For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

योगराज प्रभाकर's Discussions (10,563)

Discussions Replied To (8536) Replies Latest Activity

"आयोजन में आपने, चाँद लगाए चार सब दोहों में आपके, दिखा विषय का सार . लेकिन दोहे पाँचव…"

योगराज प्रभाकर replied Jan 8, 2016 to "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-63

466 Jan 10, 2016
Reply by मिथिलेश वामनकर

"बहुत ही सुन्दर अभिव्यक्ति है आ० ममता जी, साधुवाद स्वीकारें I"

योगराज प्रभाकर replied Jan 8, 2016 to "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-63

466 Jan 10, 2016
Reply by मिथिलेश वामनकर

"वीर छंद में विषय बखाना, हर पद में है ऐसे भावजैसे खंजर कोई पैना, कर देता हो गहरा घाव…"

योगराज प्रभाकर replied Jan 8, 2016 to "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-63

466 Jan 10, 2016
Reply by मिथिलेश वामनकर

"आ० समर कबीर साहिब, यह प्रस्तुति आल्हा/वीर छंद में है I  ओबीओ पर इक विधा से सम्बंधित…"

योगराज प्रभाकर replied Jan 8, 2016 to "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-63

466 Jan 10, 2016
Reply by मिथिलेश वामनकर

"वाह वाह वाह !! मतले से मक़ते तक मोती जड़ दिए हैं आ० तस्दीक़ अहमद खान साहिब I इस लाजवाब…"

योगराज प्रभाकर replied Jan 8, 2016 to "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-63

466 Jan 10, 2016
Reply by मिथिलेश वामनकर

"सब दोहे अनुपम रचे, रचे विषय अनुसार ख़ंजर जैसी तेज़ है, हर दोहे की धार"

योगराज प्रभाकर replied Jan 8, 2016 to "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-63

466 Jan 10, 2016
Reply by मिथिलेश वामनकर

"दोनों रचनाएँ विषयानुरूप एवं प्रभावशाली हुई हैं भाई शेख़ शहज़ाद उस्मानी जी, बधाई प्रेषि…"

योगराज प्रभाकर replied Jan 8, 2016 to "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-63

466 Jan 10, 2016
Reply by मिथिलेश वामनकर

"बहुत खूब आ० कांता रॉय जी, बढ़िया कविता हुई है, हार्दिक बधाई I  "

योगराज प्रभाकर replied Jan 8, 2016 to "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-63

466 Jan 10, 2016
Reply by मिथिलेश वामनकर

"बहुत ही प्रवाहमयी और प्रभावशाली कविता रची है आ० प्रतिभा पाण्डेय जी I ढेरो बधाई स्वीक…"

योगराज प्रभाकर replied Jan 8, 2016 to "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-63

466 Jan 10, 2016
Reply by मिथिलेश वामनकर

"ख़ंजर बेशक एक है, रूप दिखाए चार रच दोहे में गीत यह, दे डाला उपहार"

योगराज प्रभाकर replied Jan 8, 2016 to "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-63

466 Jan 10, 2016
Reply by मिथिलेश वामनकर

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-180
"आदरणीय सौरभ सर, क्या ही खूब दोहे हैं। विषय अनुरूप बहुत बढ़िया प्रस्तुति हुई है। इस प्रस्तुति हेतु…"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-180
"हार्दिक आभार आदरणीय "
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-180
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी प्रदत्त विषय अनुरूप बहुत बढ़िया प्रस्तुति हुई है। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक…"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-180
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी प्रदत्त विषय अनुरूप बहुत बढ़िया प्रस्तुति हुई है। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक…"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-180
"हार्दिक आभार आदरणीय लक्ष्मण धामी जी।"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-180
"आ. भाई सौरभ जी, सादर अभिवादन। प्रदत्त विषय पर सुंदर रचना हुई है। हार्दिक बधाई।"
Sunday
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा पंचक. . . शृंगार

दोहा पंचक. . . . शृंगारबात हुई कुछ इस तरह,  उनसे मेरी यार ।सिरहाने खामोशियाँ, टूटी सौ- सौ बार…See More
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-180
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन।प्रदत्त विषय पर सुन्दर प्रस्तुति हुई है। हार्दिक बधाई।"
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-180
"बीते तो फिर बीत कर, पल छिन हुए अतीत जो है अपने बीच का, वह जायेगा बीत जीवन की गति बावरी, अकसर दिखी…"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-180
"वो भी क्या दिन थे,  ओ यारा, ओ भी क्या दिन थे। ख़बर भोर की घड़ियों से भी पहले मुर्गा…"
Sunday
Ravi Shukla commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - ( औपचारिकता न खा जाये सरलता ) गिरिराज भंडारी
"आदरणीय गिरिराज जी एक अच्छी गजल आपने पेश की है इसके लिए आपको बहुत-बहुत बधाई आदरणीय मिथिलेश जी ने…"
Sunday
Ravi Shukla commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: मिथिलेश वामनकर
"आदरणीय मिथिलेश जी सबसे पहले तो इस उम्दा गजल के लिए आपको मैं शेर दर शेरों बधाई देता हूं आदरणीय सौरभ…"
Sunday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service