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pratibha pande's Discussions (4,613)

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"हार्दिक आभार आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी"

pratibha pande replied Jun 13, 2021 to "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-128

35 Jun 13, 2021
Reply by Aazi Tamaam

"वाह बहुत ही खूबसूरत नग़मा हार्दिक बधाई आदरणीय"

pratibha pande replied Jun 13, 2021 to "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-128

35 Jun 13, 2021
Reply by Aazi Tamaam

"प्रदत्त विषय पर शानदार गज़ल हार्दिक बधाई आदरणीय भाई लक्ष्मण धामी जी"

pratibha pande replied Jun 13, 2021 to "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-128

35 Jun 13, 2021
Reply by Aazi Tamaam

"दो मुक्तक ________ जाल को अपने समेटे, बाँधता तम बिस्तरा भोर की अठखेलियों में, रम रह…"

pratibha pande replied Jun 13, 2021 to "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-128

35 Jun 13, 2021
Reply by Aazi Tamaam

"विनम्र श्रद्धांजली"

pratibha pande replied May 23, 2021 to खुशियाँ और गम, ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार के संग...

3552 Sep 14, 2024
Reply by अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी

"इस सकारात्मक गीत सृजन पर हार्दिक बधाई आदरणीय चेतन प्रकाश जी"

pratibha pande replied May 16, 2021 to "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-127

12 May 16, 2021
Reply by Chetan Prakash

"आदरणीय चेतन प्रकाश जी   ये एक छंदमुक्त/ अतुकान्त रचना है। सादर"

pratibha pande replied May 16, 2021 to "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-127

12 May 16, 2021
Reply by Chetan Prakash

"हार्दिक आभार आदरणीय भाई लक्ष्मण धामी जी"

pratibha pande replied May 16, 2021 to "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-127

12 May 16, 2021
Reply by Chetan Prakash

"सादर अभिवादन आदरणीय सौरभ पाण्डे जी "

pratibha pande replied May 15, 2021 to "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-127

12 May 16, 2021
Reply by Chetan Prakash

"हम होंगे कामयाब_____________ तू' और 'मैं' से उठकर जिस दिन हम 'हम' होंगे कामयाबी का आ…"

pratibha pande replied May 15, 2021 to "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-127

12 May 16, 2021
Reply by Chetan Prakash

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Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171 in the group चित्र से काव्य तक
"कह-मुकरी * प्रश्न नया नित जुड़ता जाए। एक नहीं वह हल कर पाए। थक-हार गया वह खेल जुआ। क्या सखि साजन?…"
6 hours ago
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171 in the group चित्र से काव्य तक
"कभी इधर है कभी उधर है भाती कभी न एक डगर है इसने कब किसकी है मानी क्या सखि साजन? नहीं जवानी __ खींच-…"
10 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Aazi Tamaam's blog post तरही ग़ज़ल: इस 'अदालत में ये क़ातिल सच ही फ़रमावेंगे क्या
"आदरणीय तमाम जी, आपने भी सर्वथा उचित बातें कीं। मैं अवश्य ही साहित्य को और अच्छे ढंग से पढ़ने का…"
14 hours ago
Aazi Tamaam commented on Aazi Tamaam's blog post तरही ग़ज़ल: इस 'अदालत में ये क़ातिल सच ही फ़रमावेंगे क्या
"आदरणीय सौरभ जी सह सम्मान मैं यह कहना चाहूँगा की आपको साहित्य को और अच्छे से पढ़ने और समझने की…"
16 hours ago
Sushil Sarna replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171 in the group चित्र से काव्य तक
"कह मुकरियाँ .... जीवन तो है अजब पहेली सपनों से ये हरदम खेली इसको कोई समझ न पाया ऐ सखि साजन? ना सखि…"
16 hours ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171 in the group चित्र से काव्य तक
"मुकरियाँ +++++++++ (१ ) जीवन में उलझन ही उलझन। दिखता नहीं कहीं अपनापन॥ गया तभी से है सूनापन। क्या…"
22 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171 in the group चित्र से काव्य तक
"  कह मुकरियां :       (1) क्या बढ़िया सुकून मिलता था शायद  वो  मिजाज…"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171 in the group चित्र से काव्य तक
"रात दिवस केवल भरमाए। सपनों में भी खूब सताए। उसके कारण पीड़ित मन। क्या सखि साजन! नहीं उलझन। सोच समझ…"
yesterday
Aazi Tamaam posted blog posts
yesterday
Chetan Prakash commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post लौटा सफ़र से आज ही, अपना ज़मीर है -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"बहुत खूबसूरत ग़ज़ल हुई,  भाई लक्ष्मण सिंह 'मुसाफिर' साहब! हार्दिक बधाई आपको !"
Thursday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कापुरुष है, जता रही गाली// सौरभ
"आदरणीय मिथिलेश भाई, रचनाओं पर आपकी आमद रचनाकर्म के प्रति आश्वस्त करती है.  लिखा-कहा समीचीन और…"
Wednesday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on Saurabh Pandey's blog post कापुरुष है, जता रही गाली// सौरभ
"आदरणीय सौरभ सर, गाली की रदीफ और ये काफिया। क्या ही खूब ग़ज़ल कही है। इस शानदार प्रस्तुति हेतु…"
Tuesday

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