमको किसी से डरना हैमगर सँभल के रह-ए-ज़ीस्त से गुज़रना हैमैं…See More
3 hours ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी posted a blog post

ग़ज़ल (जो उठते धुएँ को ही पहचान लेते)

122 - 122 - 122 - 122 जो उठते धुएँ को ही पहचान लेतेतो क्यूँ हम सरों पे ये ख़लजान लेते*न तिनके जलाते…See More
3 hours ago
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा सप्तक. . . . विविध

दोहा सप्तक. . . . विविधकह दूँ मन की बात या, सुनूँ तुम्हारी बात ।क्या जाने कल वक्त के, कैसे हों…See More
3 hours ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी commented on Mayank Kumar Dwivedi's blog post ग़ज़ल
""रोज़ कहता हूँ जिसे मान लूँ मुर्दा कैसे" "
4 hours ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी commented on Mayank Kumar Dwivedi's blog post ग़ज़ल
"जनाब मयंक जी ग़ज़ल का अच्छा प्रयास हुआ है बधाई स्वीकार करें, गुणीजनों की बातों का संज्ञान…"
4 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on Ashok Kumar Raktale's blog post मनहरण घनाक्षरी
"आदरणीय अशोक भाई , प्रवाहमय सुन्दर छंद रचना के लिए आपको हार्दिक बधाई "
4 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post एक धरती जो सदा से जल रही है [ गज़ल ]
"आदरणीय बागपतवी  भाई , ग़ज़ल पर उपस्थित हो उत्साह वर्धन करने के लिए आपका हार्दिक  आभार "
4 hours ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी commented on गिरिराज भंडारी's blog post एक धरती जो सदा से जल रही है [ गज़ल ]
"आदरणीय गिरिराज भंडारी जी आदाब, ग़ज़ल के लिए मुबारकबाद क़ुबूल फ़रमाएँ, गुणीजनों की इस्लाह से ग़ज़ल…"
5 hours ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी commented on अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी's blog post ग़ज़ल (जो उठते धुएँ को ही पहचान लेते)
"आदरणीय शिज्जु "शकूर" साहिब आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से…"
13 hours ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी commented on अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी's blog post ग़ज़ल (जो उठते धुएँ को ही पहचान लेते)
"आदरणीय निलेश शेवगाँवकर जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद, इस्लाह और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से…"
13 hours ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी commented on अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी's blog post ग़ज़ल (जो उठते धुएँ को ही पहचान लेते)
"आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी आदाब,  ग़ज़ल पर आपकी आमद बाइस-ए-शरफ़ है और आपकी तारीफें वो ए'ज़ाज़…"
13 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service