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सतविन्द्र कुमार राणा's Discussions (3,238)

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"दोहों ने अच्छी कही, पूरी मन की बात, खूब बधाई लीजिए, हे धामी जी तात।"

सतविन्द्र कुमार राणा replied Mar 14, 2021 to "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-125

17 Mar 14, 2021
Reply by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'

"बहुत खूब आदरणीय,"

सतविन्द्र कुमार राणा replied Mar 14, 2021 to "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-125

17 Mar 14, 2021
Reply by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'

"एक फिलबदीह कोशिश कौन किसी से कर पाता है अपनेपन की बातें, मन में भी दब कर रह जाती…"

सतविन्द्र कुमार राणा replied Mar 14, 2021 to "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-125

17 Mar 14, 2021
Reply by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'

"हम इस दुख की घड़ी में योगराज सर और उनके परिवार के साथ हैं, ईश्वर इस दुःख को सहने की श…"

सतविन्द्र कुमार राणा replied Jan 17, 2021 to खुशियाँ और गम, ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार के संग...

3552 Sep 14, 2024
Reply by अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी

"दीदी मात्राएं तो ठीक हैं, रोला छंद के सम चरण समकल (द्विकल, चौकलआदि) से समाप्त होते ह…"

सतविन्द्र कुमार राणा replied Dec 13, 2020 to "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-122

30 Dec 13, 2020
Reply by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'

"सादर आभार आदरणीया प्रतिभा दीदी"

सतविन्द्र कुमार राणा replied Dec 13, 2020 to "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-122

30 Dec 13, 2020
Reply by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'

"सादर नमन आदरणीया प्रतिभा दीदी, उत्तम कुण्डलिया हुई है। रोला छंद का चरणान्त 12 से हो…"

सतविन्द्र कुमार राणा replied Dec 13, 2020 to "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-122

30 Dec 13, 2020
Reply by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'

"सादर नमन आदरणीय, उत्तमाभिव्यक्ति!"

सतविन्द्र कुमार राणा replied Dec 13, 2020 to "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-122

30 Dec 13, 2020
Reply by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'

"न अपना हाल ही देखा न घर देखा,कि जब भी देखा हमने बस सफर देखा। लगा है ज़ोर रोटी को कमा…"

सतविन्द्र कुमार राणा replied Dec 13, 2020 to "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-122

30 Dec 13, 2020
Reply by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'

सदस्य टीम प्रबंधन

"ओह्ह दुःखद! विनम्र श्रद्धांजलि"

सतविन्द्र कुमार राणा replied Oct 17, 2020 to ओबीओ परिवार के युवा साहित्यकार अरुन अनन्त की दैहिक विदाई

18 Oct 21, 2020
Reply by Sushil Sarna

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Nilesh Shevgaonkar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"धन्यवाद आ. चेतन प्रकाश जी..ख़ुर्शीद (सूरज) ..उगता है अत: मेरा शब्द चयन सहीह है.भूखे को किसी ही…"
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Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"मतला बहुत खूबसूरत हुआ,  आदरणीय भाई,  नीलेश ' नूर! दूसरा शे'र भी कुछ कम नहीं…"
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Nilesh Shevgaonkar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
". तू है तो तेरा जलवा दिखाने के लिए आ नफ़रत को ख़ुदाया! तू मिटाने के लिए आ. . ज़ुल्मत ने किया घर तेरे…"
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Nilesh Shevgaonkar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"आ. लक्ष्मण जी,मतला भरपूर हुआ है .. जिसके लिए बधाई.अन्य शेर थोडा बहुत पुनरीक्षण मांग रहे…"
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Nilesh Shevgaonkar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"आ. आज़ी तमाम भाई,मतला जैसा आ. तिलकराज सर ने बताया, हो नहीं पाया है. आपको इसे पुन: कहने का प्रयास…"
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"आ. भाई गिरिराज जी, सादर अभिवादन। बहुत खूबसूरत गजल हुई है। हार्दिक बधाई।"
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लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"221 1221 1221 122**भटके हैं सभी, राह दिखाने के लिए आइन्सान को इन्सान बनाने के लिए आ।१।*धरती पे…"
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Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"ग़ज़ल अच्छी है, लेकिन कुछ बारीकियों पर ध्यान देना ज़रूरी है। बस उनकी बात है। ये तर्क-ए-तअल्लुक भी…"
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Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"२२१ १२२१ १२२१ १२२ ये तर्क-ए-तअल्लुक भी मिटाने के लिये आ मैं ग़ैर हूँ तो ग़ैर जताने के लिये…"
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गिरिराज भंडारी posted a blog post

ग़ज़ल - चली आयी है मिलने फिर किधर से ( गिरिराज भंडारी )

चली आयी है मिलने फिर किधर से१२२२   १२२२    १२२जो बच्चे दूर हैं माँ –बाप – घर सेवो पत्ते गिर चुके…See More
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Aazi Tamaam commented on Aazi Tamaam's blog post तरही ग़ज़ल: इस 'अदालत में ये क़ातिल सच ही फ़रमावेंगे क्या
"बहुत बहुत शुक्रिया आदरणीय निलेश सर ग़ज़ल पर नज़र ए करम का देखिये आदरणीय तीसरे शे'र में सुधार…"
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