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नादिर ख़ान's Discussions (1,566)

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"खाली जेब लिए जाते  हो काटेगा कुर्सी पर जो बैठा लाल ततैया जी ....उम्दा शेर कहा    ढों…"

नादिर ख़ान replied Sep 11, 2015 to "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-59

661 Sep 12, 2015
Reply by Ravi Shukla

"बिखरे हुये तमाम ख़यालात को समेटइक काम इनको बांधने का दे गया समयजब हाल पर मेरे तरस आय…"

नादिर ख़ान replied Sep 11, 2015 to "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-59

661 Sep 12, 2015
Reply by Ravi Shukla

"जीवन में हर एक पर, पड़े समय प्रतिकूल  हिम्मत से कर सामना, बना इसे अनुकूल   सही समय जो…"

नादिर ख़ान replied Sep 11, 2015 to "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-59

661 Sep 12, 2015
Reply by Ravi Shukla

"सुंदर  मन मोहक दोहवाली, सभी दोहे पसंद आए आदरणीया सरिता जी  बहुत बधाई इस उत्तम रचना क…"

नादिर ख़ान replied Sep 11, 2015 to "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-59

661 Sep 12, 2015
Reply by Ravi Shukla

"समय अशुभ तो श्वान गली का, घर में घुसकर काटेगा।                     भाग्य प्रबल तो लल…"

नादिर ख़ान replied Sep 11, 2015 to "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-59

661 Sep 12, 2015
Reply by Ravi Shukla

"तन्द्रा ने उत्थान-पतन की बिसरा दीं सब परिभाषाएं डिजिटल सपनों नें पलड़ों पर, हाय! उतार…"

नादिर ख़ान replied Sep 11, 2015 to "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-59

661 Sep 12, 2015
Reply by Ravi Shukla

"विषय - समय के साथ न जाने कौन स जादू था शहर की फिजाँ में कि एक के बाद एक खा…"

नादिर ख़ान replied Sep 11, 2015 to "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-59

661 Sep 12, 2015
Reply by Ravi Shukla

सदस्य टीम प्रबंधन

"आयोजन में शामिल हो पाना गर्व की बात है। इस आयोजन के माध्यम से कुछ कुछ सीखा है, आगे भ…"

नादिर ख़ान replied Sep 2, 2015 to ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा अंक 62 में सम्मिलित सभी ग़ज़लों का संकलन (चिन्हित मिसरों के साथ)

17 Jan 28, 2016
Reply by मिथिलेश वामनकर

"करे है दावा जो सारा जहाँ समझने का खुद अपनी ज़ात से वो शख़्स रू ब रू ही नहीं     घटे तो…"

नादिर ख़ान replied Aug 22, 2015 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-62

440 Aug 22, 2015
Reply by shree suneel

"आदरणीय सौरभ सर मैंने  देर से मुशायरे मे शिरकत की इसलिये अभी गज़ल पढ़ी  मगर जब पढ़ी तो द…"

नादिर ख़ान replied Aug 22, 2015 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-62

440 Aug 22, 2015
Reply by shree suneel

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देवता क्यों दोस्त होंगे फिर भला- लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

२१२२/२१२२/२१२ **** तीर्थ जाना  हो  गया है सैर जब भक्ति का यूँ भाव जाता तैर जब।१। * देवता…See More
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कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ

२१२२ २१२२ २१२२ जब जिये हम दर्द.. थपकी-तान देते कौन क्या कहता नहीं अब कान देते   आपके निर्देश हैं…See More
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"आदाब। रचना पटल पर नियमित उपस्थिति और समीक्षात्मक टिप्पणी सहित अमूल्य मार्गदर्शन प्रदान करने हेतु…"
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"सादर नमस्कार। रचना पटल पर अपना अमूल्य समय देकर अमूल्य सहभागिता और रचना पर समीक्षात्मक टिप्पणी हेतु…"
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दोहा सप्तक. . . सागर प्रेम

दोहा सप्तक. . . सागर प्रेमजाने कितनी वेदना, बिखरी सागर तीर । पीते - पीते हो गया, खारा उसका नीर…See More
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pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"आदरणीय उस्मानी जी एक गंभीर विमर्श को रोचक बनाते हुए आपने लघुकथा का अच्छा ताना बाना बुना है।…"
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सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: मिथिलेश वामनकर
"आदरणीय सौरभ सर, आपको मेरा प्रयास पसंद आया, जानकार मुग्ध हूँ. आपकी सराहना सदैव लेखन के लिए प्रेरित…"
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सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: मिथिलेश वामनकर
"आदरणीय  लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर जी, मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार. बहुत…"
Friday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहजाद उस्मानी जी, आपने बहुत बढ़िया लघुकथा लिखी है। यह लघुकथा एक कुशल रूपक है, जहाँ…"
Friday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"असमंजस (लघुकथा): हुआ यूॅं कि नयी सदी में 'सत्य' के साथ लिव-इन रिलेशनशिप के कड़वे अनुभव…"
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Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"आदाब साथियो। त्योहारों की बेला की व्यस्तता के बाद अब है इंतज़ार लघुकथा गोष्ठी में विषय मुक्त सार्थक…"
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