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Rana Pratap Singh's Discussions (2,359)

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सदस्य टीम प्रबंधन

"कहावत:- मैं सुनरी मोर पिया सुनरा गऊवां के लोग बनरी बनरा मूल भाषा:- अवधी अर्थ/प्रयोग…"

Rana Pratap Singh replied Jun 28, 2010 to कुछ लुप्त प्राय कहावतें

16 Dec 30, 2010
Reply by Navin C. Chaturvedi

सदस्य टीम प्रबंधन

"कहावत:- सास मोर अन्हरी ससुर मोर अन्हरा जेहसे बियाही उहो चक्चोन्हरा केकरे पे देई धेपा…"

Rana Pratap Singh replied Jun 24, 2010 to कुछ लुप्त प्राय कहावतें

16 Dec 30, 2010
Reply by Navin C. Chaturvedi

सदस्य टीम प्रबंधन

"कहावत:- तौवा की तेरी खापडिया की मेरी मूल भाषा:- अवधी अर्थ/प्रयोग:- तौवा=तवा खापडिया=…"

Rana Pratap Singh replied Jun 22, 2010 to कुछ लुप्त प्राय कहावतें

16 Dec 30, 2010
Reply by Navin C. Chaturvedi

सदस्य टीम प्रबंधन

"कहावत:- खावा भात उड़वा पांत मूल भाषा:- अवधी अर्थ/प्रयोग:- भात=पकाया हुआ चावल पांत=पं…"

Rana Pratap Singh replied Jun 22, 2010 to कुछ लुप्त प्राय कहावतें

16 Dec 30, 2010
Reply by Navin C. Chaturvedi

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"कहावत:-. बाप पदहिन ना जाने पूत शंख बजावे मूल भाषा:- अवधी अर्थ/प्रयोग:- जब पुत्र किसी…"

Rana Pratap Singh replied Jun 22, 2010 to कुछ लुप्त प्राय कहावतें

16 Dec 30, 2010
Reply by Navin C. Chaturvedi

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"कहावत:- उठा बूढ़ा साँस ल्या चरखा छोड़ा जांत ल्या मूल भाषा:- अवधी अर्थ/प्रयोग:- यह कह…"

Rana Pratap Singh replied Jun 22, 2010 to कुछ लुप्त प्राय कहावतें

16 Dec 30, 2010
Reply by Navin C. Chaturvedi

"बागी भैया आपको शादी की सालगिरह मुबारक हो."

Rana Pratap Singh replied Jun 15, 2010 to खुशियाँ और गम, ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार के संग...

3552 Sep 14, 2024
Reply by अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी

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"OBO के सभी सदस्यों को प्रणाम इस चर्चा का उद्देश्य मात्र इतना ही था कि हम सब कुछ भी…"

Rana Pratap Singh replied Jun 12, 2010 to अंतर्जाल पर हिंदी का प्रयोग

15 Nov 14, 2010
Reply by Navin C. Chaturvedi

सदस्य टीम प्रबंधन

"आदरणीय एडमिन महोदय स्पष्ट करना चाहूँगा कि हिंदी टाइपिंग के जितने भी टूल हैं सभी के…"

Rana Pratap Singh replied Jun 11, 2010 to अंतर्जाल पर हिंदी का प्रयोग

15 Nov 14, 2010
Reply by Navin C. Chaturvedi

"पुरानी डायरी के पन्ने पलटते हुए आज इस पर नज़र पड़ गई तो मन में ख्याल आया के चलो OBO प…"

Rana Pratap Singh replied Jun 8, 2010 to आईये पढ़े और लिखे ख्यातिप्राप्त रचनाकारो की कुछ रचनाये...

39 Aug 24, 2013
Reply by आशीष नैथानी 'सलिल'

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Saurabh Pandey replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"आदरणीय अमीरुद्दीन जी, किसी को किसी के प्रति कोई दुराग्रह नहीं है. दुराग्रह छोड़िए, दुराव तक नहीं…"
2 hours ago

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Saurabh Pandey commented on अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी's blog post ग़ज़ल (जो उठते धुएँ को ही पहचान लेते)
"अपने आपको विकट परिस्थितियों में ढाल कर आत्म मंथन के लिए सुप्रेरित करती इस गजल के लिए जितनी बार दाद…"
2 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" commented on Ashok Kumar Raktale's blog post मनहरण घनाक्षरी
"आदरणीय सौरभ सर, अवश्य इस बार चित्र से काव्य तक छंदोत्सव के लिए कुछ कहने की कोशिश करूँगा।"
2 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Ashok Kumar Raktale's blog post मनहरण घनाक्षरी
"शिज्जू भाई, आप चित्र से काव्य तक छंदोत्सव के आयोजन में शिरकत कीजिए. इस माह का छंद दोहा ही होने वाला…"
3 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - गुनाह कर के भी उतरा नहीं ख़ुमार मेरा
"धन्यवाद आ. अमीरुद्दीन अमीर साहब "
3 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - गुनाह कर के भी उतरा नहीं ख़ुमार मेरा
"धन्यवाद आ. सौरभ सर,आप हमेशा वहीँ ऊँगली रखते हैं जहाँ मैं आपसे अपेक्षा करता हूँ.ग़ज़ल तक आने, पढने और…"
3 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post मौत खुशियों की कहाँ पर टल रही है-लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आ. लक्ष्मण धामी जी,अच्छी ग़ज़ल हुई है ..दो तीन सुझाव हैं,.वह सियासत भी कभी निश्छल रही है.लाख…"
3 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी's blog post ग़ज़ल (जो उठते धुएँ को ही पहचान लेते)
"आ. अमीरुद्दीन अमीर साहब,अच्छी ग़ज़ल हुई है ..बधाई स्वीकार करें ..सही को मैं तो सही लेना और पढना…"
3 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" commented on अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी's blog post ग़ज़ल (जो उठते धुएँ को ही पहचान लेते)
"मोहतरम अमीरुद्दीन अमीर बागपतवी साहिब, अच्छी ग़ज़ल हुई है, सादर बधाई"
3 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" commented on Ashok Kumar Raktale's blog post मनहरण घनाक्षरी
"आदरणीय सौरभ सर, हार्दिक आभार, मेरा लहजा ग़जलों वाला है, इसके अतिरिक्त मैं दौहा ही ठीक-ठाक पढ़ लिख…"
3 hours ago
Sushil Sarna posted blog posts
5 hours ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी posted a blog post

ग़ज़ल (जो उठते धुएँ को ही पहचान लेते)

122 - 122 - 122 - 122 जो उठते धुएँ को ही पहचान लेतेतो क्यूँ हम सरों पे ये ख़लजान लेते*न तिनके जलाते…See More
5 hours ago

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