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"''विरही सावन''   आँखों में लेके सपने हजार करे गोरी इंतज़ार झूल रही झूला सावन में करे…"

Shanno Aggarwal replied Jul 10, 2011 to "OBO लाइव महा उत्सव" अंक ९

1024 Jul 11, 2011
Reply by Admin

"तपन जी, जो भी लिखा है आपने अपनी ग़ज़ल में बहुत अच्छा लिखा है डरने की क्या बात है यहाँ…"

Shanno Aggarwal replied Jul 10, 2011 to "OBO लाइव महा उत्सव" अंक ९

1024 Jul 11, 2011
Reply by Admin

"जी हाँ....उनकी स्माइल एक कान से दूसरे कान तक खिंची हुई है...:))))"

Shanno Aggarwal replied Jul 10, 2011 to "OBO लाइव महा उत्सव" अंक ९

1024 Jul 11, 2011
Reply by Admin

"रचना सराहने के लिये आपका हार्दिक धन्यबाद, अम्बरीश जी."

Shanno Aggarwal replied Jul 10, 2011 to "OBO लाइव महा उत्सव" अंक ९

1024 Jul 11, 2011
Reply by Admin

"बहुत धन्यबाद लता जी."

Shanno Aggarwal replied Jul 10, 2011 to "OBO लाइव महा उत्सव" अंक ९

1024 Jul 11, 2011
Reply by Admin

"''श्याम-वन में घन-घटा लहर-लहर विचर रही हथेलियों पे ताल के मेंहदी उभर रही नाम तुम्हार…"

Shanno Aggarwal replied Jul 10, 2011 to "OBO लाइव महा उत्सव" अंक ९

1024 Jul 11, 2011
Reply by Admin

"''आग लगे उनके दफ्तर को, ताकि वो घर लौट सके. बारिश की बूंदे उसको- सौतन के ही मानिंद ड…"

Shanno Aggarwal replied Jul 10, 2011 to "OBO लाइव महा उत्सव" अंक ९

1024 Jul 11, 2011
Reply by Admin

"बहुत धन्यबाद सौरभ जी."

Shanno Aggarwal replied Jul 10, 2011 to "OBO लाइव महा उत्सव" अंक ९

1024 Jul 11, 2011
Reply by Admin

"अम्बरीश जी, आपने अपनी हाजिरी इतनी लेट लगायी लेकिन घनाक्षरी पढ़कर आनंद आ गया...इस पर ब…"

Shanno Aggarwal replied Jul 10, 2011 to "OBO लाइव महा उत्सव" अंक ९

1024 Jul 11, 2011
Reply by Admin

"''निशुल्क सेवा''....पढ़कर हँसी आ गयी मुझे...ऐसे सवालात पूछने की भी एक कक्षा चालू हो ज…"

Shanno Aggarwal replied Jul 10, 2011 to "OBO लाइव महा उत्सव" अंक ९

1024 Jul 11, 2011
Reply by Admin

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"लक्ष्मण धामी जी अभिवादन, ग़ज़ल की मुबारकबाद स्वीकार कीजिए।"
4 hours ago
Manjeet kaur replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आदरणीय दयाराम जी, मतले के ऊला में खुशबू और हवा से संबंधित लिंग की जानकारी देकर गलतियों की तरफ़…"
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Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आदरणीय तस्दीक अहमद खान जी, तरही मिसरे पर बहुत सुंदर प्रयास है। शेर नं. 2 के सानी में गया शब्द दो…"
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Gajendra shrotriya replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"इस लकीर के फकीर को क्षमा करें आदरणीय🙏 आगे कभी भी इस प्रकार की गलती नहीं होगी🙏"
6 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आदरणीय रिचा यादव जी, आपने रचना जो पोस्ट की है। वह तरही मिसरा ऐन वक्त बदला गया था जिसमें आपका कोई…"
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Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आदरणीय मनजीत कौर जी, मतले के ऊला में खुशबू, उसकी, हवा, आदि शब्द स्त्री लिंग है। इनके साथ आ गया…"
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Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, आपकी ग़जल इस बार कुछ कमजोर महसूस हो रही है। हो सकता है मैं गलत हूँ पर आप…"
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Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी, बुरा मत मानियेगा। मै तो आपके सामने नाचीज हूँ। पर आपकी ग़ज़ल में मुझे बह्र व…"
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Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आदरणीय महेन्द्र कुमार जी, अति सुंदर सृजन के लिए बधाई स्वीकार करें।"
7 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आ. भाई तस्दीक अहमद जी, सादर अभिवादन। लम्बे समय बाद आपकी उपस्थिति सुखद है। सुंदर गजल हुई है। हार्दिक…"
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Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"ग़ज़ल 221, 2121, 1221, 212 इस बार रोशनी का मज़ा याद आगया उपहार कीमती का पता याद आगया अब मूर्ति…"
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