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Chetan Prakash's Discussions (691)

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सदस्य टीम प्रबंधन

"आ. सौरभ जी, क्षमा करें, समस्या के मूल में जाने के बजाय जिम्मेदार लोग ' बलि का बकरा'…"

Chetan Prakash replied Apr 30 to पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय

57 May 5
Reply by Saurabh Pandey

सदस्य टीम प्रबंधन

"मंचासीन सभी सदस्यों को नमन, आदरणीय तिलक कपूर साहब से लेकर भाई अजय गुप्त 'अजेय' सभी क…"

Chetan Prakash replied Apr 29 to पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय

57 May 5
Reply by Saurabh Pandey

"नमन, ' रिया' जी,अच्छा ग़ज़ल का प्रयास किया आपने, विद्वत जनों के सुझावों पर ध्यान दीज…"

Chetan Prakash replied Apr 26 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-178

135 Apr 27
Reply by Euphonic Amit

"नमन,  'रिया' जी, अच्छा ग़ज़ल का प्रयास किया, आपने ।लेकिन विद्वत जनों के सुझाव अमूल्य…"

Chetan Prakash replied Apr 26 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-178

135 Apr 27
Reply by Euphonic Amit

"आ. भाई लक्ष्मण सिंह 'मुसाफिर' ग़ज़ल का आपका प्रयास अच्छा ही कहा जाएगा, बंधु! वैसे आद…"

Chetan Prakash replied Apr 26 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-178

135 Apr 27
Reply by Euphonic Amit

"आदाब, 'अमीर' साहब,  खूबसूरत ग़ज़ल कही आपने ! और, हाँ, तीखा व्यंग भी, जो बहुत ज़रूरी…"

Chetan Prakash replied Apr 26 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-178

135 Apr 27
Reply by Euphonic Amit

"1212    1122    1212    22 /  112 कि मर गए कहीं अहसास आदमी  न मिला गरजता  था बहुत…"

Chetan Prakash replied Apr 26 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-178

135 Apr 27
Reply by Euphonic Amit

"आ.गिरिराज भंडारी जी, नमस्कार! आपने फ्लेशबैक टेक्नीक के  माध्यम से अपने बचपन में उतर…"

Chetan Prakash replied Apr 13 to "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-173

82 Apr 14
Reply by गिरिराज भंडारी

"आदाब,  भाई लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' सुन्दर व्यंगात्मक शैली अच्छी हिन्दी ग़ज़ल कही आपने…"

Chetan Prakash replied Apr 13 to "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-173

82 Apr 14
Reply by गिरिराज भंडारी

"आदरेया, सहज, सरल स्वाभाविक सुन्दर शब्द-चयन के साथ अच्छी रचना हुई,  बधाई  !"

Chetan Prakash replied Apr 13 to "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-173

82 Apr 14
Reply by गिरिराज भंडारी

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Jaihind Raipuri joined Admin's group
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"हर सिम्त वो है फैला हुआ याद आ गया ज़ाहिद को मयकदे में ख़ुदा याद आ गया इस जगमगाती शह्र की हर शाम है…"
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Vikas replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"विकास जोशी 'वाहिद' तन्हाइयों में रंग-ए-हिना याद आ गया आना था याद क्या मुझे क्या याद आ…"
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Tasdiq Ahmed Khan replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"ग़ज़ल जो दे गया है मुझको दग़ा याद आ गयाशब होते ही वो जान ए अदा याद आ गया कैसे क़रार आए दिल ए…"
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"221 2121 1221 212 बर्बाद ज़िंदगी का मज़ा हमसे पूछिए दुश्मन से दोस्ती का मज़ा हमसे पूछिए १ पाते…"
2 hours ago
Manjeet kaur replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आदरणीय महेंद्र जी, ग़ज़ल की बधाई स्वीकार कीजिए"
4 hours ago
Manjeet kaur replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"खुशबू सी उसकी लाई हवा याद आ गया, बन के वो शख़्स बाद-ए-सबा याद आ गया। वो शोख़ सी निगाहें औ'…"
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"हमको नगर में गाँव खुला याद आ गयामानो स्वयं का भूला पता याद आ गया।१।*तम से घिरे थे लोग दिवस ढल गया…"
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Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"221    2121    1221    212    किस को बताऊँ दोस्त  मैं…"
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Mahendra Kumar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"सुनते हैं उसको मेरा पता याद आ गया क्या फिर से कोई काम नया याद आ गया जो कुछ भी मेरे साथ हुआ याद ही…"
13 hours ago
Admin posted a discussion

"ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)

आदरणीय साथियो,सादर नमन।."ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" में आप सभी का हार्दिक स्वागत है।प्रस्तुत…See More
13 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: मिथिलेश वामनकर
"सूरज के बिम्ब को लेकर क्या ही सुलझी हुई गजल प्रस्तुत हुई है, आदरणीय मिथिलेश भाईजी. वाह वाह वाह…"
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