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वीनस केसरी's Discussions (2,462)

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"बहुत ऊँचा शेर हुआ है तिलक जीपुनः बधाई"

वीनस केसरी replied Aug 26, 2012 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक २६

1138 Aug 28, 2012
Reply by Er. Ambarish Srivastava

"वाह उमाशंकर जी दिनों दिन आपकी ग़ज़लों में कशिश बढ़ती ही जा रही है आज लग कर गले  हम चलो…"

वीनस केसरी replied Aug 26, 2012 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक २६

1138 Aug 28, 2012
Reply by Er. Ambarish Srivastava

"बात दिल से न कोई लगाया करो राज सबसे न कोई जताया करो ........... बिलकुल अमल करेंगे  …"

वीनस केसरी replied Aug 26, 2012 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक २६

1138 Aug 28, 2012
Reply by Er. Ambarish Srivastava

"कीमती है जुबां  , सोच कर खोलिए बेवजह  ही  जुबां  ना  चलाया करो |बहुत खूब क्या बात कह…"

वीनस केसरी replied Aug 26, 2012 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक २६

1138 Aug 28, 2012
Reply by Er. Ambarish Srivastava

"संग के  शहर में , काँच का आशियाँ है  मेरा  मशवरा  , मत बनाया करो |वाह वा अरुण जी शी…"

वीनस केसरी replied Aug 26, 2012 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक २६

1138 Aug 28, 2012
Reply by Er. Ambarish Srivastava

"सीखते हैं सभी , थाम कर उँगलियाँनन्हें बच्चों को चलना सिखाया करो | काम  ऐसे  करो ,  उ…"

वीनस केसरी replied Aug 26, 2012 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक २६

1138 Aug 28, 2012
Reply by Er. Ambarish Srivastava

"वाह ये भी खूब कही आपने शेर तो कहीं भी टकरा सकता है जैसे अभी अभी आपने और अरुण जी ने ग़…"

वीनस केसरी replied Aug 26, 2012 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक २६

1138 Aug 28, 2012
Reply by Er. Ambarish Srivastava

"तिलक साहिब उस्तादों के कलाम की बात ही अलग होती है हर एक शेर उस्तादाना रंगत से सराबोर…"

वीनस केसरी replied Aug 26, 2012 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक २६

1138 Aug 28, 2012
Reply by Er. Ambarish Srivastava

"बहुत खूब नायाब साहिब संभवतः आपको पहली बार पढ़ रहा हूँ और इस पहली दफा में ही आपने अपना…"

वीनस केसरी replied Aug 26, 2012 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक २६

1138 Aug 28, 2012
Reply by Er. Ambarish Srivastava

"तिलक जी मतले से मक्ता तब का खूबसूरत सफर एक सांस में पूरा हुआ बहुत लयात्मक खूबसूरत ता…"

वीनस केसरी replied Aug 26, 2012 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक २६

1138 Aug 28, 2012
Reply by Er. Ambarish Srivastava

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"कह-मुकरी * प्रश्न नया नित जुड़ता जाए। एक नहीं वह हल कर पाए। थक-हार गया वह खेल जुआ। क्या सखि साजन?…"
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pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171 in the group चित्र से काव्य तक
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13 hours ago

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19 hours ago
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yesterday

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