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Ashok Kumar Raktale's Discussions (6,371)

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"आदरणीय गजेन्द्र क्षोत्रिय जी सादर, बहुत कमाल गजल हुई है आपकी गजल को तो अब निगाहें ढू…"

Ashok Kumar Raktale replied May 24, 2014 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-47

848 May 25, 2014
Reply by अरुण कुमार निगम

"कितने साल बीते हैं जलते जलते यादों में,हम हिसाब भूले पर झुर्रियाँ समझती हैं।........…"

Ashok Kumar Raktale replied May 24, 2014 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-47

848 May 25, 2014
Reply by अरुण कुमार निगम

"जिन्दगी में यूं सारे बहुत लोग मिलते हैं आँख  कौन भायेगा पुतलियाँ समझती हैं....... वा…"

Ashok Kumar Raktale replied May 24, 2014 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-47

848 May 25, 2014
Reply by अरुण कुमार निगम

"आदरणीय भुवन निस्तेज जी सादर, बहुत सुन्दर गजल कही है मतला और गिरह का शेर तो बहुत ही ब…"

Ashok Kumar Raktale replied May 24, 2014 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-47

848 May 25, 2014
Reply by अरुण कुमार निगम

"आदरणीय अखंड गहमरी साहब सादर, सुन्दर गजल कही है. दिली दाद कुबुलें. सादर."

Ashok Kumar Raktale replied May 24, 2014 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-47

848 May 25, 2014
Reply by अरुण कुमार निगम

"बस दुआ ही लिखती है और कुछ नहीं कहती माँ का हाल कैसा है चिट्ठियाँ समझती हैं..........…"

Ashok Kumar Raktale replied May 24, 2014 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-47

848 May 25, 2014
Reply by अरुण कुमार निगम

"तुम नहीं हो इस खातिर, घर नहीं ये कमरा हैमेरा ये अधूरापन, खिड़कियां समझती हैं........…"

Ashok Kumar Raktale replied May 24, 2014 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-47

848 May 25, 2014
Reply by अरुण कुमार निगम

"पत्थरों को सहकर भी फल हुलस के बांटेंगी नन्हे मन की चाहत को बेरियाँ समझती हैं........…"

Ashok Kumar Raktale replied May 24, 2014 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-47

848 May 25, 2014
Reply by अरुण कुमार निगम

"बारिशें अचानक की बदलियाँ समझती हैं द्वार पर पड़ी दस्तक पत्नियाँ समझती हैं   रूठना मना…"

Ashok Kumar Raktale replied May 24, 2014 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-47

848 May 25, 2014
Reply by अरुण कुमार निगम

"आने जाने वालों को सीढियाँ समझती हैं कौन कितना दोषी है बेड़ियाँ समझती हैं.............…"

Ashok Kumar Raktale replied May 24, 2014 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-47

848 May 25, 2014
Reply by अरुण कुमार निगम

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"आदरणीय मिथिलेश भाई, रचनाओं पर आपकी आमद रचनाकर्म के प्रति आश्वस्त करती है.  लिखा-कहा समीचीन और…"
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मिथिलेश वामनकर commented on Saurabh Pandey's blog post कापुरुष है, जता रही गाली// सौरभ
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"आधुनिक जीवन के परिप्रेक्ष्य में माता के दायित्व और उसके ममत्व का बखान प्रस्तुत रचना में ऊभर करा…"
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Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
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